Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में बड़े पैमाने पर घपला आ रहा सामने, एसआइटी के पास पहुंची 35 अतिरिक्त शिकायतें
Registry Fraud Case रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा जब सामने आया था तब पांच रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ कर स्वामित्व बदलने की बात सामने आई थी। फिर यह आंकड़ा बढ़कर सात हुआ। साथ ही यह भी पता चला कि राजस्व अभिलेखागार से भी भूमि संबंधी दस्तावेज गायब किए गए हैं। हालांकि जिला प्रशासन शुरू से ही इसके प्रति आशंकित था और माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर घपला किया गया है।
By Suman semwalEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 16 Sep 2023 01:20 PM (IST)
[सुमन सेमवाल], देहरादून। Registry Fraud Case: रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा जब सामने आया था, तब पांच रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ कर स्वामित्व बदलने की बात सामने आई थी। फिर यह आंकड़ा बढ़कर सात हुआ। साथ ही यह भी पता चला कि राजस्व अभिलेखागार से भी भूमि संबंधी दस्तावेज गायब किए गए हैं।
हालांकि, जिला प्रशासन शुरू से ही इसके प्रति आशंकित था और माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर घपला किया गया है। इस क्रम में गहन जांच को एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित करने और सात मुकदमे पंजीकृत करने के बाद एसआइटी ने आमजन से भी फर्जीवाड़े के प्रकरण संज्ञान में लाने का आग्रह किया है।
एसआइटी के पास आई रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की 35 शिकायतें
इसका असर यह हुआ कि एसआइटी के पास रजिस्ट्री फर्जीवाड़े जैसी 35 शिकायतें और आई हैं। जिनमें शिकायत करने वाले व्यक्तियों ने फर्जी अभिलेख तैयार कर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है।एसआइटी का यह कार्यालय छह नंबर पुलिया के पास स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मुख्यालय के कक्ष संख्या 116 में खोला गया है। यहां शिकायतों को प्राप्त करने के लिए विशेष जांच दल के सदस्य अतुल कुमार शर्मा की विशेष रूप से तैनाती की गई है।
एसआइटी की ओर से लगातार की जा रही है अपील
एसआइटी की ओर से निरंतर सार्वजनिक रूप से अपील की जा रही है कि जिन भी व्यक्तियों के भूमि अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ की गई है, वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस कार्यालय को खुले अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है और यहां भूमि फर्जीवाड़े से संबंधित 35 शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी है।फर्जी दस्तावेज तैयार करने से लेकर अभिलेख गायब करने तक के हैं प्रकरण
एसआइटी के समक्ष जो शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, उनमें संबंधित व्यक्तियों ने भूमाफिया पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने से लेकर अभिलेखागार से पत्रावली तक गायब करने का आरोप लगाया है। एसआइटी का यह कार्यालय सभी शिकायतों को उनकी प्रकृति के मुताबिक संकलित कर रहा है और इसके बाद इन सभी पर मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। ऐसे प्रकरण भी इनमें शामिल हैं, जिनमें मुकदमा दर्ज करने के लिए पहले से तहरीर दी जा चुकी है।
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