Champawat Crime गांव दूर होने से पीड़िता अक्सर मामा के घर रहती थी। घटना के दिन रास्ते में मिले ताऊ ने खुद के अकेले होने की बात कहकर खाना बनाने के लिए पीड़िता को घर चलने के लिए कहा। पीड़िता का कथन था कि ताऊ ने उसके साथ चार-पांच दिन तक दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
जागरण संवाददाता, चंपावत : Champawat Crime: विशेष सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने नाबालिग भजीती से दुष्कर्म के दोषी ताऊ को 20 वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पर 53 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
अर्थदंड न चुकाने पर अतिरिक्त समय तक जेल में रहना होगा।
कथानक के अनुसार जनवरी 2022 में चंपावत जिले के सीमांत के गांव की 15 वर्षीय किशोरी ने अपने सगे ताऊ पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।
चार-पांच दिन तक दुष्कर्म
पीड़िता का कथन था कि ताऊ ने उसके साथ चार-पांच दिन तक दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। गांव दूर होने से पीड़िता अक्सर मामा के घर रहती थी। घटना के दिन रास्ते में मिले ताऊ ने खुद के अकेले होने की बात कहकर खाना बनाने के लिए पीड़िता को घर चलने के लिए कहा। जहां उसके साथ कुकृत्य किया। 67 वर्षीय अभियुक्त का परिवार बाहर रहता है।
20 वर्ष के कारावास की सजा
पीड़िता ने किसी तरह साहस कर अपनी मामी को आपबीती बताई। जिसके बाद पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध पाक्सो समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी लिखी गई।
साक्ष्यों और गवाहों को ध्यान में रखते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की कोर्ट ने अभियुक्त को पाक्सो समेत आइपीसी की धारा 323, 504 व 506 में दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
विभिन्न अपराध के लिए 53 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी विद्याधर जोशी व विशेष लोक अभियोजक पाक्सो कुंदन सिंह राणा ने पैरवी की।
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