River rafting: ऋषिकेश ही नहीं उत्तराखंड के एक और शहर में लहरों पर रोमांच का सफर, पहुंचते हैं विदेशी भी
River rafting in Uttarakhand उत्तराखंड में ऋषिकेश के अलावा एक और शहर है जहां आप लहरों पर रोमांच का सफर तय कर सकते हैं। शारदा नदी में रिवर राफ्टिंग का मज़ा लेने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। इसके अलावा मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु भी राफ्टिंग का आनंद उठा रहे हैं। हम आपको टनकपुर में रिवर राफ्टिंग के बारे में विस्तार से बताएंगे।
दीपक सिंह धामी, जागरण टनकपुर। River rafting in Uttarakhand: भारत-नेपाल सीमा पर शारदा की लहरों में रिवर राफ्टिंग का रोमांच शुरू हो गया है। नदी का जल स्तर कम होने और मौसम में बदलाव आने के बाद राफ्टिंग के लिए देश के विभिन्न स्थानों से पर्यटक आने लगे हैं।
इन दिनों दिल्ली, लखनऊ, पीलीभीत, हल्द्वानी आदि स्थानों से पहुंचे पर्यटक नदी की लहरों से अठखेलियां कर रहे हैं। इसके अलावा मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु भी राफ्टिंग का आनंद उठा रहे हैं।
2015 में हुई थी शुरुआत
- टनकपुर शारदा नदी में साहसिक पर्यटन के तहत वर्ष 2015 अक्टूबर माह में ऋषिकेश की तर्ज पर पूर्णागिरि चरण पादुका मंदिर से बूम तक 13 किलोमीटर तक राफ्टिंग की शुरूआत की गई थी।
- शुरुआती दो साल पर्यटकों की संख्या काफी कम रही। लेकिन धीरे-धीरे पड़ोसी देश नेपाल के अलावा बरेली, लखनऊ, देहरादून, दिल्ली आदि स्थानों से बड़ी संख्या में पर्यटक शारदा की लहरों में राफ्टिंग का लुत्फ उठाने लगे।
- कोरोना काल में पर्यटक नहीं पहुंचे लेकिन उसके बाद फिर से राफ्टिंग में तेजी आ गई।
- इस बार 15 सितंबर से शुरू हुए सीजन में पर्यटक राफ्टिंग के लिए पहुंच रहे हैं।
- शारदा नदी में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गत वर्ष सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी रिवर राफ्टिंग की थी। साथ ही पर्यटन विभाग को पंचेश्वर की काली नदी में भी राफ्टिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए थे।
आल इंडिया राफ्टिंग प्रतियोगिता का हो चुका है आयोजन
गत वर्ष शारदा नदी में आल इंडिया राफ्टिंग प्रतियोगिता कराई गई थी। जिसके बाद टनकपुर को राफ्टिंग के क्षेत्र में नई पहचान मिली है।
नेपाल के भी कई पर्यटक यहां आकर राफ्टिंग कर रहे हैं। शारदा में राफ्टिंग के प्रति बढ़ रहे रुझान को देखकर पड़ोसी देश नेपाल ने भी महाकाली नदी में राफ्टिंग सेवा शुरू कर दी है।
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