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Champawat: बग्वाल मेले का चौथा दिन, विभिन्न जिलों से पहुंचे श्रद्धालु; मां वाराही मंदिर में की पूजा अर्चना

Bagwal Mela 2023 देवीधुरा में चल रहे बग्वाल मेले के चौथे दिन भी श्रद्धालुओं ने मां वाराही मंदिर में पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। आदि गुफा स्थित गर्भगृह के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही। कई लोगों ने विशेष अनुष्ठान कराए। देर शाम तक मंदिर में शंख व घंटों की गूंज सुनाई देती रही।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Wed, 30 Aug 2023 04:06 PM (IST)
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Champawat: देवीधुरा में बग्वाल मेले के चौथे दिन विभिन्न जिलों से पहुंचे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : Bagwal Mela 2023: देवीधुरा में चल रहे बग्वाल मेले के चौथे दिन भी श्रद्धालुओं ने मां वाराही मंदिर में पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। आदि गुफा स्थित गर्भगृह के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही। कई लोगों ने विशेष अनुष्ठान कराए। देर शाम तक मंदिर में शंख व घंटों की गूंज सुनाई देती रही।

बुधवार की सुबह रोज की तरह सुबह मां वाराही संस्कृत महाविद्यालय देवीधुरा के वेदपाठी छात्रों ने वेद पाठ व दुर्गा पाठ का वाचन किया। चंपावत, अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बरेली, टनकपुर, खटीमा आदि स्थानों से पहुंचे लोगों ने भी पूजा में हिस्सा लिया। पीठाचार्य भुवन चंद्र जोशी, कीर्ति बल्लभ शास्त्री ने पूजा कराई।

मेले का मुख्य आकर्षण बग्वाल

गहड़वाल खाम के प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट, चम्याल खाम के गंगा सिंह चम्याल, वालिक खाम के बद्री सिंह बिष्ट, लमगडिया खाम के प्रमुख वीरेंद्र लमगडिया के अलावा सिरगुरौ कोट भैंसर्ख, टकना के पुजारी तथा फुलारा कोट के चौहान समुदाय के लोगों ने पूजा अर्चना संपन्न करवाने में सहयोग किया। मेले का मुख्य आकर्षण आज खेली जाने वाली बग्वाल होगी। प्रशासन और मंदिर समिति ने बग्वाल की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

17 लोगों ने किया रक्तदान

मेले में नेत्र चिकित्सा शिविर और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिला अस्पताल चंपावत से पहुंची टीम ने देर शाम तक 17 यूनिट रक्त एकत्रित किया। रक्तदान के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे।

सांस्कृतिक कार्यक्रमोंं की रही धूम

मेले की सांस्कृतिक संध्या में रंगारंग कार्यक्रम जारी हैं। मंगलवार शाम महामंडलेश्वर गोली बिरगुल के कलाकारों ने- मां वाराही दैणि है जाए..., की प्रस्तुति से कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। कलाकारों ने कुमाऊंनी, नेपाली, पंजाबी, गढ़वाली, राजस्थानी सहित विभिन्न प्रांतों की संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

देर रात तक दर्शकों ने कलाकारों का उत्साह वर्धन किया। मेला समिति के मोहन सिंह बिष्ट, रोशन लमगडिया, मदन बोहरा, ईश्वर सिंह, विनोद प्रकाश, गोकुल कोहली, दीपक चम्याल ने अतिथियों का स्वागत किया।

काव्य गोष्ठी का उठाया आनंद

बुधवार को कवि सम्मेलन हुआ। संयोजक दीपक बिष्ट की अध्यक्षता में ब्लाक प्रमुख सुमनलता ने दीप प्रज्ज्वलित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

नोएडा से पहुंचे कमल आग्नेय ने भारत की आत्मा के प्राण तत्व, श्रीराम नहीं होते तो देश नहीं होता..., मुनि प्रताप राणा ने बाबा बागेश्वर को पाकर भारत की धरती धन्य हुई...,दीपक बिष्ट ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे झुकी नहीं कभी यह धरती, बग्वाली वीरों के स्वाभिमान की धरती..., विवेक बादल बाजपुरी ने-बाबूजी जो इस दुनिया में नहीं रहे, घर का जैसे अगला हिस्सा टूट गया..., कविता प्रस्तुत की। संचालन मुनि प्रताप राणा ने किया। इस दौरान हरीश शर्मा, नवीन आर्या, शेखर त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।