उत्तराखंड रोडवेज के रुड़की डिपो में हुआ 58 लाख का घोटाला, जानिए
उत्तराखंड रोडवेज के रुड़की डिपो में 58 लाख का घोटाला हुआ है। मार्च 2018 से फरवरी 19 तक करीब 58 लाख रुपये सहकारी समिति के खाते में गलत तरीके से भेजने का रेकार्ड दिया गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 28 Apr 2019 07:45 PM (IST)
देहरादून, अंकुर अग्रवाल। उत्तराखंड रोडवेज के रुड़की डिपो में कर्मचारियों के वेतन से हर महीने लाखों रुपये की कटौती कर सहकारी वेतन भोगी ऋण समिति के खाते में धनराशि को गलत तरीके से भेजने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एजीएम रुड़की आरपी पैन्यूली ने शनिवार को जो जांच रिपोर्ट परिवहन निगम मुख्यालय को सौंपी है, उसमें मार्च-2018 से फरवरी-19 तक करीब 58 लाख रुपये सहकारी समिति के खाते में गलत तरीके से भेजने का रेकार्ड दिया गया है। आशंका है कि यह घोटाला सितंबर-2017 से चल रहा है और घोटाले की रकम लगभग 94 लाख हो सकती है। इस मामले में डिपो कैशियर को पहले ही निलंबित किया जा चुका है व मुख्यालय इसकी विस्तृत जांच करा रहा।
मामला तब पकड़ में आया जब गत 10 अप्रैल को उत्तराखंड परिवहन निगम के नए प्रबंध निदेशक आर राजेश कुमार ने सूबे के सभी डिपो में चल रही वेतन ऋण सहकारी समिति के रेकार्ड तलब किए। रुड़की डिपो में जब यह पत्र मिला तो एजीएम पैन्यूली ने पाया कि डिपो में छह समितियां कार्यरत हैं। इनमें उत्तरांचल राज्य सड़क परिवहन निगम कर्मचारी सहकारी ऋण समिति के दस्तावेज नहीं मिले। समिति की ओर से कर्मियों की ऋण कटौती की कोई जानकारी नहीं दी जा रही थी मगर इसके बावजूद हर माह उसके खाते में लाखों की धनराशि गलत तरीके से भेजी जा रही थी।
बताया गया कि बीती 20 अप्रैल को रुड़की डिपो में रीजनल ऑफिस देहरादून से रुड़की डिपो के कर्मचारियों के वेतन के रूप में 26 लाख 29 हजार 397 रुपये का चेक प्राप्त हुआ। कर्मचारियों का वेतन बनाकर सिविल लाइंस स्थित पंजाब नेशनल बैंक की सिविल लाइंस शाखा को जमा किया गया। वेतन की जो सूची बनाई गई, उस पर एजीएम के हस्ताक्षर थे। जब 22 अप्रैल को वेतन का चेक बैंक में जमा किया गया। एजीएम को इस पर कुछ शक हो गया। वह बैंक में पहुंचे तो उन्होंने पाया कि जिस वेतन सूची पर उन्होंने हस्ताक्षर किए थे, वह सूची नहीं थी। साथ ही वेतन के चेक से चार लाख 46 हजार 690 रुपये की कटौती कर बचत ऋण समिति के खाते में ट्रांसफर किए गए थे गया।
बैंक स्टेटमेंट निकालने के बाद डिपो पहुंचकर एजीएम ने कैशियर हामिद को तत्काल निलंबित करने के आदेश दिए। साथ ही वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अमिता सैनी, केंद्र प्रभारी राजकुमारी समेत कनिष्ठ केंद्र प्रभारी विवेक कपूर, सहायक रोकडिय़ा प्रदीप त्यागी व सहायक लिपिक संदीप गोयल से स्पष्टीकरण मांगा। जांच में पाया गया कि समिति ने सितंबर-2017 को अपना खाता खोला था और तभी से 'खेल' चल रहा।
हर माह इस तरह भेजी गई रकम
- माह-----------------रकम (रुपये में)
- मार्च-18--------------561389
- अप्रैल-18------------560760
- मई-18--------------565160
- जून-18-------------456380
- जुलाई-18-----------494930
- अगस्त-18---------465720
- सितंबर-18----------484220
- अक्टूबर-18---------492500
- नवंबर-18-----------442620
- दिसंबर-18----------447920
- जनवरी-19----------438200
- फरवरी-19----------446690
- कुल------------------5856480
बोले अधिकारी
दीपक जैन (रोडवेज महाप्रबंधक) का कहना है कि वेतन की मद में भेजी गई धनराशि से इस तरह की कटौती नहीं हो सकती। यह बेहद बड़ी अनियमितता है। अभी जांच चल रही है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।रुड़की डिपो एजीएम के विरुद्ध परिषद ने की कार्रवाई की मांग
रुड़की डिपो में वेतन घोटाला पकड़ने व कैशियर को सस्पेंड करने वाले एजीएम के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कार्रवाई की मांग की है। परिषद का आरोप है कि मामले में जानबूझकर कैशियर को फंसाया गया। आरोप है कि एजीएम द्वेषपूर्ण रवैया अपनाकर कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। परिषद ने एक और दो मई को रुड़की डिपो में धरना-प्रदर्शन कर कार्य-बहिष्कार का एलान किया है। तीन मई से देहरादून में मंडलीय प्रबंधक के कार्यालय में बेमियादी धरने की चेतावनी दी गई है।रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद दून के क्षेत्रीय अध्यक्ष मेजपाल सिंह व मंत्री राकेश पटवाल की ओर से मंडलीय प्रबंधक पवन मेहरा को शनिवार को आंदोलन का नोटिस दिया गया। परिषद ने बताया कि निलंबित कैशियर हामिद अली अक्षम परिचालक हैं और अदालत के आदेश पर उन्हें लिपिकीय कार्य लिया जा रहा है। आरोप है कि अली ने अपना कार्य कानूनी रूप से किया लेकिन मामले में एजीएम ने अली को ही निशाना बनाया। परिषद ने आरोप लगाया कि डिपो एजीएम आचार संहिता की आड़ में कर्मियों का उत्पीड़न कर रहे हैं।
श्रेष्ठ एजीएम में शामिल हैं पैन्यूलीपरिवहन निगम मुख्यालय के रेकार्ड के अनुसार रुड़की डिपो के एजीएम आरपी पैन्यूली निगम के श्रेष्ठ एजीएम की सूची में शामिल हैं। उन्हें अगस्त-18 में रुड़की का चार्ज दिया गया था। उस समय डिपो आय के मामले में सातवें नंबर पर था। पैन्यूली ने डिपो में ड्यूटी में चल रही मनमानी बंद की और कार्यशाला में भी सुधार किया। चार माह बाद ही डिपो प्रदेश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया। लगातार आय में वृद्धि के मामले में रुड़की दूसरे नंबर पर कायम है। बीते महीने मंडलीय प्रबंधक की ओर से पैन्यूली को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। पैन्यूली ईमानदार छवि वाले माने जाते हैं। ऐसे में उनके विरुद्ध कार्रवाई पर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन भी भी आंदोलन की तैयारी कर रही है।
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