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Chardham Yatra: चारधाम यात्रा शुरू, 140 यात्रियों ने किए बदरी-केदार में दर्शन

प्रदेशवासियों के लिए खोली गई चारधाम यात्रा के पहले दिन बदरीनाथ व केदारनाथ में 140 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। पहले दिन विभिन्न जिलों के 422 लोगों ने पंजीकरण कराया।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Thu, 02 Jul 2020 08:26 AM (IST)
Chardham Yatra: चारधाम यात्रा शुरू, 140 यात्रियों ने किए बदरी-केदार में दर्शन
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेशवासियों के लिए खोली गई चारधाम यात्रा के  पहले दिन बदरीनाथ व केदारनाथ में 140 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। इस बीच चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पहले दिन विभिन्न जिलों के 422 लोगों ने पंजीकरण कराया।

चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि बुधवार को बदरीनाथ के लिए 154, केदारनाथ के लिए 165,  गंगोत्री के लिए 55 और यमुनोत्री धाम के लिए 48 लोगों ने ई-पास बुक कराए। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ व केदारनाथ में थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क आदि की व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। 

मंदिर में मूर्तियों को छूना और प्रसाद वितरण पर रोक है। घंटियों को कपड़े से ढका गया है। दोनों धामों में स्टाफ की तैनाती की गई है।

उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग सहित बदरीनाथ, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गुप्तकाशी व सोनप्रयाग में यात्री विश्राम गृहों को यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे यात्रियों की आमद हो, ताकि पर्यटन, तीर्थाटन को गति मिल सके।

140 यात्रियों ने किए बदरी-केदार में दर्शन

प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बुधवार से उत्तराखंडवासियों के लिए चारधाम यात्रा शुरू हो गई। बदरीनाथ धाम में पहले दिन 70 लोगों ने दर्शन किए। इनमें 25 यात्री अन्य जिलों के हैं। केदारनाथ धाम भी पहले दिन 70 यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे। इनमें 36 यात्री प्रदेश के विभिन्न जिलों के थे। जबकि, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में एक भी यात्री दर्शनों को नहीं पहुंचा। दोनों धाम के तीर्थ पुरोहित भी यात्रा शुरू किए जाने का विरोध कर रहे हैं।

राज्यभर के लोगों को यात्रा की अनुमति दिए जाने के बाद पहले दिन कुल 70 लोगों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। इनमें 45 यात्री चमोली और 25 यात्री ऋषिकेश, देहरादून व अल्मोड़ा समेत अन्य मैदानी जिलों के हैं। सभी यात्रियों को दर्शन करने के लिए प्रार्थना मंडप में एक-एक मिनट का समय दिया गया। दर्शनों के बाद प्रशासन ने सभी यात्रियों को जोशीमठ वापस लौटा दिया। 

प्रशासन के दावों के बावजूद धाम में यात्रा व्यवस्थाएं न होने से यात्रियों को परेशानी भी झेलनी पड़ी। चौखुटिया निवासी गिरीश चतुर्वेदी व पुष्कर कांडपाल और नत्थनपुर (देहरादून) निवासी अजीत नेगी का कहना था कि धाम में चाय-नाश्ता तो छोडि़ए, पीने के पानी का भी इंतजाम नहीं है।

उधर, जिलाधिकारी स्वाति एस.भदौरिया ने बताया कि धाम में 600 से अधिक लोगों को ठहराने की व्यवस्था है, लेकिन फिलहाल यात्रियों को रुकने की अनुमति नहीं दी जा रही। पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए धाम में पुलिस की ओर से लंगर सेवा शुरू की जा रही है।  

