Move to Jagran APP

इस्‍तेमाल किए गए खाद्य तेल से तैयार किया 640 लीटर डीजल, पढ़िए पूरी खबर

आइआइपी ने यूज्ड कुकिंग ऑयल से 640 लीटर डीजल की पहली खेप तैयार कर ली है। इस डीजल का उपयोग संस्थान के जनरेटरों और वाहनों में किया जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 03 Jan 2020 08:31 PM (IST)
इस्‍तेमाल किए गए खाद्य तेल से तैयार किया 640 लीटर डीजल, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, सुमन सेमवाल। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) ने यूज्ड कुकिंग ऑयल (खाना पकाने के बाद बचा खाद्य तेल) से 640 लीटर डीजल की पहली खेप तैयार कर ली है। इस डीजल का उपयोग संस्थान के जनरेटरों और वाहनों में किया जा रहा है। इसके बाद आइआइपी ने रेस्तरां व होटलों को इस्तेमाल खाद्य तेल के बदले उससे तैयार डीजल का 50 फीसद हिस्सा देने की योजना बनाई है।

एक बार प्रयोग के बाद खाद्य तेल का दोबारा इस्तेमाल सेहत के लिए घातक होता है। इस प्रवृत्ति को कम करने के लिए आइआइपी, गति फाउंडेशन (नया नाम सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन) व खाद्य सुरक्षा विभाग ने देहरादून हलवाई एसोसिएशन की बैठक बुलाई थी। जिसमें तय किया गया था कि एक बार खाना बनाने में प्रयुक्त तेल का दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और इसका प्रयोग डीजल बनाने के लिए किया जाएगा। नतीजा सकारात्मक रहा और आइआइपी को छह दिसंबर को 800 लीटर इस्तेमाल खाद्य तेल के रूप में पहली खेप मिल गई।

संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नीरज आत्रे ने बताया कि यूज्ड कुकिंग ऑयल से उसकी कुल मात्रा का 80 फीसद डीजल तैयार किया जा सकता है। पहली खेप से 640 लीटर डीजल तैयार किया गया है। पिछले शुक्रवार को 300 लीटर तेल और मिला है। इससे भी जल्द डीजल तैयार किया जाएगा। डॉ. आत्रे ने बताया कि संस्थान के प्लांट में रोजाना 200 लीटर डीजल बनाया जा सकता है। इसलिए इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल की आवक बढ़ाने को रेस्तरां, मिष्ठान भंडार व होटल संचालकों के लिए नया ऑफर शुरू किया गया है। उनसे जो भी तेल प्राप्त होगा, उसका डीजल बनाकर 50 फीसद डीजल संबंधित प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा। 50 फीसद तेल आइआइपी स्वयं रखेगा।

10 लीटर के बदले एक लीटर तेल

आइआइपी ने एक अन्य ऑफर भी शुरू किया है। इसके तहत 10 लीटर इस्तेमाल खाद्य तेल के बदले कोई भी व्यक्ति एक लीटर शुद्ध खाद्य तेल संस्थान से प्राप्त कर सकता है।

30 रुपये लीटर का भी है विकल्प

इसके अलावा आइआइपी को कोई भी व्यक्ति 30 रुपये प्रति लीटर की दर से इस्तेमाल खाद्य तेल बेच सकता है। आइआइपी ने इससे बनने वाले डीजल की कीमत 45-46 रुपये प्रति लीटर के आसपास तय की है।

मार्च से दो हजार लीटर का लक्ष्य

आइआइपी ने मार्च से हर माह दो हजार लीटर इस्तेमाल खाद्य तेल प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए ऋषिकेश व हरिद्वार के प्रतिष्ठानों का भी सहयोग लिया जाएगा। होटल-रेस्तरां संचालकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए आइआइपी 20 जनवरी को कार्यशाला भी आयोजित करेगा। इसके लिए प्रतिष्ठानों की श्रेणी भी तैयार की गई है।

इस तरह होगा प्रतिष्ठानों का चिह्नीकरण

-रोजाना 50 लीटर से अधिक तेल का इस्तेमाल करने वाले।

-25 से 50 लीटर के बीच खाद्य तेल का इस्तेमाल करने वाले।

-25 लीटर से कम तेल का इस्तेमाल करने वाले।

यह भी पढ़ें: आइआइपी रोजाना तैयार करेगा 10 हजार लीटर बायोफ्यूल, 50 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी

एक ही तेल का बार-बार प्रयोग इसलिए घातक

बार-बार गर्म करने पर तेल का टोटल पोलर कंपाउंड (टीपीसी) 25 फीसद से अधिक हो जाता है, जो इसे जहरीला बना देता है। खासतौर पर मांसाहारी भोजन बनाने के बाद बचे तेल में घातक हेक्टोसाइक्लिक अमीन की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। इसके अलावा बार-बार गर्म करने से तेल में पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) की मात्रा भी बढ़ जाती है, जो कैंसर का मुख्य कारक माना जाता है।

यह भी पढ़ें: आइआइपी ने गैस की खपत कम करने को बनाया बर्नर, होगी 15 फीसद बचत

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।