जालसाजों ने वक्फ बोर्ड के लेखाकार के खाते से 25 हजार रुपये उड़ाए
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के लेखाकार के खाते से जालसाजों ने 25 हजार रुपये निकाल लिए। इसका पता उन्हें तब चला जब उनके खाते से चार बार पैसे निकलने के एसएमएस आए।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 12 Mar 2019 04:56 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के लेखाकार के खाते से जालसाजों ने 25 हजार रुपये निकाल लिए। इसका पता उन्हें तब चला, जब उनके खाते से चार बार पैसे निकलने के एसएमएस आए। रायपुर थाने में दी गई तहरीर में उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उनका एटीएम कार्ड कहीं खो गया था।
सोहन सिंह रावत निवासी ईश्वर विहार फेज-2, लाडपुर, रायपुर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में लेखाकार के पद पर कार्यरत हैं। रायपुर थाने में दी तहरीर में रावत ने बताया कि रविवार को शाम पांच बजे के करीब उनके मोबाइल से एक-एक कर चार बार में कुल 25 हजार रुपये निकलने के एसएमएस आए। उन्होंने जब घर में एटीएम कार्ड खोजा तो वह नहीं मिला। बैंक में जाकर पता किया तो मालूम हुआ कि उनके खाते से यह रकम सहारनपुर के गंगोह स्थित पीएनबी के एटीएम से निकाली गई है। इंस्पेक्टर चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। गंगोह के एटीएम की सीसीटीवी फुटेज भी मंगाई जा रही है। इसके लिए सहारनपुर की पुलिस से संपर्क किया गया है।
10 लाख रुपये की पड़ताल को टीम लखनऊ रवाना
आशारोड़ी चेकपोस्ट पर चेकिंग के दौरान कार से बरामद किए गए 10 लाख रुपये की हकीकत जानने के लिए आयकर विभाग की टीम लखनऊ रवाना हो गई है। जिन लोगों के पास से यह राशि पकड़ी गई थी, उन्होंने इस रकम को लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी का बताया था।
जब पुलिस ने 10 लाख रुपये पकड़े थे तो कार सवार लोगों के पास इसका कोई हिसाब नहीं था। हालांकि, उन्होंने पूछताछ में बताया कि यह राशि लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी की है और इससे देहरादून में कार्यरत कंपनी के कर्मचारियों की तनख्वाह दी जानी है।
बिना दस्तावेज इस राशि की बरामदगी को लेकर पुलिस ने आयकर विभाग को भी सूचित किया था, ताकि इसे जब्त करने या छोड़ देने पर निर्णय लिया जा सके। इस मामले में निर्वाचन व्यय के नोडल अधिकारी व आयकर की इन्वेस्टिगेशन विंग के संयुक्त निदेशक लियाकत अली का कहना है कि इस धनराशि की हकीकत जाने के लिए एक टीम लखनऊ रवाना हो गई है। वहां पर विभाग के अधिकारी कंपनियों के खातों की जांच कर पता लगाएंगे कि क्या वास्तव में यह राशि उसी की है। यदि इसके रिकॉर्ड नहीं मिले तो पूरी राशि को कब्जे में लेकर सरकार के खाते में जमा कर दिया जाएगा।
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