Uttarakhand: मुश्किल समय में CM Pushkar Singh Dhami के खेवनहार बने थे Kailsh Gahtori, किया था बड़ा त्याग
Kailsh Gahtori Death वर्ष 1991 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त कने वाले गहतोड़ी कुशल व्यवसायी भी रहे। मध्य प्रदेश में एक निर्माण कंपनी शुरू की। जनता के बीच गहरी पकड़ रखने वाले कैलाश गहतोड़ी लगातार दो बार चंपावत के विधायक रहे। बीमारी के उपचार के लिए वह कई बार विदेश भी गए। अस्वस्थता के बाद उन्होंने सामाजिक व राजनीतिक कार्यों में सहभागिता कम कर दी थी।
जागरण संवाददाता, चंपावत: Kailsh Gahtori Death: क्षेत्र के पूर्व विधायक व उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष रहे कैलाश गहतोड़ी का सामाजिक दायरा बहुत व्यापक था। यह उनकी दूरदर्शिता ही थी कि सीमांत चंपावत के विकास के लिए उन्होंने विधायक की सीट छोड़ दी।
इससे जहां उन्होंने संगठन के प्रति त्याग का परिचय दिया, वहीं सीएम पुष्कर धामी से जुड़ाव को भी दर्शाया। 2022 के उप चुनाव में रिकार्ड 92 प्रतिशत मतों से जीत के बाद धामी जब भी चंपावत जिले के दौरे पर आए तो गहतोड़ी के समर्पण का उल्लेख करना नहीं भूले। उनके निधन पर भी सीएम ने कुछ ऐसी ही भावुक करने वाली पोस्ट एक्स पर साझा की है।
गहतोड़ी पिछले कुछ वर्षों से अस्वस्थ्य थे
सीट छोड़ने के बाद कैलाश गहतोड़ी ने कहा था कि चंपावत का प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री करे, इससे बड़ी सम्मान की बात नहीं हो सकती। धामी ने 31 मई 2022 को हुए उपचुनाव में 92 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त कर भारी जीत प्राप्त की थी। गहतोड़ी पिछले कुछ वर्षों से अस्वस्थ्य थे।बीमारी के उपचार के लिए वह कई बार विदेश भी गए। अस्वस्थता के बाद उन्होंने सामाजिक व राजनीतिक कार्यों में सहभागिता कम कर दी थी। हालांकि जब भी जनता के बीच जाते सभी की कुशल लिया करते थे। उनके निधन से हर काेई स्तब्ध है।
लगातार दो बार रहे विधायक
जनता के बीच गहरी पकड़ रखने वाले कैलाश गहतोड़ी लगातार दो बार चंपावत के विधायक रहे। 15 अगस्त 1968 को चंपावत जिले में जन्मे गहतोड़ी पहली बार 2017 में भाजपा के टिकट से चंपावत के विधायक चुने गए। उन्होंने कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को 17 हजार मतों के अंतर से हराया था।2022 के विधानसभा चुनाव में गहतोड़ी ने फिर से खर्कवाल को पराजित किया। इसके पीछे उनकी सामाजिक छवि, उनके द्वारा किए विकास कार्यों को आधार बताया गया। सीएम धामी के लिए विधायकी छोड़ने वाले गहतोड़ी को जून 2022 में वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया।
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