उत्तराखंड के 12 लाख परिवारों को जल्द मिलेगा पानी का कनेक्शन
उत्तराखंड में पानी के कनेक्शन से वंचित 12 लाख परिवारों को जल्द ही अपना कनेशक्न मिलेगा। जल जीवन मिशन के तहत इन परिवारों को पानी का कनेक्शन देने की कवायद शुरू कर दी गई है।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 03 Sep 2019 12:56 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में पानी के कनेक्शन से वंचित 12 लाख परिवारों को जल्द ही अपना कनेशक्न मिलेगा। जल जीवन मिशन के तहत इन परिवारों को पानी का कनेक्शन देने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस बाबत राज्य जल स्वच्छता मिशन ने राज्य से जिले स्तर तक एक्शन प्लान बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में 12 लाख परिवार ऐसे हैं जो आज भी सार्वजनिक नल, स्टैंड पोस्ट, गूल, नहर, गदेरों से पानी लेकर प्यास बुझा रहे हैं। खासकर पर्वतीय जिलों के दूरस्थ इलाकों में ऐसे परिवारों की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। सूबे में अब तक आई सरकारें इन घरों में पानी का कनेक्शन देने में नाकाम रही हैं। पानी की इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने हर घर नल योजना शुरू की है। इस योजना में 2024 तक हर घर में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में भी 12 लाख परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके लिए सर्वे का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इस बाबत प्राथमिक तौर पर 6,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया गया है, हालांकि इसमें लागत घटाई बढ़ाई जा सकती है।
इस रकम से इंफ्रास्ट्रक्चर (पेयजल लाइन, ओवरहेड टैंक, नलकूप आदि) विकसित किया जाएगा। वहीं पेयजल निगम और जल संस्थान को जिला एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। फिर राज्य का एक्शन प्लान तैयार होगा। राज्य जल स्वच्छता मिशन के मुख्य अभियंता योगेंद्र सिंह ने बताया कि हर घर नल योजना को सफल बनाने के लिए जल संस्थान और जल निगम की मदद से एक्शन प्लान तैयार हो रहा है।
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हर घर नल से होंगे ये फायदे
- प्रत्येक घर में शुद्ध पानी की आपूर्ति होगी।
- सार्वजनिक स्थानों पर पानी के दुरुपयोग पर रोक लगेगी।
- उपयोग हुए जल का मूल्य मिलेगा और राजस्व में वृद्धि होगी।
- प्रदेश में पानी के उपयोग का सही आंकड़ा पता करने में मिलेगी मदद।
-लोगों को पानी के लिए यहां से वहां भटकना नहीं पड़ेगा।यह भी पढ़ें: नगर निगम क्षेत्र में पानी के बिलों में हुई वृद्धि वापस Dehradun Newsराज्य जल स्वच्छता मिशन के सामने ये हैं चुनौतियां- पहाड़ में छितरे छितरे मकान होते हैं ऐसे में पाइप लाइन बिछाना बेहद जटिल है।- हर साल आने वाली दैवीय आपदा से योजनाओं को नुकसान होता है। ऐसे में इंफ्रास्ट्रक्चर बचाना मुश्किल होगा।- भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, ऐसे में ऊंचाई तक पानी पहुंचाना भी चुनौती से कम नहीं है।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अब शहरी क्षेत्रों में हर पेयजल कनेक्शन पर मीटर अनिवार्य, जानिए वजह
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