Vanantara Murder Case के मुख्य आरोपित पुलकित पर एक और केस दर्ज, की ऐसी करतूत कि चमोली से अल्मोड़ा जेल भेजा
Vanantara murder Case वनंतरा प्रकरण में युवती की हत्या के मुख्य आरोपित पुलकित आर्य फिर चर्चा में है। जिसके बाद उसे अल्मोड़ा जेल शिफ्ट किया गया है। इसी जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी भी बंद है। पुुलकित पर जिला कारागार चमोली के प्रभारी जेलर और प्रधान बंदी रक्षक से मारपीट और धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
संवाद सहयोगी, जागरण गोपेश्वर। Vanantara murder Case: वनंतरा प्रकरण में युवती की हत्या के मुख्य आरोपित पुलकित आर्य फिर चर्चा में है। जिला कारागार चमोली के प्रभारी जेलर और प्रधान बंदी रक्षक से मारपीट और धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे अल्मोड़ा जेल शिफ्ट किया गया है।
उसे 20 जुलाई को चमोली के पुरसाड़ी से अल्मोड़ा जेल ले जाया गया। इसी जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी भी बंद है।
प्रभारी जेलर से बदसलूकी और गला दबाकर मारपीट की
बताया जा रहा है कि 19 जुलाई को उसे पेशी पर कोटद्वार की अदालत में ले जाया गया था। रात लगभग 12 बजे उसे वापस चमोली कारागार ले जाया गया। जिला कारागार के प्रभारी जेलर के निर्देश पर जेल में आमद से पहले गेट पर उसकी तलाशी ली जा रही थी।
आरोप है कि इस पर उसने प्रभारी जेलर त्रिलोक चंद्र आर्य से बदसलूकी की और धक्का-मुक्की कर दी। गला दबाकर मारपीट भी की गई। प्रभारी जेलर ने 20 जुलाई को इस मामले में कोतवाली चमोली में मुकदमा दर्ज कराया था। उनका कहना था कि हमले में उनके माथे और आंख पर चोट लगी है।
उनका यह भी आरोप था कि बैरग में बंद करने के दौरान पुलकित ने उन्हें जान से मारने की धमकी और बच्चों को उठाकर सबक सीखाने की धमकी भी दी। इसके बाद 20 जुलाई को पुलकित को अल्मोड़ा कारागार भेज दिया गया। इससे पहले भी वह जेल में इस तरह की घटनाएं कर चुका है।
बताया जा रहा है कि छह अगस्त 2023 को पुलकित चमोली जेल में आया था। अप्रैल 2024 में उसने प्रधान बंदी रक्षक सुनील कुमार से अभद्रता की थी। प्रभारी जेलर के अवकाश पर होने के कारण सुनील कुमार ही व्यवस्था देख रहे थे।
जेल प्रशासन ने तब आलाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपकर पुलकित आर्य के राजनीतिक रसूख व जेल में दबदबे के बारे में बताया था।
चमोली के कोतवाल राजेंद्र सिंह राव का कहना है कि प्रभारी जेलर की रिपोर्ट पर जांच जारी है।
राजनीतिक रसूख और जेल में भी दबदबा
जेलर त्रिलोक चंद्र आर्य ने पुलिस व जेल प्रशासन को लिखित में बताया कि पुलकित आर्य राजनीतिक सरंक्षण वाला बंदी है। वह जेल कर्मियों को स्थानातंरण की धमकी और झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी देते आया है।
जेलर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इसके यहां रहते हुए कारागार का माहौल बिगड़ रहा है। साथ ही डयूटी पर तैनात कर्मी भयभीत हैं।
19 जुलाई को जब वह न्यायालय में पेशी के बाद जेल लौटा तो उसने प्रभारी जेलर से मारपीट की। इससे जेल कर्मचारियों में भय का माहौल बन गया।
प्रभारी जेलर त्रिलोक चंद्र आर्य ने कहा कि जेल में मौजूद कर्मचारी पुलकित आर्य से भयभीत रहते थे। बंदी भी उसके दबाब में थे।