मूसलधार वर्षा के चलते Badrinath Highway कमेडा व नंदप्रयाग में बंद, 2000 से ज्यादा यात्री फंसे
Badrinath Highway भारी बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे कमेडा और नंदप्रयाग में बंद हो गया है जिससे 2000 से अधिक यात्री फंस गए हैं। लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से भूस्खलन के कारण हाईवे को खोलने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। चमोली जिले में वर्षा के चलते अभी भी 31 ग्रामीण लिंक मार्ग बंद पड़े हैं ।
संवाद सहयोगी,जागरण, गोपेश्वर। Badrinath Highway: चमोली जनपद में बीती रात्रि से हो रही वर्षा आफत का सबब बना हुआ है। बदरीनाथ हाईवे चमोली सीमा कमेडा के पास भूस्खलन से गुरुवार दोपहर ढाई बजे से बंद है जो देर सांय तक भी यातायात के लिए सुचारु नहीं हो पाया है।
भारी वर्षा व पहाड़ी से हो रहे लगातार भूस्खलन के चलते हाईवे खोलने का कार्य शुरु नहीं हो पा रहा है। कमेडा में हाईवे अवरुद्ध होने के चलते हाईवे के दोनों ओर तीन किमी से अधिक यात्री वाहनों की कतारें लगने के साथ ही दो हजार से अधिक तीर्थयात्री व आमजन हाईवे खोलने का इंतजार कर रहे हैं।
तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा
चमोली जिले में बीती रात्रि से हो रही लगातार वर्षा गुरुवार सांय तक भी जारी रही। वर्षा के चलते बदरीनाथ धाम व हेमकुंड की यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे बाधित होने के चलते तीर्थयात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
मूसलधार वर्षा के चलते कर्णप्रयाग-बदरीनाथ राजमार्ग चमोली जनपद की प्रवेश सीमा कमेड़ा में बार बार हाईवे पर मलबा व बोल्डर आने के चलते सुबह से खुलता ओर बंद होता रहा है। दोपहर ढाई बजे कमेडा में भारी भूस्खलन के चलते पहाड़ी से बोल्डर व मलबा आने से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।
लगातार वर्षा के चलते कमेडा भूस्खलन जोन में पहाडी से बोल्डर व मलबा आने के चलते हाईवे खोलने में दिक्कतें आ रही है। हालांकि हाईवे खोलने के लिए मौके पर एक जेसीबी मशीन तैनात है लेकिन पहाडी से बोल्डर व मलबा आने के चलते हाईवे खोलने का कार्य रुका हुआ है। हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे तीर्थयात्रियों के साथ आमजन में भी खासा आक्रोश है जिसको लेकर हाईवे खोलने में हो रही देरी पर तीर्थयात्रियों ने हाईवे पर हो हल्ला भी किया।
वहीं नंदप्रयाग पर्थाडीप के पास भी सुबह से हाईवे खुलता ओर बंद होता रहा है। सांय साढे चार बजे पर्थाडीप के पास भी भारी मात्रा में मलबा आने से हाईवे अवरुद्ध है जो देर सांय तक भी सुचारु नहीं हो पाया है।
इस दौरान वाहनों की आवाजाही नंदप्रयाग कौठियालसैंण सैकोट मोटर मार्ग से कराई जा रही है। लेकिन सड़क संकरी होने के चलते जाम की स्थिति के चलते इस आठ किमी की दूरी को तय करने में दो से अधिक घंटे का सफर तय करना पड़ रहा है।
जोशीमठ नीति मलारी हाईवे पर लाता के पास तड़के सुबह हाईवे पर पहाडी से भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर आने के चलते अवरुद्ध हो गया था जो सांय पांच बजे यातायात के लिए सुचारु हो पाया।
वहीं कर्णप्रयाग-ग्वालदम राजमार्ग सुनला के पास उतीस्याणा में बोल्डर व मलबा आने से सुबह आठ बजे अवरुद्ध हो गया। यहां मार्ग को दोपहर एक बजे यातायात के लिए खोला जा सका। थराली सुनला स्लाइडिंग जोन में पिछले माह से लगातार भूस्खलन जारी है, जिससे इसके शीर्ष पर बसे सीम-चौंडा गांव के दर्जनभर परिवारों के मकानों में दरारें आ गई हैं।
बदरीनाथ राजमार्ग पर आवाजाही जोखिमभरी
कमेड़ा से गौचर के बीच जगह-जगह गिर रहे मलबे से बदरीनाथ राजमार्ग पर आवाजाही जोखिमभरी बनी हुई है। गलनाऊ, चटवापीपल, तलसारी, सिरण, ढाबा और जलेश्वर के समीप जगह-जगह निकासी नाली न होने, मलबा जमा होने से पानी के तालाब आवागमन को खतरनाक बना रहे हैं। एनएच कमेड़ा में ही पूरा जोर लगाए हुए है, बावजूद इसके कमेड़ा में भूस्खलन का दायरा बढ़ता जा रहा है।
गौचर से नंदप्रयाग तक एक दर्जन जगहों पर पसरा मलबा और पानी के तालाब एनएच की सुचारू यातायात व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी हर रोज राजमार्ग से गुजर रहे हैं, लेकिन सब कुछ मौसम के बाद आपदा पर छोड़ इतिश्री की जा रही है।
वहीं वीरवार को सुनला में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा व पत्थर आने से वीरवार को पांच घंटे बंद रहा। इसे बीआरओ ने पांच घंटे की मशक्कत के बाद दोपहर एक बजे यातायात के लिए सुचारु किया। कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग लगातार रुक-रुक कर बंद हो रहा है।
चमोली जिले में वर्षा के चलते अभी भी 31 ग्रामीण लिंक मार्ग बंद पड़े हैं । जिसके चलते ग्रामीणों को आवाजाही मेंं खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।