प्रसाद के रूप में दी जा रही तुलसी की पत्तियां

बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं के प्रसाद चढ़ाने और मंदिर की घंटियां बजाने पर पाबंदी है। उन्हें चंदन का टीका भी नहीं लगाया जा रहा और प्रसाद के नाम पर दूर से ही तुलसी की पत्तियां भेंट की जा रही हैं। इसके अलावा शाम चार बजे के बाद यात्री लामबगड़ स्लाइड जोन से आगे नहीं जा सकते। जबकि, बदरीनाथ धाम से उन्हें शाम सात बजे से पहले जोशीमठ के लिए वापसी करनी होगी। 

मंदिर को खोलने व बंद करने का समय बदला

बदरीनाथ मंदिर के खुलने व बंद करने के समय भी बदलाव किया गया है। पहले सुबह पांच से दस बजे तक मंदिर खुला रहता था, लेकिन अब दोपहर 12 बजे तक मंदिर को खुला रखा जा रहा है। इसी तरह पहले दोपहर के विश्राम के बाद शाम पांच बजे मंदिर खोला जाता था, लेकिन अब दोपहर बाद तीन बजे मंदिर को खोला जा रहा है।

केदारनाथ में सिर्फ एक दिन रुकने की अनुमति 

केदारनाथ धाम में पहले दिन अल्मोड़ा, चंपावत, देहरादून, बागेश्वर, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जिलों से 36 यात्री दर्शनों को पहुंचे। इसके अलावा 34 यात्री रुद्रप्रयाग जिले से थे। सभी को शारीरिक दूरी के नियमों के तहत दो-दो की संख्या में सभामंडप से बाबा केदार के दर्शन कराए गए। यात्रा गाइडलाइन के अनुसार कोई भी यात्री सिर्फ एक दिन ही केदारनाथ में रुक सकता है। 

उधर, जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि कंटेनमेंट और बफर जोन के अंतर्गत आने वाले किसी भी व्यक्ति को धाम में प्रवेश की अनुमति नहीं है। साथ ही केदारनाथ आने से पूर्व यात्रियों को चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट badrinath-kedarnath.gov.in पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। 

यात्रा के दौरान ई-पास, अपलोड की गई फोटो आइडी व उत्तराखंड में निवास का प्रमाण पत्र भी यात्री को साथ रखना होगा। बताया कि फिलहाल 65 वर्ष से अधिक और दस वर्ष से कम आयु वालों को यात्रा की अनुमति नहीं है। 

गंगोत्री-यमुनोत्री में पसरा रहा सन्नाटा

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में एक भी यात्री दर्शनों को नहीं पहुंचा। इसके चलते दोनो धाम और पड़ावों में सन्नाटा पसरा रहा। जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री जाने के लिए तो अभी घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी की निविदा तक नहीं हुई है। यहां तक कि दोनों धाम में यात्रियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं भी नहीं की गई हैं। हालांकि, जिला प्रशासन का दावा है कि गंगोत्री धाम व जानकीचट्टी में स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के बंगलों में यात्रियों के खाने-ठहरने की व्यवस्था की गई है।

बदरीनाथ के लिए रोडवेज बस में गए छह यात्री

सूबे में चारधाम यात्रा के आगाज के साथ रोडवेज बसों का बदरीनाथ के लिए बस संचालन शुरू हो गया। पहले दिन ऋषिकेश डिपो से बदरीनाथ के लिए छह यात्री गए। हालांकि, केदारनाथ-सोनप्रयाग तक जाने वाली बस में कोई यात्री न मिलने के कारण उक्त बस को निरस्त करना पड़ा। रोडवेज ने गुरुवार से तीन धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री के लिए बसों का शेड्यूल जारी कर दिया है। 

शेड्यूल के तहत ऋषिकेश से बदरीनाथ के लिए रोजाना सुबह साढ़े पांच बजे और केदारनाथ-सोनप्रयाग के लिए सुबह साढ़े बस बजे नियमित सेवा लगाई गई है। एक बस ऋषिकेश से गंगोत्री धाम के लिए भी लगाई गई है, जिसका वक्त सुबह छह बजे का रखा गया है। 

