Mahashivratri 2023: उत्तराखंड में बसा शिवभक्त नाथपंथियों का अनूठा गांव, हर घर से एक युवा देश सेवा को समर्पित
Maha shivratri 2023 उत्तराखंड के नैनीताल जिले में शिवभक्त नाथपंथियों का अनूठा गांव बसा हुआ है। खास बात कि गांव के प्रत्येक परिवार से एक युवा अर्द्धसैनिक बल व भारतीय सेना में रहकर देशसेवा कर रहा है।
By manish sahEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 17 Feb 2023 02:21 PM (IST)
मनीष साह, गरमपानी: Mahashivratri 2023: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में शिवभक्त नाथपंथियों का अनूठा गांव बसा हुआ है। खास बात यह है कि इस गांव के हर घर से युवा अर्द्धसैनिक बल और फौज में सेवा करते हैं।
बाबा के भक्तों का गांव ‘महादेव’ के नाम से प्रसिद्ध
गांवों और कस्बों को वहां की खास विशेषताओं, तात्कालिक घटनाक्रम, खास समुदाय आदि के कारण नाम दिया जाता रहा है। मगर कुछ गांवों को धर्मस्थल के प्रति आस्था के कारण भी नाम मिलता है। इस बार आपको ले चलते हैं ताड़ीखेत ब्लाक के सुदूर गाड़ी ग्रामपंचायत की ओर।
यहां प्राचीनकाल में नेपाल के नाथ पंथी शिवभक्त गोस्वामी परिवार बसे। महादेव का मंदिर स्थापित किया। कालांतर में बाबा के भक्तों का गांव ‘महादेव’ के नाम से ही प्रसिद्ध हो गया। शिव को समर्पित यही नाम यहां के बाशिंदों की पहचान भी बन गया है।
प्रत्येक परिवार से एक युवा देश सेवा के लिए समर्पित
खास बात कि गांव के प्रत्येक परिवार से एक युवा अर्द्धसैनिक बल व भारतीय सेना में रहकर देशसेवा कर रहा है। गाड़ी ग्राम पंचायत का महादेव गांव कनार की धार से लगी सुरम्य पहाड़ी वादियों के बीच बसा है।
लोककथा है कि कत्यूरकाल में नेपाल से गोरखपंथी नाथ संप्रदाय के शिवभक्त कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में बसाए गए। क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि राजेंद्र गिरि गोस्वामी कहते हैं कि इन्हीं में कुछ नाथपंथी परिवार चौबटिया के दूसरे छोर पर कंडारखुआ पट्टी के उच्च भूभाग पर बसे। धीरे धीरे कुनबा बढ़ता गया।
अभिलेखों में इस गांव को ताडीखेत ब्लाक का गाडी पंचायत नाम दिया गया। मगर क्षेत्र में इकलौता देवाधिदेव शिव का प्राचीन मंदिर होने और गोरखपंथी नाथ शिवभक्तों की बसासत के कारण गांव की पहचान ‘महादेव’ के रूप में बनी रही। यहां नाथपंथी गिरिगोस्वामी के साथ ही जोशी और देवशिल्पी शिल्पकार परिवार आदर्शगांव की मिसाल देते हैं।
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महादेव को समर्पित इस गांव का मुख्य पेशा बसासत के बाद से कृषि, बागवानी व पशुपालन ही रहा है। वर्तमान में 90 परिवारों वाले महादेव गांव में अकेले 22 परिवार नाथ पंथियों के ही हैं। यूं तो हर घर से एक युवा अर्द्धसैनिक बल व फौज में है। इसके बावजूद खेती बागवानी और पशुपालन कम नहीं हुआ है।सैन्य परिवार से दीप चंद्र जोशी कहते हैं कि गांव में रहने वाले ज्यादातर लोग सब्जी व फल उत्पादन से भी जुड़े हैं। महादेव के प्रति आस्था इस कदर है कि क्षेत्र की खुशहाली व तरक्की में शिव का आशीर्वाद ही माना जाता है।ऐसे पहुंचें
- हल्द्वानी से 60 किमी पर खैरना गरमपानी,
- 16 किमी पर बजोल,
- यहां से गाडीचौना चौबटिया रोड पर पांच किमी की दूरी पर है,
- महादेव गांव सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है,
- उधर रानीखेत से चौबटिया, कुनेलाखेत होकर भी महादेव गांव पहुंचा जा सकता है,