Uttarakhand के सरकारी अस्पताल में बीमार व्यवस्था, महिला के घाव पर चूड़ी का टुकड़ा सिलकर किया रेफर
Uttarakhand Government Hospitals पहाड़ी से गिरकर गंभीर रूप से घायल हुईं महिला को जिला अस्पताल में सही उपचार नहीं मिला। आनन -फानन में महिला को रेफर कर दिया गया। महिला के बेटे ने जिला अस्पताल में हुई लापरवाही को फेसबुक पोस्ट से साझा किया है। जिस पढ़कर हर कोई अस्पताल प्रबंधन व डाक्टरों को कोस रहा है। डाक्टरों की लापरवाही से महिला के बेटे त्रिभुवन गुस्सा हैं।
जागरण संवाददाता, चंपावत। Uttarakhand Government Hospitals: जिला अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की फिर पोल खुली है। पहाड़ी से गिरकर गंभीर रूप से घायल हुईं महिला को जिला अस्पताल में सही उपचार नहीं मिला। आनन -फानन में महिला को रेफर कर दिया गया।
गले के पास बने जिस घाव को जिला अस्पताल में टांके लगाकर सिला गया, बरेली में उपचार के दौरान से उससे कांच की चूड़ी का टुकड़ा व कांटा निकलने से स्वजन गुस्सा हैं। महिला के बेटे ने जिला अस्पताल में हुई लापरवाही को फेसबुक पोस्ट से साझा किया है। जिस पढ़कर हर कोई अस्पताल प्रबंधन व डाक्टरों को कोस रहा है।
पहाड़ी से 200 मीटर नीचे गिर गई थीं महिला
चंपावत जिले के पल्सौ गांव निवासी त्रिभुवन ने बताया कि चारापत्ती लेने जंगल गई उनकी 48 वर्षीय माता विमला देवी एक अगस्त की सुबह पहाड़ी से 200 मीटर नीचे गिर गई थीं। उनके हाथ, मुंह, कमर, गर्दन, सिर में गंभीर चोटें आईं। ग्रामीणों की मदद से उन्हें उसी दिन जिला अस्पताल लाया गया। डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया।त्रिभुवन का आरोप है कि उनकी माता के गले में छेद हो गया था। मशीन खराब होने की बात कहकर एक्सरे किए बिना गले के घाव पर टांके लगा दिए। 24 घंटे जिला अस्पताल में रखने के बाद दो अगस्त को उन्हें रेफर किया। बरेली वेदांता अस्पताल में एक्सरे करने पर गले से चूड़ी का टुकड़ा व कांटा दिखा। जिसे आपरेशन से बाहर निकाला गया।
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डाक्टरों की लापरवाही से त्रिभुवन गुस्सा हैं। उनका कहना है माता के उपचार में 45 हजार रुपये खर्च हो चुका है। बुधवार को दैनिक जागरण से मोबाइल पर हुई वार्ता में त्रिभुवन ने बताया हाथ के आपरेशन व कमर दर्द को दिखाने वे मां को श्री राममूर्ति अस्पताल ले जा रहे हैं।
त्रिभुवन के पिता पीआरडी में कार्यरत हैं। छोटे भाई रोहित व विवाहिता दीदी दीपा के साथ त्रिभुवन एक सप्ताह से बरेली में रहकर माता का उपचार करा रहे हैं। त्रिभुवन ने बताया कि फेसबुक पोस्ट के बाद सीएम कैंप कार्यालय से हर संभव मदद के लिए फोन आया है।
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मां के इलाज के लिए भटकते त्रिभुवन ने अपनी व्यथा 450 शब्दों में फेसबुक पर शेयर की है। हर शब्द दर्द बयां कर रहा है। पोस्ट को 77 लोगों ने शेयर किया है। कामेंट्स करने वालों ने बदहाल व्यवस्था पर तंज किया है। किसी ने लिखा ऐसी घटनाएं आए दिन चंपावत में हो रही है। यहां मरीज को लेकर जाना समय की बर्बादी है। अधिकर कामेंट्स में जनप्रतिनिधियों पर तंज किया गया है। सीएम की विधानसभा होने बावजूद अस्पतालों की बदहाली को आईना दिखाने वाला बताया है। पोस्ट को सीएम उत्तराखंड को टैग किया है।यह भी पढ़ें- Champawat जिला अस्पताल में प्रसव के लिए न जाएं! चली गईं दो गाइनोकोलॉजिस्ट, अल्मोड़ा से भेजी डॉक्टर भी नहीं आईंसीएमएस करेंगे मामले की जांच
प्रकरण इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएमओ देवेश चौहान ने जिला अस्पताल के सीएमएस डा. पीएस खोलिया को जांच के आदेश दिए हैं। सीएमएस पूरे प्रकरण की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देंगे। जिसके आधार पर लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।एक्सरे मशीन का मदर बोर्ड खराब होने से महिला का एक्सरे नहीं हो पाया। हेड इंजरी जांचने को सीटी स्कैन किया गया था। हाथ में फ्रेक्चर भी मिला था। महिला को बेहतर सुविधाएं मिल कसें, इसलिए रेफर किया गया। मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
-डा. देवेश चौहान, सीएमओ, चंपावत