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Valley of Flowers: आज खुली विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी, भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए इतना लगेगा टिकट

Valley of Flowers विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। फूलों की घाटी पहुंचने के लिए बेस कैंप घांघरिया से तीन किमी पैदल चलना पड़ता है। पहले दिन के लिए 21 पर्यटकों ने पंजीकरण कराया है। घाटी में अलग-अलग मौसम में पांच सौ से अधिक प्रजाति के रंग-विरंगे फूल खिलते हैं। सबसे अधिक फूल जुलाई-अगस्त में खिलते हैं।

By Devendra rawat Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 01 Jun 2024 08:34 AM (IST)
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Valley of Flowers: पहले दिन के लिए 21 पर्यटकों ने पंजीकरण कराया
संवाद सहयोगी, जागरण। गोपेश्वर: Valley of Flowers: विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। सुबह आठ बजे नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी बीपी मार्तोलिया प्रवेश द्वार पर फूलों की घाटी की यात्रा का शुभारंभ करेंगे।

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी शनिवार को पर्यटकों के लिए खुल गई है। उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने घांघरिया बेस कैंप से 48 पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डीएफओ ने बताया कि सेंचुरी एरिया होने के कारण पर्यटक फूलों की घाटी में रात्रि को नही रूक सकते है।

उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना अनिवार्य

पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना अनिवार्य किया गया है। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की समुचित व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि वैली ऑफ फ्लावर ट्रैकिंग के लिए देशी नागरिकों को 200 रुपये तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपये ट्रेक शुल्क निर्धारित है।

ट्रैक को सुगम और सुविधाजनक बनाया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी उपलब्ध है। इस साल फूलों की घाटी 31अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।

फूलों की घाटी ट्रैक अपने फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस घाटी के रोचक बात ये है कि ये घाटी हर 15 दिन में अपना रंग बदल लेती है। फूलों की कुछ प्रजाति ऐसी है जो आपको सिर्फ यही देखने को मिलती है। फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है।

प्रकृति प्रेमियों के लिए फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के बिहंगम नजारे भी देखने को मिलते है।

खिलते हैं 500 से अधिक प्रजाति के रंग-विरंगे फूल

फूलों की घाटी पहुंचने के लिए बेस कैंप घांघरिया से तीन किमी पैदल चलना पड़ता है। घाटी में अलग-अलग मौसम में पांच सौ से अधिक प्रजाति के रंग-विरंगे फूल खिलते हैं। सबसे अधिक फूल जुलाई-अगस्त में खिलते हैं।

इस दौरान सर्वाधिक सैलानियों के पहुंचने से घाटी गुलजार हो जाती है। घाटी का दीदार करने के लिए भारतीय पर्यटकों से 200 और विदेशी पर्यटकों से 800 रुपये का प्रवेश शुल्क लिया जाता है।

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