Uttarakhand: एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट से पहले आई मौत, संभावित डेंगू मरीज ने अस्पताल में तोड़ा दम; प्रशासन सतर्क
उप जिला चिकित्सालय में भर्ती संभावित डेंगू मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है। अस्पताल में भर्ती छह डेंगू मरीजों की हालत स्थिर है। प्रदेशभर में डेंगू के प्रसार के साथ ही उप जिला चिकित्सालय की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। 10 दिन पहले तक जहां ओपीडी में प्रतिदिन 150 मरीज पहुंच रहे थे उनकी संख्या 200 के पार पहुंच गई है।
कर्णप्रयाग, संवाद सहयोगी: उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में भर्ती संभावित डेंगू मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है। अस्पताल में भर्ती छह डेंगू मरीजों की हालत स्थिर है। वर्तमान में प्रदेशभर में डेंगू के प्रसार के साथ ही उप जिला चिकित्सालय की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। 10 दिन पहले तक जहां ओपीडी में प्रतिदिन 150 मरीज पहुंच रहे थे, उनकी संख्या 200 के पार पहुंच गई है। इनमें अधिकतर खांसी-बुखार से पीड़ित मरीज ही पहुंच रहे हैं।
आफताब आलम (38) निवासी घोराघाट किशनगंज बिहार व हाल निवासी अपर बाजार कर्णप्रयाग पिछले 18 साल से कर्णप्रयाग मस्जिद के इमाम थे। बीती बुधवार रात उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। आनन-फानन में उन्हें उप जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां रात नौ बजे उनकी मौत हो गई।
एंटीजन टेस्ट आया था पॉजिटिव
चिकित्साधीक्षक डॉ. हरीश थपलियाल ने बताया कि मरीज की तबीयत एक सप्ताह से खराब थी। मरीज का एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव आया था, जिसके बाद एलाइजा टेस्ट भी किया गया था, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद जब उन्हें भर्ती होने को कहा गया तो उन्होंने घर पर ही उपचार का आग्रह किया था। बुधवार को अचानक उनके प्लेटलेट्स कम हो गए थे। बीते दिनों 200 मरीजों का एंटीजन टेस्ट किया गया, जिसमें 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, इनमें से छह मरीजों की एलाइजा रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
यह भी पढ़ें:- देहरादून से पिथौरागढ़ के लिए जल्द शुरू होगी हवाई सेवा, सीएम धामी की मौजूदगी में होगा उद्घाटन
चिकित्सकीय परामर्श के बाद दवा लें, बरतें सतर्कता
चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरीश थपलियाल ने बुखार, एकाएक पेट में तेज दर्द, बेहोशी और रक्त जांच में प्लेटलेट्स के लगातार कम होने के लक्षणों को गंभीरता से लेने की सलाह दी। कहा कि इसका समय पर उपचार जरूरी है। इसके लिए आसपास रुके हुए साफ पानी में ब्लीचिंग पाउडर डालें, अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थ लें, फलों का सेवन अधिक करें और चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही दवा लें।
यह भी पढ़ें:- GIS की तैयारियों की सीएम ने की समीक्षा, बोले- निवेश को बढ़ाने के लिए नीतियों में हो आवश्यक संशोधन