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Champawat में पर्यटन को पंख लगाएगा Adi Kailash का नया मार्ग, पहली बार यहां से रवाना हुआ यात्री दल

Adi Kailash Yatra 2024 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर शनिवार को टनकपुर से चंपावत होते हुए आदि कैलास यात्रा का संचालन शुरू हो गया है। टनकपुर से होते हुए आदि कैलास जाने वाले यात्री चंपावत स्थित बालेश्वर मंदिर व लोहाघाट के निकट अद्वैत आश्रम मायावती के दर्शन करेंगे। दोनों ही स्थल मानसखंड मंदिर मिशन माला में शामिल हैं।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 19 May 2024 02:18 PM (IST)
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Adi Kailash Yatra 2024: चंपावत में पर्यटन को पंख लगाएगा आदि कैलास का नया मार्ग

गणेश पांडे जागरण चंपावतः Adi Kailash Yatra 2024: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर शनिवार को टनकपुर से चंपावत होते हुए आदि कैलास यात्रा का संचालन शुरू हो गया। अभी तक काठगोदाम से जागेश्वर होते हुए यह यात्रा संचालित होती है। टनकपुर से नया मार्ग खुलने से चंपावत जिले के पर्यटन स्थलों को नई पहचान मिलेगी।

बंगाल, गुजरात, राजस्थान समेत दूसरे राज्यों आने वाले श्रद्धालु अच्छा अनुभव लेकर गए तो आने वाले वर्षों में चंपावत आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी। टनकपुर से होते हुए आदि कैलास जाने वाले यात्री चंपावत स्थित बालेश्वर मंदिर व लोहाघाट के निकट अद्वैत आश्रम मायावती के दर्शन करेंगे। दोनों ही स्थल मानसखंड मंदिर मिशन माला में शामिल हैं।

बालेश्वर ऐतिहासिक महत्व का धार्मिक स्थल है। मंदिर के बाहरी दीवारों पर उकेरी कलाकृतियां स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। 12वीं शताब्दी में स्थापित बालेश्वर मंदिर पर स्हेलों ने आक्रमण किया था। कई खंडित मूर्तियों को मंदिर परिसर में ही सहेजा गया है। वहीं, अद्वैत आश्रम शांति, समानता व वेदांत की सीख देता है।

1901 में तीन से 18 जनवरी तक स्वामी विवेकानंद ने अद्वैत आश्रम में प्रवास किया था। यहां आने वालों को आध्यात्मिक ऊर्जा व शांति मिलती है। टनकपुर होते हुए आने वाले श्रद्धालु चंपावत, पिथौरागढ़ होते हुए आदि कैलास जाने के बाद वापसी में चौकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर होते हुए काठगोदाम लौटेंगे।

राफ्टिंग, एंगलिंग भी कर सकेंगे

टनकपुर से ठुलीगाड़ होते हुए जौजलीबी को जाने वाली सड़क से लगा चूका राफ्टिंग व एंगलिंग स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।

पिछली बार पर्यटन विभाग ने राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय एंगलिंग व राफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की थी। शारदा घाट पर संध्याकालीन आरती भी श्रद्धालुओं को लुभा रही। शनिवार को आदि कैलास यात्रा का शुभारंभ करने पहुंचे कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने एंगलिंग स्थल के साथ वन विभाग के निर्माणाधीन अतिथि गृह का निरीक्षण किया।

पहली बार टनकपुर से रवाना हुआ आदि कैलास यात्री दल

कुमाऊं में पहली बार चंपावत जिले से आदि कैलास यात्रा का शनिवार को आरंभ हो गया। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत व चंपावत डीएम नवनीत पांडे ने टनकपुर में हरी झंडी दिखाकर 50 सदस्यीय यात्री दल को रवाना किया। दल में राजस्थान, बंगाल व उत्तर प्रदेश के यात्री शामिल हैं।

आयुक्त ने कहा कि टनकपुर से यात्रा शुरू होने से यात्री मानसखंड को अधिक विस्तार से जान सकेंगे। यात्रियों को शुभकामना देते हुए कहा आदि कैलास आत्मिक शांति प्रदान करता है। सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से यात्री सुविधाएं बढ़ाने की तरफ ध्यान दे रही है। आयुक्त ने पर्यटकों को आदि कैलास यात्रा का ब्रांड एंबेसडर बताया। केएमवीएन के एमडी संदीप तिवारी भी इस दौरान मौजूद रहे। इससे पहले कुमाऊं आयुक्त ने केएमवीएन परिसर में पौधारोपण किया।

पारंपरिक परिधान पहनीं महिलाओं ने तिलक लगाकर यात्रियों का स्वागत किया। छलिया दल ने ढोल दमाऊ के साथ प्रस्तुति दी। टनकपुर से रवाना हुए दल में राजस्थान के एडीएम उम्मेद सिंह, एडीजी दीपक पराशर, रघुवीर शर्मा, रामकिशन शामिल हैं। आठ वर्ष के अरिहंत सबसे कम उम्र के यात्री हैं। यात्रा में शामिल कीर्ति कुंवर, अंजू नारंग, संतोष शर्मा, निकुंज गर्ग, आयुषी ढींगरा कुमाऊं है अंदाज में स्वागत देख उत्साहित नजर आए।

टनकपुर से आदि कैलास यात्रा शुरू होने से पर्यटकों के लिए एक और विकल्प खुल जाएगा। बालेश्वर व अद्वैत आश्रम अद्भुत स्थल हैं। शारदा में राफ्टिंग व एंगलिंग को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार प्रयासरत है। आने वाले समय निश्चित ही पर्यटन बढ़ेगा।

- दीपक रावत, कुमाऊं आयुक्त

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