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छीनीगोठ गाव में क्लचवायर के बनाए फंदे में फंसा गुलदार, रेस्क्यू टीम ने निकाला

खटीमा वन रेंज के छीनीगोठ गाव खेत के एक बाड़ में शिकार के लिए लगाए गए फंदे में गुलदार फंस गया।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 20 Dec 2020 11:19 PM (IST)
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छीनीगोठ गाव में क्लचवायर के बनाए फंदे में फंसा गुलदार, रेस्क्यू टीम ने निकाला

टनकपुर, जेएनएन : खटीमा वन रेंज के छीनीगोठ गाव खेत के एक बाड़ में शिकार के लिए लगाए गए फंदे में रविवार एक गुलदार फंस गया। सुबह जब गुलदार जोर-जोर से गुराने लगा तो ग्रामीणों ने पास जाकर देखा तो गुलदार फंसा हुआ था। जिसको देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलने पर खटीमा वन रेंज के एसडीओ बाबू लाल और रेंजर राजेंद्र मनराल टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। गुलदार का पैर व कमर फंदे में बुरी तरह से फंसा हुआ था। जो बुरी तरह से घायल होने के बाद दहाड़ रहा था। बाद में हल्द्वानी से आई टीम ने रेस्क्यू कर ट्रैंकुलाइज गन से बेहोश कर फंसे हुए गुलदार को बाहर निकाला। जिसे पिंजड़े में रखकर उपचार के लिए हल्द्वानी ले गए।

बता दें क्षेत्र में काफी समय से गुलदार का आतंक बना हुआ था। इससे परेशान होकर कुछ लोगों ने बाड़ में फंदा लगा दिया था। सुबह फंदे में गुलदार के फंसने पर गुलदार दहाड़ने लगा। गुलदार की आवाज सुनकर लोग घरों से बाहर आए। देखते ही देखते मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। रेंजर मनराल ने बताया कि गुलदार के पाव व कमर में बाइक के क्लचवायर से बुरी तरह फंसा हुआ था। जिस कारण वह बुरी तरह से जख्मी हो गया था। घायल गुलदार 6 वर्ष का है, जो नर है। इस घटना से कुछ दूरी पर फंदा लगाया गया था, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शिकारों ने जंगली जानवरों को मारने के उद्देश्य से यह लगाया गया था। उन्होंने बताया कि जिस खेत में गुलदार फंसा हुआ था। वह जमीन मेडीकल स्वामी की बताई जा रही है। उन्होंने शाहजहापुर निवासी राजू पुत्र शाहजादे को खेती के लिए दिया था। वन विभाग की टीम उसे पूछताछ के लिए अपने साथ हल्द्वानी ले गई है। ======== पाच साल पूर्व ककरालीगेट में मृत मिला था गुलदार

टनकपुर : करीब पाच वर्ष पूर्व खटीमा वन रेंज से लगे शारदा वन रेंज के ककरालीगेट गाव के पास एक किसान के बाड़े में भी पांच साल पूर्व एक गुलदार फंसा हुआ मिला था। हल्द्वानी से रेस्क्यू टीम के समय पर न पहुंचने से गुलदार की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि शिकारी जंगली जानवरों को मारने के उद्देश्य से जंगल से लगे बाड़ क्षेत्र में इस तरह के फंदे का इस्तेमाल करते है।

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