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Uttarakhand: पर्यटकों लिए फूलों की घाटी बंद, दिन बना देंगी 500 से अधिक प्रजाति के फूलों की ये तस्‍वीरें

Valley of Flowers विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शीतकाल के लिए आज सोमवार को बंद कर दी गई है। चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी (Valley of Flowers) हर वर्ष एक जून से 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Mon, 31 Oct 2022 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 31 Oct 2022 09:30 AM (IST)
Valley of Flowers : एक जून से 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है फूलों की घाटी।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली) : Valley of Flowers : विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शीतकाल के लिए आज सोमवार को बंद कर दी जाएगी। समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई और 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस साल 20827 पर्यटक पहुंचे, जिसमें 280 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। जो एक रिकार्ड है।

होटल व्यवसायियों के साथ वन विभाग को भी अच्छी-खासी आय हुई

चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी (Valley of Flowers) हर वर्ष एक जून से 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है। इस साल रिकार्ड संख्या में पर्यटक घाटी के दीदार को पहुंचे। इससे न केवल पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे, बल्कि होटल व्यवसायियों के साथ वन विभाग को भी अच्छी-खासी आय हुई।

अभी तक 2019 में पहुंचे थे सबसे अधिक 17424 पर्यटक

वन विभाग को पर्यटकों से 31 लाख की आय हुई। घाटी में अभी तक 2019 में सबसे अधिक 17424 पर्यटक पहुंचे थे। 2018 में 14742 और 2017 में 13752 पर्यटक पहुंचे थे। 2021 में 9404 पर्यटक पहुंचे थे, जबकि 2020 में मात्र 932 पर्यटक ही घाटी (Valley of Flowers) की सैर को पहुंचे थे।

घाटी में खिलते हैं 500 से अधिक प्रजाति के रंग-विरंगे फूल

विदित हो कि घाटी (Valley of Flowers) में 500 से अधिक प्रजाति के रंग-विरंगे फूल खिलते हैं। साथ ही दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतु, वनस्पति व जड़ी-बूटियों का भी यहां भंडार है। घाटी में कस्तूरी मृग, मोनाल, हिमालयन काला भालू, हिम तेंदुआ आदि के भी प्राकृतिक आवास हैं।

पड़ावों पर कई व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर वापस लौट गए

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत फूलों की घाटी के रेंज अधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि दस अक्टूबर को हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के बाद फूलों की घाटी (Valley of Flowers) पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या भी घट गई। इसके चलते पड़ावों पर कारोबार करने वाले कई व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर वापस लौट गए। हालांकि, कुछ दुकानें अभी भी खुली हैं।

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