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नौकरी दिलाने के नाम पर थाईलैंड में बेचे उत्तराखंड के सात युवा, इस तरह हुआ खुलासा

उत्तराखंड के सात युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर थाईलैंड में बेच दिया गया। गिरोह ने युवकों को विदेशी गिरोह को बेच दिया और उन्हें म्यांमार ले जाया गया जहां उन्हें बंधक बनाकर ऑनलाइन ठगी करने के लिए मजबूर किया गया। विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद युवकों को वापस भारत लाया गया। युवाओं को वापस भारत भेजने के बदले युवाओं से धनराशि वसूली गई।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 17 Sep 2024 01:48 PM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, चंपावत। नौकरी दिलाने के नाम पर उत्तराखंड के सात युवाओं को थाईलैंड में बेचने वाले गुजरात के पोरबंदर निवासी अभियुक्त को गिरफ्तार कर पुलिस चंपावत ले आई है। खटीमा निवासी उसका साथी दुबई भागने में सफल रहा है।

शुरुआती जांच में सामने आया है कि गिरोह ने चंपावत, ऊधम सिंह नगर व देहरादून के सात युवाओं में से प्रत्येक का 10 हजार थाई भाट (करीब 25 हजार भारतीय रुपये) में सौदा कर दिया था।

चंपावत जिले के बनबसा निवासी राजेंद्र सौन ने 10 जुलाई को बनबसा थाने में तहरीर देकर बताया था कि उनका पुत्र ललित अपने दोस्त बनबसा निवासी विकास, कमलेश, खटीमा निवासी मयंक, गौरव, रोहित व देहरादून निवासी निदान गौतम के साथ रोजगार की तलाश में दिल्ली गया था। जहां से सभी थाईलैंड की राजधानी बैंकाक चले गए।

इसके बाद से स्वजन का युवाओं से संपर्क नहीं हो पाया। सोमवार को एसपी अजय गणपति ने प्रकरण का पर्दाफाश करते हुए बताया कि खटीमा निवासी राहुल उपाध्याय ने गुजरात निवासी जयदीप रामजी टोकड़िया उर्फ जय जोशी के साथ मिलकर उत्तराखंड के सात युवाओं को ठगा।

युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बैंकाक बुलाकर विदेशी गिरोह को बेच दिया। गिरोह के सदस्य सभी को म्यांमार ले गए। जहां बंधक बनाकर युवाओं को आनलाइन ठगी करने के लिए मजबूर किया गया। मना करने पर प्रताड़ित किया गया।

वापस भारत भेजने के बदले युवाओं से धनराशि वसूली गई। युवाओं ने किसी तरह फोन हाथ लगने पर इसकी जानकारी स्वजन को दी थी। विदेश मंत्रालय के माध्यम से थाईलैंड व म्यांमार में भारतीय दूतावास से संपर्क कर करीब दो सप्ताह पहले सभी युवाओं की भारत वापसी कराई गई।

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