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स्वाइन फ्लू से चमोली जिले के युवा शिक्षक की मौत

इन फ्लू ने एक युवा शिक्षक और रिसर्च स्कॉलर रोशन नैनवाल की भी जान ले ली। शिक्षक की स्वाइन फ्लू से मौत का बुधवार को पांच दिन बाद तब पता चला।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 20 Apr 2018 05:13 PM (IST)
स्वाइन फ्लू से चमोली जिले के युवा शिक्षक की मौत

गैरसैंण, चमोली [जेएनएन]: थराली विधायक मगन लाल शाह के बाद स्वाइन फ्लू ने एक युवा शिक्षक और रिसर्च स्कॉलर रोशन नैनवाल की भी जान ले ली। शिक्षक की स्वाइन फ्लू से मौत का बुधवार को पांच दिन बाद तब पता चला, जब बरेली स्थित राममूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज से रिपोर्ट आई। शिक्षक की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमे की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। 

26 वर्षीय रोशन नैनवाल 11 साल से गैरसैंण में अपने मामा पुरुषोत्तम असनोड़ा के साथ रह रहे थे। वर्तमान में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात थे। एक अप्रैल को रोशन को बुखार की शिकायत हुई थी। वायरल फीवर मानकर स्थानीय चिकित्सकों से दवा ली, जिससे बुखार में हल्की कमी आई। 

पांच अप्रैल तक रोशन नवोदय विद्यालय में शिक्षण कार्य करते रहे। बुखार नहीं उतरने पर 6 अप्रैल को जांच कराई, तो टॉयफाइड पॉजीटिव बताया गया। दो दिन तक हालत में सुधार न आने पर परिजन उसे रानीखेत ले गए, जहां हालत बिगड़ते देख चिकित्सकों ने 9 अप्रैल को सुबह रोशन को हल्द्वानी रेफर कर दिया। 

हल्द्वानी पहुंचने पर उपचार कर रहे चिकित्सकों ने फेफड़ों में अत्यधिक संक्रमण बताते हुए बीमार रोशन को बरेली रेफर कर दिया। परिजनों ने गंभीर हालत में रोशन को राममूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज बरेली में भर्ती कराया और स्वाइन फ्लू की आशंका व्यक्त कर जांच किए जाने की गुहार लगाई, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ध्यान नहीं दिया। 

परिजनों के बार-बार आग्रह पर 12 अप्रैल को बीमार का सैंपल लिया गया, लेकिन जांच के लिए नहीं भेजा गया। 13 अप्रैल को रोशन दुनिया से विदा हो गया। अभिभावकों की जिद पर 16 अप्रैल को सैंपल परीक्षण के लिए लखनऊ भेजा गया, जिसमें बुधवार को बरेली अस्पताल प्रशासन ने स्वाइन फ्लू पॉजीटिव बताया। 

इस खबर के बाद बुधवार की दोपहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ. मणिभूषण पंत ने परिजनों व स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उन्होंने कहा कि किसी में भी स्वाइन फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं। 

परिजनों को रोशन से थी बड़ी उम्मीदें

रोशन तो इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन परिजनों को उनसे बड़ी उम्मीदें थी। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा होने के नाते पूरे परिवार की जिम्मेदारी रोशन को निभानी थी। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमए और बीएड कर भूगोल में पीएचडी कर रहे थे। 

अगले माह मई में रोशन की थिसिस समिट होनी थी। यही नहीं, स्लैट व नेट उत्तीर्ण दिवंगत रोशन प्राथमिक व जूनियर वर्ग में टीईटी क्वालीफाई भी कर चुके थे। अल्प आयु में दुनिया से विदा हो चुके रोशन नैनवाल की बहन गंगा असनोड़ा ने बताया कि बरेली के राममूर्ति अस्पताल में चिकित्सकों से बार-बार स्वाइन-फ्लू की आशंका व्यक्त कर जांच की मांग रखी गई लेकिन अस्पताल ने गंभीरता से नहीं लिया। 

सीएमओ चमोली डॉ. भागीरथी जंगपांगी जंगपांगी के मुताबिक युवा शिक्षक रोशन की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। स्वास्थ्य टीम गठित कर गैरसैंण भेज दी गई है, जो विद्यालय व रोशन के परिजनों के घर से सैंपल लेगी।

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