Dehradun: उत्तराखंड में आयुष्मान योजना का आमजन को भरपूर लाभ, 51.44 लाख बन चुके हैं कार्ड; 15 अरब से अधिक खर्च
उत्तराखंड में आखिरी छोर के व्यक्ति तक आयुष्मान योजना का लाभ पहुंचे इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए हर अंतराल बाद अभियान व जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप अभी तक 51 लाख 44 हजार लोग के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। आयुष्मान के तहत मुफ्त उपचार सेवा में अभी तक 15.54 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है।
By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Thu, 03 Aug 2023 08:48 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: आयुष्मान योजना का आमजन को भरपूर लाभ मिल रहा है। प्रदेश में योजना शुरू होने के बाद से लेकर अब तक 51.44 लाख लोग के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। जबकि 8.28 लाख से अधिक लाभार्थी मरीजों को इस योजना के अंतर्गत निशुल्क उपचार की सुविधा मिल चुकी है, जिस पर राज्य सरकार ने 15 अरब से अधिक की राशि खर्च की है।
प्राधिकरण के नवनियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि आयुष्मान योजना का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत लाभार्थी मरीजों को निशुल्क इलाज देने के लिए 120 सरकारी व 139 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं।
51 लाख 44 हजार लोगों के बन चुके हैं आयुष्मान कार्ड
राज्य के आखिरी छोर के व्यक्ति तक इस योजना का लाभ पहुंचे इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए हर अंतराल बाद अभियान व जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप अभी तक 51 लाख 44 हजार लोग के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं।मरीजों के आयुष्मान कवच पर अब तक 15 अरब रुपये खर्च
बताया कि योजना की बेहतरी के लिए सरकार की ओर से भी निर्देश प्राप्त हो रहे हैं। आयुष्मान के तहत मुफ्त उपचार सेवा में अभी तक 15.54 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है। कहा कि इस योजना के अंतर्गत मरीजों को निशुल्क उपचार की सुविधा प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सुविधा को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है।
योजना के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं की त्वरित समीक्षा और समाधान किया जा रहा है। जिससे कोई भी लाभार्थी मरीज योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज की सुविधा से वंचित न रहे। सूचीबद्ध अस्पतालों में मरीजों को दिए जा रहे इलाज की भी नियमित निगरानी की जा रही है। किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर संबंधित अस्पताल प्रबंधन से जवाब तलब किया जा रहा है।