रोडवेज ने ऋषिकेश बस डिपो काउंटर पर चारधाम के टिकट बुकिंग सेवा भी शुरू कर दी है, जहां यात्री सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक एडवांस टिकट बुक करा सकते हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा भी शुरू की जा रही है। 

चारधाम यात्रियों के लिए डिपो में पूछताछ काउंटर भी खोला गया है। यात्री (8476007540) नंबर पर कॉल कर बसों के संबंध में जानकारी ले सकते हैं। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि अगर यात्रियों की बुकिंग ज्यादा होती है तो बसों की संख्या उसी हिसाब से बढ़ाई जाएगी। वहीं, 25 जून से शुरू बस संचालन के बाद रोडवेज बसों की संख्या, यात्रियों का ग्राफ व रोडवेज की आय में इजाफा हो रहा है। बुधवार को सूबे में 156 बसों का संचालन हुआ, जिनमें 6693 यात्रियों ने सफर किया और रोडवेज को सात लाख रुपये आमदनी हुई। मंगलवार तक 135 बसों का संचालन हो रहा था। 

ऑनलाइन सेवा नहीं हो पाई शुरू

एक जुलाई से चारधाम यात्रा समेत लंबी दूरी की बसों के लिए ऑनलाइन टिकट की बुकिंग सेवा शुरू करने जा रहे रोडवेज को सर्वर की तकनीकी गड़बड़ी भारी पड़ गई। जिसके चलते ऑनलाइन सेवा बुधवार को शुरू नहीं हो सकी। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि ऑनलाइन सेवा एक-दो दिन के भीतर शुरू कर दी जाएगी। इस पर काम किया जा रहा है। चूंकि, अब किराया पहले के मुकाबले 67 फीसद बढ़ा हुआ है, इस वजह से सॉफ्टवेयर में अपडेट करने में कुछ समय लग रहा। 

संयुक्त रोटेशन भी यात्रा के लिए तैयार

चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ संयुक्त रोटेशन भी बस संचालन के लिए तैयार हो गया है। हर साल संयुक्त रोटेशन के जरिए ही निजी बसों का संचालन चारधाम यात्रा के लिए होता है। अभी तक निजी ऑपरेटर बस संचालन को राजी नहीं थे, लेकिन अब रोडवेज के संचालन को देखते हुए वह भी तैयार नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड परिवहन महासंघ अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि अभी चारधाम के लिए यात्री नहीं मिल रहे हैं। यात्रियों का ग्राफ बढ़ता है तो बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

सरकार ने जो पचास फीसद यात्रियों के साथ संचालन करते हुए यात्रियों से दोगुना किराया लेने के आदेश दिए हुए हैं, उसी के साथ बसों को संचालित किया जाएगा। संयुक्त रोटेशन द्वारा लगभग 2500 बसों का संचालन हर साल किया जाता है। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा भी रुकी हुई थी और बसों के पहिए भी। 

विश्वनाथ बस सेवा हुई शुरू

सवा तीन माह से खड़ी गढ़वाल मंडल की विश्वनाथ बस सेवा बुधवार से शुरू हो गई। पहले दिन देहरादून से गुप्तकाशी बस भेजी गई, जिसमें 12 यात्री गए। सरकार की ओर से दोगुना किराया तय करने के बाद से यह पहली निजी बस सेवा गढ़वाल के लिए शुरू हुई है। ऋषिकेश से घनसाली के साथ ही उत्तरकाशी के लिए भी बुधवार सुबह से विश्वनाथ सेवा शुरू कर दी गई है। 

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जिसमें घनसाली वाली बस में छह और उत्तरकाशी वाली बस में आठ ही यात्री गए। यातायात एवं पर्यटन विकास सहकारी संघ ऋषिकेश के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने बताया कि यदि यात्रियों की संख्या बढ़ती है तो और जगहों के लिए भी विश्वनाथ बस सेवा संचालित की जाएंगी। 

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