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देहरादून आने वाले 20 फीसद के पास ही हैं आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट

जो लोग दूसरे राज्यों से दून आ रहे हैं उनके लिए आरटी-पीसीआर जांच की अनिवार्यता की गई है। हालांकि इसके बाद भी महज 20 फीसद के आस पास ही व्यक्ति आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आ रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 24 Apr 2021 09:03 AM (IST)
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आशारोड़ी आरटीओ चेक पोस्ट में बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों के एंटीजन टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन करती स्वास्थ्यकर्मी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। जो लोग दूसरे राज्यों से दून आ रहे हैं, उनके लिए आरटी-पीसीआर जांच की अनिवार्यता की गई है। हालांकि, इसके बाद भी महज 20 फीसद के आसास ही व्यक्ति आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आ रहे हैं। बिना रिपोर्ट वाले व्यक्तियों की  सीमा पर रैंडम आधार पर एंटीजन जांच कराई जा रही है। इस जांच को लेकर भी तमाम लोग नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब दून आने के लिए स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है तो अब जांच क्यों कराई जा रही है।

आशारोड़ी चेकपोस्ट पर सैंपलिंग टीम के प्रभारी डॉ. एक्यू अंसारी का कहना है कि रैंडम आधार पर रोजाना 2500 के करीब जांच की जा रही है। कई लोग इस बात पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं कि उनकी जांच न की जाए। वहीं, कुछ लोग ऊपर तक शिकायत करने की धमकी भी दे रहे हैं। डॉ. अंसारी के मुताबिक जागरूकता के अभाव में अभी भी बहुत कम लोग पहले से निगेटिव रिपोर्ट लेकर आ रहे हैं। लिहाजा, उन्हें लाइन में लगकर जांच करानी पड़ रही है। इसको लेकर भी कई लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उनकी अपील है कि सीमा पर किसी भी असुविधा से बचने के लिए बाहर से आने वाले व्यक्ति निगेटिव रिपोर्ट लेकर ही आएं।

25 से 30 मिल रहे पॉजिटिव

डॉ. एक्यू अंसारी के मुताबिक एंटीजन जांच में ही रोजाना 25 से 30 व्यक्ति पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। बिना लक्षण वाले संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है। जिनमें लक्षण दिख रहे हैं और एंटीजन जांच निगेटिव आ रही है, उनकी आरटी-पीसीआर जांच की संस्तुति की जा रही है।

वैक्सीन की दो डोज लगाने वाले कर रहे इन्कार

चेकपोस्ट पर यह भी देखने में आ रहा है कि वह लोग भी जांच कराने से इन्कार कर रहे हैं, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। सैंपलिंग प्रभारी डॉ. अंसारी का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इस बात को हर व्यक्ति को समझना होगा और समाज की सुरक्षा की खातिर स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करना होगा।  

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