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सूचना आयोग का चाबुक, दो आबकारी अधिकारियों पर 25 हजार का जुर्माना

सूचना आयोग ने आबकारी मुख्यालय के उपायुक्त प्रभाशंकर मिश्रा व नैनीताल के जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान (तत्कालीन लोक सूचनाधिकारी) पर 12500-12500 रुपये का जुर्माना लगाया है।

By BhanuEdited By: Updated: Wed, 05 Feb 2020 08:43 PM (IST)
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सूचना आयोग का चाबुक, दो आबकारी अधिकारियों पर 25 हजार का जुर्माना
देहरादून, जेएनएन। सूचना आयोग ने आबकारी मुख्यालय के उपायुक्त प्रभाशंकर मिश्रा व नैनीताल के जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान (तत्कालीन लोक सूचनाधिकारी) पर 12500-12500 रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने यह कार्रवाई सूचना देने में की गई हीलाहवाली पर की है।

तेगबहादुर रोड निवासी दिनेश कुमार ने छह फरवरी 2019 को आबकारी आयुक्त कार्यालय से विभिन्न बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। तय समय के भीतर सूचना न मिलने पर उन्होंने प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी अपर आयुक्त एआर सेमवाल के पास अपील की। अपीलीय अधिकारी अधिकारी के आदेश के बाद भी काफी विलंब के बाद सूचनाएं दी गईं। जिसमें 213 दिन की देरी हो गई थी। 

इस बीच मामला सूचना आयोग में भी दाखिल कर दिया गया था। प्रकरण की सुनवाई में राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने पाया कि जिस समय सूचना मांगी गई, तब लोक सूचनाधिकारी का दायित्व राजीव चौहान (अब नैनीताल के जिला आबकारी अधिकारी) के पास था और प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी के आदेश के दौरान यह दायित्व उपायुक्त प्रभाशंकर मिश्रा निभा रहे थे। 

दोनों अधिकारियों को बिना वाजिब कारण सूचना देने में विलंब का दोषी मानते हुए आयोग ने उन पर जुर्माना लगा दिया। दोनों के वेतन से 12500-12500 रुपये की वसूली कर राजकोष में जमा कराने की जिम्मेदारी आबकारी आयुक्त को दी गई है।

16 लेखपालों व एक कानूनगो पर 86 हजार जुर्माना

सेवा का अधिकार (आरटीएस) के तहत अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने वाले राजस्व कार्मिकों के खिलाफ 86 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। नैनीताल के जिलाधिकारी ने यह कार्रवाई सेवा का अधिकार आयोग के आदेश पर की।

आयोग ने ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर नैनीताल जिले की राजस्व विभाग से संबंधित सेवाओं (एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019) की समीक्षा की थी। आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आलोक कुमार जैन ने पाया था कि विभिन्न प्रमाण पत्रों के 913 मामले लंबित चल रहे हैं। इनमें 837 प्रकरण आय प्रमाण पत्र के थे और इन पर शासन के जरूरी निर्देशों का अभाव पाते हुए समीक्षा से बाहर कर दिया था। 

शेष 76 लंबित प्रकरणों पर पाया गया कि इसमें अनावश्यक विलंब किया गया है। बाद में आयोग के प्रभारी अध्यक्ष डीएस गर्ब्याल ने प्रकरण पर जिलाधिकारी नैनीताल को कार्रवाई के आदेश दिए थे। जिलाधिकारी ने पांच मामलों को तकनीकी कारणों से हटा दिया और शेष 71 प्रकरणों पर पाया गया कि संबंधित राजस्व कार्मिकों की लापरवाही से इनमें देरी हुई है। इसके लिए 16 लेखपालों समेत एक कानूनगो (राजस्व निरीक्षक) को दोषी पाया। लिहाजा, इन पर तीन हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगा दिया गया।

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इन पर लगा जुर्माना

लेखपाल/निरीक्षक क्षेत्र--------लंबित प्रकरण------जुर्माना

लछमपुर व जगतपुर-------------09--------------10000

अर्जुनपुर----------------------------03--------------5000

खेड़ा---------------------------------02--------------5000

दुमवाढूंगा---------------------------03--------------5000

कमुलवागांजा-----------------------01--------------5000

हल्द्वानी खास--------------------------------------5000

मालधनचौड़------------------------14--------------5000

कॉनिया-----------------------------06--------------5000

खुशालपुर---------------------------05--------------5000

बसई--------------------------------03--------------5000

रामनगर----------------------------03--------------5000

बुक्सार------------------------------01--------------5000

लामाचौड़----------------------------01--------------4500

चांदनी चौक------------------------01--------------3000

प्रभारी निरीक्षक, रामनगर-------02--------------5000

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