Coronavirus: उत्तराखंड में एक दिन में 21 लोगों ने जीती कोरोना से जंग
प्रदेश में 21 मरीज संक्रमण से मुक्त होकर डिस्चार्ज हो गए हैं। यह एक दिन में ठीक होकर छुट्टी पाने वाले सर्वाधिक मरीज रहे। प्रदेश में अभी तक 81 लोग कोरोना की जंग जीत चुके हैं।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Wed, 27 May 2020 07:09 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना मरीजों की हर दिन बढ़ती संख्या के बीच एक राहत भरी खबर आई। मंगलवार को प्रदेश में 21 मरीज संक्रमण से मुक्त होकर डिस्चार्ज हो गए हैं। यह एक दिन में ठीक होकर छुट्टी पाने वाले सर्वाधिक मरीज रहे। प्रदेश में अभी तक 81 लोग कोरोना की जंग जीत चुके हैं।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब नयी डिस्चार्ज नीति पर अमल किया जाने लगा है।सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती 15 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अलग-अलग दिन एसटीएच में भर्ती इन 15 लोगों की निगेटिव रिपोर्ट आई है। इसी आधार पर इन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। इसमें तीन मरीज नैनीताल जिले के हैं।
इसके अलावा 11 मरीज ऊधमसिंह नगर और एक मरीज अल्मोड़ा का है। इधर, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से छह लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया। डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री के अनुसार 14 मई को मसूरी की एक महिला, खटीक मोहल्ला सीमेंट रोड निवासी मीट विक्रेता व मुंबई से लौटे रायपुर के युवक को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर भर्ती कराया गया था।
बाद में महिला का बेटा, मीट विक्रेता की पत्नी एवं बेटी को भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। नई गाइडलाइन के तहत अब उन्हें दस दिन तक कोई लक्षण नहीं दिखाई देने, तीन दिन तक बुखार नहीं आने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
दून में अब और बढ़ेगी सैंपलिंग की रफ्तारलॉकडाउन में मिली छूट के बाद से सैकड़ों की संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौट रहे हैं। जिनमें बड़ी तादाद में लोग संक्रमित भी पाए गए हैं। ऐसे में अब लगातार सैंपलिंग का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। इसी के तहत अब सीएमओ स्तर से दून मेडिकल कॉलेज एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से 17 और लैब तकनीशियन बुलाए गए हैं। वहीं, गांधी अस्पताल में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लैब तकनीशियन गणोश गोदियाल, मनोज जोशी, रमेश रावत, अरविंद तोपवाल, राजेश उनियाल को अग्रिम आदेशों तक सीएमओ कार्यालय से संबद्ध किया गया है। ईएनटी सर्जन डॉ. पीयूष त्रिपाठी, डॉ. आलोक जैन, लैब अटेंडेंट संदीप गुप्ता, फार्मेसिस्ट कमल बिष्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर ऋभ पाल आदि की भी ड्यूटी लगाई गई है। कुछ लैब तकनीशियनों के बिना सूचना आशारोड़ी पहुंच जाने पर उन्होंने नाराजगी जताई है।
दस दिन इंतजार, 11वें दिन निजी लैब में जांचदून मेडिकल कॉलेज में पांच मरीजों के सैंपल रिजेक्ट होने बाद अब श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में इनके दोबारा सैंपल लिए गए हैं। इनमें एक मरीज ने निजी लैब में अपने खर्च पर सैंपल जांच के लिए दिया है। बता दें, बीती 16 मई को श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती पांच मरीजों के सैंपल कोरोना जांच के लिए दून मेडिकल कॉलेज भेजे गए थे। लेकिन दस दिन तक भी इनकी रिपोर्ट नहीं आई।
अस्पताल प्रबंधन ने जब इस विषय में जानकारी ली तो बताया गया कि सैंपल सही नहीं लिए गए थे। ऐसे में इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है। वहीं एक मरीज ने और इंतजार करने के बजाए निजी लैब में जांच कराना मुनासिब समझा। यह भी पढ़ें: Coronavirus: दिल्ली और मुंबई से आए 22 लोगों को किया संस्थागत क्वारंटाइन Dehradun News
उन्होंने बाहर साढ़े चार हजार रुपये में जांच कराई है। अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी का कहना है कि अधिक लोड की वजह से सैंपल एंट्री या कुछ अन्य कारणों से रिजेक्ट हुए होंगे, पर इसकी सूचना समय पर दी जानी चाहिए थी। यह भी पढ़ें: Coronavirus: चमोली में लापरवाही पड़ गई भारी, हॉटस्पॉट बना क्वारंटाइन सेंटर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।