Kolidhek Lake: नैनीताल सा रोमांच दे रही चंपावत की ये झील, बर्फबारी के बीच बोटिंग का ले सकते हैं आनंद
Kolidhek Lake चंपावत की कोलीढेक झील का निर्माण नवंबर 2018 में शुरू हुआ। लगभग 30 करोड़ की लागत से नवंबर 2022 में झील तैयार हो गई। 1650 मीटर लंबी 100 मीटर चौड़ी व लगभग 20 मीटर गहरी झील में 6.66 लाख क्यूसेक पानी जमा होने की क्षमता है। लोहाघाट नगर 1754 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। यहां पर्यटक बर्फबारी के बीच नौकायान का आनंद ले सकते हैं।
चंपावत, गणेश पांडे। झीलों की नगरी के रूप में भले उदयपुर व नैनीताल की पहचान रही हो, लेकिन नैनीताल जैसा रोमांच और मनाली, मसूरी जैसी जलवायु पाने के लिए पर्यटक चंपावत जिले के कोलीढेक झील आ रहे हैं। जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर लोहाघाट के पास स्थित झील का निर्माण सिंचाई विभाग ने कराया है।
फरवरी में झील शुरू हुई। प्रतिदिन 150 से 200 पर्यटक नौकायन का आनंद उठाने कोलीढेक पहुंच रहे हैं। झील ने 60 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है। नौकायन के साथ शांति के लिए भी पर्यटक देवदार की सुरम्य वादियों के बीच स्थित कोलीढेक झील पहुंच रहे हैं।
2018 में हुआ था झील का निर्माण
कोलीढेक झील का निर्माण नवंबर 2018 में शुरू हुआ। लगभग 30 करोड़ की लागत से नवंबर 2022 में झील तैयार हो गई। 1650 मीटर लंबी, 100 मीटर चौड़ी व लगभग 20 मीटर गहरी झील में 6.66 लाख क्यूसेक पानी जमा होने की क्षमता है। लोहाघाट नगर 1754 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। हिमाचल के प्रमुख पर्यटन स्थल मनाली व उत्तराखंड के नैनीताल एवं मसूरी की ऊंचाई भी 2000 मीटर या उससे कम है।
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पर्यटकों की है पसंदीदा जगह
ऐसे में लोहाघाट की जलवायु ठंडे इलाकों में घूमने का शौक रखने वालों के लिए पसंदीदा जगह है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद के अलावा दूसरे स्थानों से यहां पर्यटक पहुंचने शुरू हो गए हैं। सर्दियों में बर्फबारी के बीच नौकायन का आनंद लेने भी पर्यटकों के आने की उम्मीद है।
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत कर चुके नौकायन
हाल के दिनों में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत भी झील में नौकायन कर इसकी सुंदरता की प्रशंसा कर चुके हैं। उनका कहना है कि पहाड़ घूमने का शौक रखने वालों के लिए लोहाघाट अच्छी जगह है। यहां नैनीताल की भीड़, ट्रैफिक और महंगाई से बचते हुए भी नौकायन का आनंद लिया जा सकता है।
कोलीढेक में इन जगहों की कर सकते हैं सैर
कोलीढेक आने वाले पास ही अद्धैत नारायण आश्रम का भी दर्शन कर सकते हैं। जहां कभी स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। बाणासुर का किला, एबट माउंट भी खासे पसंद किए जाते हैं। एनएच बनने से अब टनकपुर-चंपावत के रास्ते मुनस्यारी, चौकोड़ी, आदि कैलाश, ओम पर्वत की तरफ आसानी से जाया जा सकता है।
आयुष ग्राम देगा नई पहचान
सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल पर कोलीढेक झील के पास आयुष ग्राम स्थापित करने की योजना है। मरीजों के इलाज के साथ हर्बल गार्डन भी विकसित होगा। 1.66 हेक्टेयर में बनने वाले आयुष ग्राम के लिए आयुर्वेदिक विभाग ने बाउंड्री वाल तैयार कर दी है। आयुष ग्राम में मरीजों को पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा, इनडोर व आउटडोर उपचार किया जाएगा। अपने तरीके का यह अद्भुत स्थल होगा।
चंपावत को मिल रही नई पहचान
कोलीढेक झील बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुई है। पर्यटकों को काफी पसंद आ रही हैं। इससे जिले को नई पहचान मिलेगी। आदर्श चंपावत की परिकल्पना साकार करने के लिए पर्यटन की दिशा में प्रमुखता से काम करने की योजना है। -नवनीत पांडे, जिलाधिकारी चंपावत