Rishikesh Lockdown: कोरोना मरीज मिलने के बाद ऋषिकेश का 20 बीघा क्षेत्र तीन मई तक लॉक
एम्स ऋषिकेश के कर्मचारी की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटव आने के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया। प्रशासन ने 20 बीघा क्षेत्र की सभी गलियों और सड़कों को बेरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया है।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Mon, 27 Apr 2020 10:19 AM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन। एम्स ऋषिकेश के कर्मचारी की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटव आने के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया। उक्त कर्मचारी बापू ग्राम 20 बीघा गली नंबर तीन में किराए में रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 20 बीघा क्षेत्र की सभी गलियों और सड़कों को बेरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया है।
जैसे ही एम्स कर्मचारी के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई तो उप जिलाधिकारी प्रेमलाल, पुलिस अधीक्षक देहात पदमेंद्र डोबाल, पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र सिंह रावत, तहसीलदार रेखा आर्य, कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह 20 बीघा क्षेत्र में पहुंचे। उप जिलाधिकारी ने बताया कि जिस मकान में यह कर्मचारी किराएदार है। वहां बगल में रहने वाले चार लोगों सहित पड़ोसी दो दुकानदार और एक दूधवाले सहित सात लोगों को क्वारंटाइन करते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम के भरत भूमि अतिथि गृह में भेज दिया गया है। साथ ही पूरे इलाके को सेनिटाइज किया जा रहा है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने 20 बीघा कॉलोनी गली नंबर तीन क्षेत्र को तीन मई तक के लिए पूर्ण लॉकडाउन रखने के आदेश जारी किए हैं। उक्त क्षेत्र की सभी दुकानें प्रतिष्ठान कार्यालय बैंक आदि पूरी तरह बंद रखे जाएंगे।
1100 की आबादी प्रभावित20 बीघा का जो क्षेत्र पूर्णतया लॉकडाउन घोषित किया गया है। यह नगर निगम ऋषिकेश के वार्ड संख्या 29 क्षेत्र के अंतर्गत आता है। क्षेत्र के पार्षद गुर¨वदर सिंह ने बताया कि पूरे क्षेत्र की आबादी करीब 4200 है। 20 बीघा के संबंधित क्षेत्र में लॉकडाउन की परिधि में 150 मकान आते हैं। जिसमें करीब 11 सौ लोग रहते हैं।
कॉलोनी में प्रशासन करेगा राशन समेत हर व्यवस्था
जिलाधिकारी ने अपने आदेश में जिला पूर्ति अधिकारी को यहां मोबाइल वैन के माध्यम से आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करने को कहा है। परिवार का मात्र एक सदस्य ही दैनिक आवश्यकता की सामग्री क्रय करने घर के समीप स्थित सरकारी मोबाइल शॉप तक जा सकता है। सहायक निदेशक डेयरी क्षेत्र में दूध की बिक्री सुनिश्चित कराएंगे।क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम व बुखार के लक्षण महसूस होते हैं तो उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा सुलभ कराई जाएगी। जिलाधिकारी ने नगर निगम प्रशासन को क्षेत्र में पर्याप्त सफाई व्यवस्था और लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है।
लॉकडाउन में आवाजाही के लिए फर्जी मेडिकलकई सरकारी कर्मचारी फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र से अनावश्यक आवाजाही कर रहे हैं। जिस पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने समस्त सीएमओ व अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी व्यक्ति का मेडिकल बिना आवश्यक जांच व परीक्षण के न जारी किया जाए। किसी भी फर्जी प्रमाण पत्र के लिए चिकित्सक स्वयं जिम्मेदार होगा।ऐसे कुछ मामले आए हैं जहां सरकारी कर्मचारी-अधिकारी ही लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। यह लोग चिकित्सकों से अनावश्यक चिकित्सीय प्रमाण पत्र बनवाकर अपने मुख्यालयों से बाहर जा रहे हैं। चिकित्सक भी बिना जांच या परीक्षण ही फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।
यह भा पढ़ें: Coronavirus: हरिद्वार जिले में तीन कोरोना मरीज स्वस्थ, अस्पताल से डिस्चार्ज ये कर्मचारी चिकित्सा प्रमाण पत्र को आधार बना अनावश्यक मूवमेंट भी कर रहे हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद अब स्वास्थ्य महानिदेशक ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य चिकत्साधिकारी और अस्पतालों के पीएमएस व सीएमएस को निर्देश दिए हैं कि वह इस पर निगरानी रखें। अगर किसी कर्मचारी का प्रमाण पत्र फर्जी मिलता है तो इसके लिए संबंधित चिकित्सक उत्तरदायी होगा।
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