दून मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल की 30 फीसदी सीटें खाली Dehradun News
दून मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल कोर्स का शुरुआती रिस्पांस बहुत अच्छा नहीं रहा है। कॉलेज में करीब 30 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं। इसके अब अब अधिकारी तमाम कारण गिनवा रहे हैं।
By BhanuEdited By: Updated: Fri, 27 Dec 2019 09:22 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल कोर्स का शुरुआती रिस्पांस बहुत अच्छा नहीं रहा है। कॉलेज में करीब 30 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं। यह स्थिति तब है जब युवाओं के पास राजधानी दून में रहकर रियायती दर पर पढ़ाई का एक अच्छा विकल्प था। बहरहाल, सीट खाली रह जाने के पीछे अब अधिकारी तमाम कारण गिनवा रहे हैं।
राज्य सरकार ने पिछले साल ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पैरामेडिकल कोर्स चलाने का निर्णय लिया था। पिछले साल कोर्स शुरू नहीं हो पाया था, मगर इस बार दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस ओर रुचि दिखाई। कॉलेज ने इस साल रेडियोलॉजी, लैब और ओटी टेक्नीशियन का कोर्स शुरू किया है। जिसमें बीएससी रेडियोलॉजी की 30, जबकि अन्य पाठ्यक्रम की 15-15 सीट हैं। पर 60 सीट में 17 खाली रह गई हैं। इसमें सर्वाधिक सीट मेडिकल लैब टेक्नीशियन की हैं। मेडिकल रेडियो डायग्नोसिस की स्थिति फिर भी अच्छी है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि पैरामेडिकल कोर्स के छात्रों के लिए हॉस्टल की सुविधा नहीं है। अधिकांश छात्रों की तरफ से हॉस्टल की डिमांड आई थी। यह एक कारण था।
इसके अलावा नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कोर्स की काउंसिलिंग में इस साल विलम्ब हुआ। पहले नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता न आने के कारण काउंसिलिंग लटकी रही और फिर शुल्क निर्धारण न होने के कारण पैरामेडिकल कोर्स का सीट आवंटन अटक गया। इस दौरान छात्रों ने अन्य जगह दाखिला ले लिया। दून मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल कोर्स की अधिसूचना भी बाद में हुई। अगले साल ये स्थिति नहीं रहेगी। ये सीटें रह गयी खाली
बीएससी एमएलटी-09बीएमआरआइटी-07बीएससी ओटीटी-07अकेला नहीं दून मेडिकल कॉलेज पैरामेडिकल कोर्स की यह स्थिति केवल दून मेडिकल कॉलेज में नहीं है। बल्कि ऋषिकेश के पं. ललित मोहन शर्मा पीजी कॉलेज में भी यही हाल है। इस कॉलेज में मेडिकल लैब टेक्नीशियन के कोर्स के लिए 30 सीट थीं। इनमें भी तेरह सीट खाली रह गई है। निजी नर्सिंग, पैरामेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटें खाली
नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स को लेकर ज्यादा मार निजी कॉलेजों पर पड़ी है। मॉपअप समेत तीन राउंड की काउंसिलिंग के बावजूद निजी कॉलेजों में नर्सिंग की 50 फीसदी सीटें खाली रह गई हैं। सरकारी कॉलेजों में जरूर सभी सीटें भर गई। पैरामेडिकल कोर्स की भी कमोबेश यही स्थिति है। इस कोर्स में भी निजी कॉलेजों की 50 फीसदी ही सीट भर पाई हैं। यह भी पढ़ें: नर्सिंग और पैरामेडिकल क्षेत्र में तैयार होंगे सुपर स्पेशिलिस्ट, पढ़िए पूरी खबर
बता दें, एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय से सरकारी व निजी, कुल सत्रह नर्सिंग कॉलेज और दस पैरामेडिकल कॉलेज संबद्ध हैं। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल के अनुसार काउंसिलिंग समाप्त हो चुकी है। यह सीटें अब रिक्त ही रहेंगी। यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स चालू सत्र से नहीं, पढ़िए पूरी खबर
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