इन पोलिंग बूथों पर मतदान के दिन केबल से पहुंचेगी बिजली
स्थानीय प्रशासन ने सभी मतदेय स्थलों का रुट प्लान तैयार कर लिया है। ऊर्जा निगम ने मतदान को चकराता क्षेत्र के 24 दूरस्थ बूथों तक केबल से बिजली पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था की है।
By Edited By: Updated: Mon, 08 Apr 2019 12:21 PM (IST)
देहरादून, चंदराम राजगुरु। लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के प्रथम चरण को होने वाले मतदान की तैयारी चल रही है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने सभी मतदेय स्थलों का रुट प्लान तैयार कर लिया है। ऊर्जा निगम ने मतदान को चकराता क्षेत्र के 24 दूरस्थ बूथों तक केबल से बिजली पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था की है।
सड़क विहीन क्षेत्र के बीस पोलिंग बूथों तक जाने को दो से आठ किमी की खड़ी चढ़ाई नापनी पड़ेगी। चार अतिदुर्गम श्रेणी के बूथों की पैदल दूरी दस से 13 किमी है। जिससे पोलिंग पार्टियों को मतदेय स्थल तक आने-जाने को पसीना बहाना पड़ेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य व पेयजल समस्या के चलते सैंज-तराणू पंचायत से तीस परिवारों ने गांव छोड़ दिया। करीब साठ परिवार वाले इस गांव में चार सौ से अधिक मतदाता हैं। समस्या से जुझ रहे कई लोग पलायन करके सोलह किमी दूर अटाल में बस गए।
चुनावी समर में पहाड़ के विकास को लेकर कई बड़े वायदे किए जा रहे हैं। 17वीं लोकसभा चुनाव को प्रथम चरण के मतदान के लिए सिर्फ तीन दिन रह गए। जौनसार-बावर और पछवादून की चकराता, विकासनगर व सहसपुर तीनों विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदेय स्थलों में व्यवस्था बनाई जा रही है।
भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार ऊर्जा निगम ने मतदान को चकराता क्षेत्र के 24 बूथों पर बिजली पहुंचाने के लिए केबल बिछाने की कार्रवाई शुरु कर दी। एसडीओ ऊर्जा निगम अशोक कुमार ने कहा चकराता के दूरस्थ मतदेय स्थल सैंज-तराणू, पुरटाड़, बगूर, टियूटाड़, कांडा, कावाखेड़ा, गोरछा, रजाणू, इंद्रौली, शिर्वा, छटौ, घिंघो, चंदौ, भूठ, गैरी, फनार, चांजोई, बिरपा, डांगूठा, कोटी व मटियावा समेत 24 बूथों में बिजली पहुंचाने को करीब दो हजार मीटर लंबे केबल बिछाने की व्यवस्था की गई है।
सरकारी स्कूलों में बने इन मतदान केंद्रों तक केबल से बिजली पहुंचाने को वैकल्पिक इंतजाम किए किए हैं। देवघार क्षेत्र के सैंज-तराणू पंचायत की बात करें तो यहां साठ परिवार रहते हैं। चार सौ से अधिक मतदाता वाले इस गांव का मतदेय स्थल जन मिलन केंद्र में बनाया गया है। बच्चों की शिक्षा को गांव में खोले गए सरकारी प्राइमरी स्कूल में ताले लटके हैं।
युवा कल्याण समिति अध्यक्ष बसंत शर्मा, ग्राम प्रधान चंडी प्रसाद शर्मा, राकेश शर्मा व मेहरचंद शर्मा आदि ने कहा शिक्षा, पेयजल, सिंचाई व स्वास्थ्य समस्या के चलते तीस परिवार गांव छोड़कर चले गए। अटाल व्यापार मंडल के सचिव श्रीचंद शर्मा ने कहा बुनियादी समस्या की वजह से कई परिवार सैंज से पलायन कर 16 किमी दूर अटाल में आकर बस गए। जिससे गांव धीरे-धीरे खाली हो रहा है। बसंत शर्मा ने कहा पहाड़ में पलायन को रोकने के लिए ठोस नीति बननी चाहिए। शांतिपूर्ण चुनाव की तैयारियां लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने को स्थानीय प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।
प्रशासन ने पर्वतीय क्षेत्र चकराता के कुल 216 पोलिंग बूथों का रुट प्लान तैयार कर रोडमेप बनाया है। जिसमें दुर्गम व अतिदुर्गम श्रेणी वाले 56 बूथों के लिए मतदान से दो दिन पहले नौ अप्रैल को पोलिंग पार्टी देहरादून व कालसी से रवाना की जाएगी। इसमें 40 पार्टियां सीमांत तहसील त्यूणी की और 16 पार्टियां चकराता तहसील को रवाना होगी। शेष बची 170 पार्टियां दस अप्रैल को संबंधित क्षेत्र के लिए रवाना की जाएगी। चकराता के सुदूरवर्ती लोहारी, लेबरा, कितरौली, कोटुवा, भंगार, कलेथा, नाड़ा, गुठाड़, छटौऊ, इंद्रौली, बनियाना, ककनोई, मोहना, ओली-सावरा, मिंडाल समेत बीस मतदेय स्थलों तक जाने के लिए पोलिंग पार्टियों को दो से आठ किमी की दौड़ लगानी पड़ेगी।
अतिदुर्गम उदावां, बनियाना, खाटुवा व खारसी चार बूथों तक पहुंचने को दस से तेरह किमी की खड़ी चढ़ाई नापनी पड़ेगी। चुनाव में मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों को चकराता क्षेत्र के दो दर्जन बूथों तक आने-जाने को पसीना बहाना पड़ेगा।यह भी पढ़ें: जर्जर भवन में हो रहा है चार धाम यात्रा का संचालन
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