लोकगायक जीत सिंह नेगी को 'लीजेंडरी सिंगर' सम्मान
By Edited By: Updated: Mon, 02 Apr 2012 01:04 AM (IST)
देहरादून, जागरण संवाददाता: दिल्ली के फिक्की ऑडिटोरियम में सात अप्रैल को होने वाले उत्तराखंडी सिने कलाकारों के कुंभ में दो विशिष्ट श्रेणी के सम्मान भी दिए जाएंगे। इसके तहत 'गोपाल बाबू गोस्वामी लीजेंडरी सिंगर' सम्मान से प्रसिद्ध लोकगायक जीत सिंह नेगी और 'यंग उत्तराखंड लाइफ टाइम अचीवमेंट' सम्मान से लोकगायक चंद्र सिंह राही को नवाजा जाएगा।
यंग उत्तराखंड के अध्यक्ष विपिन पंवार ने राजधानी के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि वर्ष 2011 में उत्तराखंडी फिल्म एवं एलबम के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सिने कलाकारों को 16 श्रेणियों में सम्मान दिया जा रहा है। एलबम के लिए छह व फिल्मों के लिए दस वर्गो में नामांकन हुआ है। उन्होंने बताया कि सभी वर्गो में सर्वश्रेष्ठ का फैसला 11-सदस्यीय जूरी करेगी। जूरी में लोकगायक दीवान सिंह कनवाल, संगीतकार आलोक मलासी, रंगकर्मी डॉ. सुवर्ण रावत, लोक संस्कृतिकर्मी डॉ. डीआर पुरोहित व सुरेश नौटियाल, फिल्म समीक्षक वेद भदोला, संगीत शिक्षक सुधांशु बहुगुणा, फिल्म निर्देशक महेश भट्ट व बृज रावत, पत्रकार व्योमेश जुगरान और अभिनेता अवध किशोर पटवाल शामिल हैं। संस्था के सांस्कृतिक सचिव चंद्रकांत नेगी ने बताया कि यंग उत्तराखंड उत्तराखंडी सरोकारों के प्रति समर्पित युवाओं की सबसे बड़ी ऑनलाइन कम्युनिटी है। उन्होंने बताया कि संस्था 'यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड' समारोह उत्तराखंड के शहरों में भी आयोजित करना चाहती है, लेकिन यहां न तो सरकार से कोई सहयोग मिल रहा और न प्रायोजक ही आगे आ रहे हैं। इस मौके पर भाष्कर कांडपाल, सुभाष कांडपाल, विवेक पटवाल, मनोज रावत आदि मौजूद रहे।'गोपाल बाबू गोस्वामी लीजेंडरी सिंगर' सम्माननाम : जीत सिंह नेगी
जन्म तिथि : 2-2-1927जन्म स्थान : ग्राम अयाल पट्टी पैडुलस्यूं पौड़ी गढ़वाल
हाल निवास : 108/12, धर्मपुर देहरादूनरचनाएं (गढ़वाली में)प्रकाशितगीत गंगा, जौंल मगरी, छम घुंघुरू बाजला (गीत संग्रह), मलेथा की कूल (गीत नाटिका), भारी भूल (सामाजिक नाटक)अप्रकाशितजीतू बगड्वाल व रामी (गीत नाटिका), पतिव्रता रामी (हिंदी नाटक), राजू पोस्टमैन (एकांकी हिंदी रूपातंर)एलबमरवांई की राजुलागढ़वाली सिनेमा में योगदान'मेरी प्यारी ब्वै' के संवाद और गीत लिखेसम्मानलोकरत्न (1962), गढ़ रत्न (1990),दूनरत्न (1995), मील का पत्थर (1999), मोहन उप्रेती लोक संस्कृति पुरस्कार (2000), डॉ. शिवानंद नौटियाल स्मृति सम्मान (2011)'यंग उत्तराखंड लाइफ टाइम एचीवमेंट' सम्माननाम : चंद्र सिंह राहीजन्म तिथि : 17-3-1942जन्म स्थान : ग्राम गिंवाली, पट्टी मौदाड़स्यूं, पौड़ी गढ़वालहाल निवास : दिल्लीउपलब्धि-आकाशवाणी व दूरदर्शन पर पांच सौ अधिक गीत गा चुके हैं।-जागर व लोकगाथाओं को देशभर में पहचान दी-ढाई हजार से अधिक पारंपरिक लोकगीतों का संकलन-मध्य हिमालय के लोकगीत, लोकनृत्य और पारंपरिक लोकवाद्यों की लोक शैलियां संकलित-ढोल-दमाऊ, डौंर, थाली, हुड़का, मोछंग, बिणै, मुरली, अलगोला आदि वाद्ययंत्रों के वादन में प्रवीणसम्मानलोक संगीत रत्न पुरस्कार (1986), साहित्य-कला अवार्ड (1986), पं.टीकाराम गौड़ पुरस्कार (1996), लोक कला सम्मान (2003), मोहन उप्रेती कला सम्मान (2004), गढ़ गौरव सम्मान (2005), पं.शिवानंद नौटियाल सम्मान (2007), मोनाल लोक कला सम्मान (2009), कला सम्मान (2009), लोक संगीत सम्राट बड़ोदरा पुरस्कार (2010)मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।