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उत्तराखंड के 147 संविदा शिक्षकों को रोजगार पाने को करना होगा इंतजार, जानिए वजह

147 संविदा शिक्षकों को रोजगार पाने के लिए पदों के रिक्त होने का इंतजार करना पड़ेगा। स्वीकृत रिक्त पदों से अधिक संख्या में संविदा शिक्षकों को सेवा विस्तार नहीं मिलेगा। प्रदेश के सरकारी डिग्री कालेजों में 27 मार्च 2021 तक तकरीबन 439 संविदा शिक्षक कार्यरत थे।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 07:32 PM (IST)
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उत्तराखंड के 147 संविदा शिक्षकों को रोजगार पाने को करना होगा इंतजार।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सरकारी डिग्री कालेजों में कार्यरत 147 संविदा शिक्षकों को रोजगार पाने के लिए पदों के रिक्त होने का इंतजार करना पड़ेगा। स्वीकृत रिक्त पदों से अधिक संख्या में संविदा शिक्षकों को सेवा विस्तार नहीं मिलेगा। प्रदेश के सरकारी डिग्री कालेजों में 27 मार्च, 2021 तक तकरीबन 439 संविदा शिक्षक कार्यरत थे।

चालू शैक्षिक सत्र 2021-22 में महज 292 संविदा शिक्षकों को सेवा विस्तार मिलने का रास्ता साफ हो पाया है। 147 संविदा शिक्षक पद रिक्त नहीं होने की वजह से रोजगार से वंचित हो गए हैं। बेरोजगार हुए इन शिक्षकों को भी सेवा विस्तार देने के लिए सरकार पर दबाव बना हुआ है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि इन शिक्षकों को पद रिक्त होने की दशा में ही अस्थायी रूप से फिर बहाल किया जा सकता है।

दरअसल वित्त की ओर से स्पष्ट हिदायत दी जा चुकी है कि रिक्त पद से ज्यादा संविदा शिक्षकों की सेवाएं किसी भी सूरत में नहीं ली जाएंगी। यदि इन निर्देशों की अवहेलना कर शिक्षकों को संविदा विस्तार दिया गया तो उनके पारिश्रमिक का भुगतान संबंधित अधिकारी के वेतन या पेंशन से किया जाएगा। शासन के सख्त रुख के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय और कालेज प्राचार्यों ने भी इस मामले में कदम पीछे खींच लिए हैं। सरकारी डिग्री कालेजों में शिक्षकों के कुल 2156 पद सृजित हैं।

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सरकार ने वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में शिक्षकों के रिक्त पदों पर संविदा शिक्षकों की तैनाती की है। संविदा, गेस्ट फैकल्टी और प्रात: और सांध्यकालीन फैकल्टी के रूप में शिक्षकों की अस्थायी रूप से सेवाएं ली गईं। वर्तमान में लोक सेवा आयोग से विषयवार चयनित शिक्षक बड़ी संख्या में रिक्त पदों पर कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। इस वजह से रिक्तियों की संख्या घट गई है। इससे संविदा शिक्षकों के रोजगार पर असर पड़ा है।

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उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि जिन शिक्षकों को सेवा विस्तार नहीं मिला है, उन्हें भविष्य में रिक्त होने वाले पदों पर काम करने का मौका दिया जाएगा। विषयवार रिक्त पदों को देखते हुए संविदा शिक्षकों से कार्य लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गृह विज्ञान हिंदी, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, समाजशास्त्र, संस्कृत में रिक्त पदों पर अस्थायी शिक्षकों से योगदान लिया जा रहा है।

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