तो उत्तराखंड में दुर्गम में ही टिके रह सकेंगे 400 शिक्षक, पढ़िए पूरी खबर
तबादला प्रकरणों की जांच को गठित समिति की रिपोर्ट और फिर शासन स्तर पर स्क्रूटनी के बाद करीब 400 शिक्षकों के दुर्गम में ही रहने के अनुरोध पर मुहर लग सकती है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 27 Sep 2019 10:55 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। बीती तीन जुलाई को प्रदेश में स्थगित हुए शिक्षकों के तबादलों का मसला अब जल्द सुलझ सकता है। तबादला प्रकरणों की जांच को गठित समिति की रिपोर्ट और फिर शासन स्तर पर स्क्रूटनी के बाद करीब 400 शिक्षकों के दुर्गम में ही रहने के अनुरोध पर मुहर लग सकती है। नियम-27 के तहत तबादलों में ढील देने को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति की तीन अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक में शिक्षकों के तबादला प्रकरणों पर विचार किया जा सकता है।
प्रदेश में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों के तबादला आदेश बीती 25 जून को जारी किए गए थे। इन तबादलों में तमाम विसंगतियों को लेकर आवाज उठने के बाद सरकार ने बीती तीन जुलाई को तबादले स्थगित कर दिए थे। राज्य के सीमांत जिलों पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली आदि में स्थापित विद्यालयों के ऐसे शिक्षक, जिन्हें बगैर प्रतिस्थानी स्थानांतरित किया गया, उनके तबादले आदेश भी तत्काल प्रभाव से स्थगित किए गए थे। इसके साथ ही तबादलों को लेकर शिक्षकों की आपत्तियों के निस्तारण और नियमों के मुताबिक तबादले नहीं होने के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। संयुक्त सचिव विद्यालयी शिक्षा कवींद्र सिंह, अपर निदेशक विद्यालयी शिक्षा वंदना गब्र्याल व एससीईआरटी उपनिदेशक आनंद भारद्वाज की इस समिति ने दस दिन के बजाय डेढ़ माह बाद रिपोर्ट दी। समिति ने 1100 से अधिक प्रकरणों पर आपत्तियों की सुनवाई की। समिति ने सेवानिवृत्ति के कगार पर या 55 साल या अधिक आयु के दुर्गम में ही रहने के इच्छुक शिक्षकों के तबादलों को सही पाया है। इन शिक्षकों ने सुगम या अन्यत्र तबादला नहीं करने की मंशा विभागीय अधिकारियों से जताई थी।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के साथ शासन और विभागीय आला अधिकारियों ने समिति की रिपोर्ट का अध्ययन किया गया। यह पाया गया कि प्रवक्ता संवर्ग के 181 और एलटी संवर्ग के करीब 220 शिक्षक दुर्गम में ही रहने के इच्छुक हैं। इन शिक्षकों को दुर्गम में ही बने रहने देने के मामले को अब मुख्य सचिव समिति के समक्ष रखा जाएगा।
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पति-पत्नी के तबादला संबंधी 400 आवेदनों पर विचार नहीं
मुख्य सचिव समिति के समक्ष उक्त प्रकरणों के अतिरिक्त नियम-27 के तहत गंभीर रूप से बीमार या अन्य जरूरतमंद शिक्षकों के तबादलों के 50 से अधिक प्रकरण रखे जा सकते हैं। प्राथमिक से लेकर माध्यमिक के करीब छह सौ शिक्षकों के नियम-27 के तहत तबादला आवेदनों की शासन स्तर पर स्क्रूटनी की गई। शासन ने पति-पत्नी से संबंधित तबादलों के करीब 400 प्रकरणों पर अब मध्य सत्र में विचार नहीं करने का निर्णय लिया है। लिहाजा ऐसे आवेदनों को ठंडे बस्ते में डाला जाएगा।
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