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29 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त, 65 को भेजा गया नोटिस

सीडीपीओ तरुणा चमोला ने 29 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। वहीं 65 को चेतावनी नोटिस जारी किए गए हैं।

By Edited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 11:45 AM (IST)
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29 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त, 65 को भेजा गया नोटिस
देहरादून, जेएनएन। बर्खास्तगी की चेतावनी के बाद भी काम पर न लौटने के चलते विकासनगर में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) तरुणा चमोला ने 29 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। दूसरी ओर पौड़ी में 57 कार्यकर्ता काम पर लौट आए, जबकि 65 को चेतावनी नोटिस जारी किए गए हैं।

विकासनगर में बर्खास्तगी की कार्रवाई के विरोध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने सीडीपीओ का घेराव कर हंगामा किया। सीडीपीओ ने ड्यूटी ज्वाइन करने की दशा में सेवा समाप्त न करने का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया। हंगामे के दौरान एक कार्यकर्ता बेहोश भी हो गई।

दून समेत पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 18 हजार रुपये मानदेय समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर डेढ़ माह से भी ज्यादा वक्त से आंदोलनरत हैं। इससे महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के कई काम लटक गए हैं। इसके चलते विभाग ने कार्यकर्ताओं को गुरुवार शाम तक आंदोलन समाप्त कर काम पर लौटने का आदेश दिया था। साथ ही ऐसा न करने पर शुक्रवार से उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई किए जाने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बावजूद विकासनगर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काम पर नहीं लौटीं। सीडीपीओ ने बताया कि लगातार तीन निरीक्षण और पर्यवेक्षण में आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिले। इसके चलते कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं पर कार्रवाई की गई। सीडीपीओ का घेराव करने वालों में पिंकी, अंजना, पल्लवी, अंजू, संध्या नेगी, ऊषा शाह, परमजीत, रुबीना, रेणू, अंजू, अनिता, प्रियंका, रेखा, रुबी, मेघवती, रामेश्वरी आदि शामिल रहीं।

तरुणा चमोला (सीडीपीओ, विकासनगर) का कहना है कि 29 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्त की गई है। कार्यकर्ताओं से वार्ता की गई है। जो काम पर वापस लौटेंगी, उनके सेवा समाप्ति न करने को लेकर विचार किया जा सकता है।

इन आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात कार्यकर्ताओं पर की गई कार्रवाई

भीमावाला, डॉक्टरगंज, नावघाट, केसरबाग, बरोटीवाला, लक्ष्मणपुर, रसूलपुर, तेलपुर, डुमेट, मुस्लिम बस्ती, जीवनगढ़, फतेहपुर, प्रतीतपुर, धर्मावाला, रुद्रपुर, भूड़, आशारोड़ी, रजौली, आसनबाग, बैरागीवाला, शाहपुर कलयाणपुर, तिमली, ढालीपुर, ढकरानी, कुंजाग्रांट।

बर्खास्तगी की तलवार लटकी तो काम पर लौटने लगीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

बर्खास्तगी की तलवार लकटते ही दून में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना-प्रदर्शन कमजोर पड़ गया। कार्रवाई के भय से कार्यकर्ता काम पर वापस लौटने लगी हैं। शुक्रवार को कई कार्यकर्ताओं ने ड्यूटी ज्वाइन भी कर ली। वहीं, कुछ ने लिखित में बर्खास्त न किए जाने की अपील करते हुए काम पर लौटने की बात कही है। हालांकि, परेड ग्राउंड में संगठन का धरना और बेमियादी अनशन जारी रहा।

देहरादून के जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि कालसी, विकासनगर, चकराता, डोईवाला, रायपुर, सहसपुर सहित शहर से अधिकांश कार्यकर्ता काम पर वापस लौट आई हैं। शेष कार्यकर्ताओं ने अपनी सुपरवाइजर से काम पर लौटने की बात कही है। अगर कल तक ये कार्यकर्ता काम पर वापस नहीं लौटीं तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। बता दें कि देहरादून जनपद में कुल 10907 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें 1657 कार्यकर्ता कार्यरत हैं।

निदेशालय पर आत्मदाह की दी थी चेतावनी

शासन ने चेतावनी के बाद भी काम पर लौटने के कारण बुधवार को पौड़ी की कुछ कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नोटिस जारी कर दिया था। इसके विरोध में दून में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशालय में जमकर हंगामा किया था। कार्यालयों में तालाबंदी करने के साथ चेतावनी दी थी कि नोटिस वापस न लेने पर निदेशालय में ही आत्मदाह कर लेंगी। लेकिन, शासन का रुख नरम न होने और कार्रवाई के डर से शुक्रवार को कार्यकर्ताओं का आंदोलन बैकफुट पर आ गया।

पौड़ी में हड़ताल वापस लेने का दावा

प्रदेश के अन्य जिलों की बात करें तो पौड़ी में प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि जनपद के तीन विकासखंडों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने हड़ताल वापस ले ली है। वहीं, उत्तरकाशी में 57 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम पर वापस लौटने का दावा किया जा रहा है। 65 को चेतावनी नोटिस जारी किए गए हैं।

अभी खत्म नहीं हुआ है धरना

फिलहाल यह कहना उचित नहीं होगा कि आंगनबाड़ी संगठनों का धरना पूरी तरह समाप्त हो गया है। शुक्रवार को धरनास्थल पर आंगनबाड़ी संगठन का प्रदर्शन और बेमियादी अनशन जारी रहा। इस दौरान उर्मिला तोमर और सकिरण अनशन पर बैठीं। संगठन की महामंत्री सुमति थपलियाल का कहना है कि उनका धरना बरकरार है। उन्होंने हार नहीं मानी है। कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाकर उन्हें वापस बुलाया जा रहा है। इस दौरान संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी सबको नजरअंदाज करती नजर आईं।

शिवसेना ने दिया समर्थन

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को शुक्रवार को शिवसेना ने समर्थन दिया। दून में शिवसेना प्रमुख गौरव कुमार धरनास्थल पर पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि उनका आंदोलन अब शिवसेना का आंदोलन है। जब तक उनकी सभी मांगें पूरा नहीं हो जातीं, शिवसेना कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में प्रतिभाग करेगी। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि शिवसेना के समर्थन से उनका आंदोलन मजबूत हुआ है। अब उन्हें आशा की किरण नजर आ रही है। इस अवसर पर संजीव सुजाइक, गौरव खंडेलवाल, नितिन शर्मा, शिवम गोयल, विजय गुलाटी, मनोज वोहरा, विनोद भट्ट, रोहित बेदी, विकास मल्होत्रा, मंजीत भट्ट, विकास सिंह आदि मौजूद रहे।

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झरना कमठान (निदेशक, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग) का कहना है कि किसी भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर दबाव नहीं बनाया गया। सभी अपनी मर्जी से काम पर लौटी हैं। जो कार्यकर्ता काम पर वापस नहीं लौटेंगी, उन पर डीपीओ विभागीय कार्रवाई करेंगे।

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