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देहरादून: जमीन दिलाने के नाम पर साढ़े 39 लाख ठगे, भ्रामक पोस्टर लगाने वालों पर मुकदमा

देहरादून में जमीन दिलाने के नाम पर दो शातिरों ने एक व्यक्ति से साढ़े 39 लाख रुपये ठग लिए। साथ ही रुपये वापस मांगने पर आरोपितों ने जान से मारने की धमकी दी। प्रेमनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 09 Dec 2020 09:29 AM (IST)
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देहरादून: जमीन दिलाने के नाम पर साढ़े 39 लाख ठगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून में जमीन दिलाने के नाम पर दो शातिरों ने एक व्यक्ति से साढ़े 39 लाख रुपये ठग लिए। साथ ही रुपये वापस मांगने पर आरोपितों ने जान से मारने की धमकी दी। प्रेमनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, एक अन्य मामले प्रधानमंत्री योजना के तहत लोन दिलाने के भ्रामक पोस्टर लगाकर धोखाधड़ी की साजिश करने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

वन विहार शिमला बाईपास रोड निवासी जोत सिंह ने पुलिस को बताया कि उन्होंने करन सिंह रावत व मोहम्मद मुकर्रम से आवास बनाने के लिए सुद्धोवाला में प्लाट खरीदा था। आरोपितों ने 25 अक्टूबर 2018 को जमीन की रजिस्ट्री भी कर दी, लेकिन जमीन का अभी तक दाखिला खारिज नहीं हो पाया है। पीडि़त ने बताया कि उन्होंने 11 हजार रुपये प्रति गज के हिसाब से रकम का भुगतान किया था। विकासनगर तहसील में दाखिला खारिज के बारे में पता किया गया तो जानकारी मिली कि करन सिंह के नाम पर कोई जमीन नहीं है। 

एसओ प्रेमनगर धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि प्रेम सिंह की तहरीर पर लाडपुर रायपुर रोड निवासी करन सिंह रावत व कारगी ग्रांट कन्हैया विहार निवासी मुकर्रम के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।

लोन दिलाने के भ्रामक पोस्टर लगाने पर मुकदमा दर्ज

प्रधानमंत्री योजना के तहत लोन दिलाने के भ्रामक पोस्टर लगाकर धोखाधड़ी की साजिश करने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि आढ़त बाजार में दीवारों पर आधार कार्ड लोन, पर्सनल लोन व बिजनेस लोन देने के संबंध में ये पोस्टर लगाए गए थे। गश्त के दौरान चीता पुलिस को पोस्टर दिखे तो उन्होंने शहर कोतवाल शिशुपाल नेगी को सूचना दी। मामले को गंभीरता से देखते हुए सीओ सिटी शेखर चंद्र सुयाल को जांच सौंपी गई।

सीओ की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पोस्टर में जिन व्यक्तियों के मोबाइल नंबर हैं, वह भोले-भाले व्यक्तियों से ठगी कर सकते हैं। जांच में यह भी सामने आया कि इस प्रकार की कोई योजना केंद्र और राज्य सरकार की ओर से नहीं चलाई जा रही है। पुलिस ने तुरंत दीवारों पर चस्पा पोस्टरों को साक्ष्य के लिए सुरक्षित कर दिया। डीआइजी ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पोस्टर में छपे मोबाइल नंबरों की डिटेल भी निकाली जा रही है।

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