राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाए Himalaya Diwas, पद्मभूषण जोशी ने आमजन और सरकार से की ये अपील
हेस्को के संस्थापक डा. अनिल प्रकाश जोशी का कहना है कि आर्थिकी को मजबूत करने से ज्यादा जरूरी है कि पारिस्थितिकी को मजबूत किया जाए। जब तक कश्मीर से कन्याकुमारी तक हिमालय दिवस नहीं मनाया जाएगा तब तक देशवासियों को इस ओर गंभीरता दर्शाने को प्रेरित नहीं किया जा सकता।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 04 Sep 2021 09:11 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। हिमालय पर्यावरण और पारिस्थितिकी का प्राण है। यह प्राण बचाकर रखना सबकी जिम्मेदारी है। जब तक कश्मीर से कन्याकुमारी तक हिमालय दिवस नहीं मनाया जाएगा, तब तक देशवासियों को इस ओर गंभीरता दर्शाने को प्रेरित नहीं किया जा सकता। आर्थिकी को मजबूत करने से ज्यादा जरूरी है कि पारिस्थितिकी को मजबूत किया जाए।
यह अपील हेस्को के संस्थापक एवं पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी ने शनिवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान की। उन्होंने आगामी नौ सितंबर को हिमालय दिवस पर हिमालयीय यूनाइटेड मिशन (हम) की ओर से आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में हिमालय दिवस मनाया जाएगा। जिसका उद्देश्य हिमालय से जुड़े मुद्दों के प्रति देश-दुनिया का ध्यान खींचना है।इस बार हिमालय दिवस का विषय हिमालय ज्ञान-विज्ञान पर केंद्रित है। आध्यात्म, आस्था और संस्कृति-संस्कार भी दुनिया को हिमालय ने ही परोसे हैं। दुनिया की प्रसिद्ध नदियां गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र हिमालय की ही देेन हैं। हिमालय के वन देश के कुल वन का एक तिहाई हिस्सा हैं। इस दौरान अगास संस्था से जगदंबा प्रसाद मैठाणी, सीड संस्था से कुसुम घिल्डियाल, बीज बम के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल भी उपस्थित थे।
हिमालय दिवस पर होगा भव्य आयोजनहिमालय दिवस देश में करीब 200 से अधिक स्थानों पर मनाया जाएगा। जिसमें हिमालय संरक्षण और इसके ज्ञान-विज्ञान पर परिचर्चा होगी। जम्मू-कश्मीर में मुख्य रूप से सामाजिक संगठनों के बीच व एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की ओर से गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। उत्तराखंड में वाडिया इंस्टीट्यूट, वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय वन्यजीव, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, हिमालयीय विश्वविद्यालय समेत विभिन्न केंद्रीय संस्थानों से हिमालय दिवस को मनाने का अनुरोध किया गया है।
दिल्ली में केंद्रीय मंत्री भी करेंगे मंथनदिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, विज्ञान तकनीक राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह, रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट, पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डा. विजय राघवन व जैव प्रौद्योगिकी सचिव डा. रेणु स्वरूप से भागीदारी का अनुरोध किया गया है। उत्तराखंड में आयोजित कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी वर्चुअल रूप से जुड़कर व्याख्यान देंगे। डा. जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अनुरोध किया गया है कि वह सरकारी स्तर पर हिमालय दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कराएं।
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