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Lok Sabha Election 2024: उत्तराखंड की पांच सीटों के लिए बीजेपी की रणनीति तैयार, 78 वार रूम देंगे चुनावी रणनीति को धार

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी कर ली है। उत्तराखंड के पांच लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी ने 13 जिलों वाले इस राज्य में चुनावी रणनीति को धार देने के लिए प्रांत से लेकर विधानसभा क्षेत्र स्तर तक 78 चुनाव प्रबंधन समितियां गठित कर दी हैं।

By kedar dutt Edited By: Swati Singh Published: Tue, 05 Mar 2024 06:52 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2024 06:52 PM (IST)
उत्तराखंड की पांच सीटों के लिए बीजेपी की रणनीति तैयार

केदार दत्त, देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटों पर लगातार तीसरी बार जीत के लक्ष्य से मैदान में उतर चुकी भाजपा अपने चुनाव अभियान में किसी भी स्तर पर कोई कमीबेशी छोड़ने के मूड में नहीं है। यह इससे भी साबित होता है कि पार्टी ने 13 जिलों वाले इस राज्य में चुनावी रणनीति को धार देने के लिए प्रांत से लेकर विधानसभा क्षेत्र स्तर तक 78 चुनाव प्रबंधन समितियां गठित कर दी हैं। ये सभी वार रूम के तौर पर कार्य करेंगी।

विधानसभा क्षेत्र स्तर की ये समितियां चुनावी रणनीति का क्रियान्वयन बूथ स्तर तक सुनिश्चित कराएंगी। लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा कितनी सतर्क है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने पिछले साल सितंबर से तैयारियां प्रारंभ कर दी थी। इसके बाद पार्टी ने मार्च तक के कार्यक्रम भी निर्धारित कर दिए। इनमें सांसदों, विधायकों और पार्टी के मंडल स्तर तक के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई।

चुनावी तैयारियों पर है केंद्र की नजर

पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी उत्तराखंड की चुनावी तैयारियों पर निरंतर नजर रखे हुए है। इस बीच पिछले माह ही पार्टी ने राज्य की पांच लोकसभा सीटों को दो क्लस्टर में विभक्त किया। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत आने वाली टिहरी, पौड़ी व हरिद्वार सीटों का एक क्लस्टर बनाकर इसका मुख्यालय देहरादून निर्धारित किया गया। इसी प्रकार कुमाऊं की अल्मोड़ा और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीटों का दूसरा क्लस्टर बनाते हुए इसका मुख्यालय हल्द्वानी में नियत किया।

इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी

यही नहीं, सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल के दृष्टिगत गढ़वाल क्लस्टर की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत और कुमाऊं क्लस्टर का दायित्व कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को सौंपा। ये भी एक प्रकार से चुनाव प्रबंधन समितियां ही हैं। हाल में भाजपा ने प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति गठित की, जिसके संयोजक का जिम्मा पार्टी के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष एवं उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल को सौंपा गया।

तैयार किए गए हैं वार रूम

पार्टी ने पांचों लोकसभा क्षेत्रों के साथ ही राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में भी एक-एक चुनाव प्रबंधन समितियां गठित कर दी है। अब प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति, क्लस्टर मुख्यालय और लोकसभा व विधानसभा क्षेत्र स्तर की चुनाव प्रबंधन समितियों का उपयोग वार रूम के तौर पर भी करने का निश्चय किया गया है।

विधानसभा क्षेत्रों की समितियों में जहां पार्टी के विधायक हैं, वहां उन्हें ही संयोजक का दायित्व दिया गया है, जबकि प्रभारी का जिम्मा दूसरे क्षेत्रों के नेता को दिया जाएगा। जिन 23 विधानसभा क्षेत्रों में पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था, वहां वरिष्ठ नेताओं, पूर्व विधायकों को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चुनावी रणनीति को बूथ स्तर तक कराएंगी क्रियान्वित

ये समितियां पार्टी की चुनावी रणनीति को बूथ स्तर तक क्रियान्वित कराएंगी। यानी, वे बूथों पर नियुक्त पन्ना प्रमुखों व टोलियों की निरंतर चिंता करेंगी। साथ ही उन्हें राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर से निर्धारित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देंगी।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कही ये बात

भाजपा ऐसी पार्टी है, जो एक चुनाव निपटने के बाद दूसरे के लिए तैयार रहती है। जहां तक लोकसभा चुनाव की बात है तो हमने तैयारियां काफी पहले से प्रारंभ कर दी थीं। हम अपनी बात को जनता के बीच रख रहे हैं और जिम्मेदार दल होने के नाते यह हमारा कर्तव्य भी है। -महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा।

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