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Champawat News: अपने गए "दूर", मजदूरों का कंधा ही मंजूर

Champawat News उत्तराखंड में पयालन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। दूर-दराज के गांव खाली होते जा रहे हैं। गांव में पयालन की वजह से अब तो घायलों की मदद के लिए भी नेपाली मजदूरों का सहारा लेना पड़ रहा है। चोटिल व्यक्ति को छह नेपाली मजदूरों ने डोली को कंधा देकर 11 किमी दूर सड़क तक पहुंचाया तब कहीं जाकर घायल को अस्पताल पहुंचाया जा सका।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 08 Aug 2023 02:30 PM (IST)
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चंपावत के सौराई गांव से चोटिल ग्रामीण को डोली से लाते नेपाली मजदूर।
चंपावत, जागरण संवाददाता। पलायन से खाली होते गांव ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। ऐसा ही मामला चंपावत जिले के सौराई गांव में सामने आया, जहां खेत पर काम करने के दौरान चोटिल हुए व्यक्ति को सड़क तक पहुंचाने के लिए नेपाली मजदूर लगाने पड़े। गांव पलायन की वजह से पूरी तरह से खाली हो गए हैं। ऐसे में किसी घायलों की मदद के लिए भी कोई नहीं था।

ऐसी स्थिति में छह नेपाली मजदूरों ने डोली को कंधा देकर घायल को 11 किमी दूर सड़क तक पहुंचाया, तब कहीं जाकर घायल को अस्पताल पहुंचाया जा सका। काम करने के लिए नेपाली गांव न आए होते तो घायल को सड़क तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता।

लोगों के नहीं होने से सड़क तक पहुंचाना हुआ चुनौतीपूर्ण

तल्ला देश क्षेत्र के सौराई निवासी 38 वर्षीय सूरज सिंह शनिवार को खेत पर काम करने के दौरान गिरने से चोटिल हो गए। बाएं पैर व जांघ में चोट लगने से चलने में असमर्थ सूरज को सड़क तक पहुंचाना चुनौती बन गया। गांव में पेयजल योजना का काम चल रहा है। बुजुर्ग पिता ने छह नेपालियों को तीन हजार रुपये देकर डोली को कंधा देने के लिए राजी किया।

मजदूरों ने नापी 11 किमी पैदल दूरी

नेपालियों व कुछ ग्रामीणों ने रविवार को 11 किमी पैदल नापते हुए घायल को मंच सड़क तक पहुंचाया। जहां से सूरज को जिला अस्पताल लाया गया। 11 किमी पैदल दूरी नापने में मजदूरों को ढाई घंटे से अधिक समय लग गया। अगर ये मजदूर वहीं नहीं होते तो शायद इस घायल की जिंदगी को नहीं बचाया जा सकता।

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