अंकों की बारिश से बिगड़ा एनआइओएस का 'गणित', दाखिलों में आई 92 फीसद की गिरावट
इस बार सभी बोर्ड में 10वीं व 12वीं के छात्रों पर अंकों की जमकर बारिश हुई है। वहीं इस कारण एनआइओएस का गणित बिगड़ गया है। एनआइओएस में इस वर्ष स्ट्रीम टू में होने वाले दाखिलों में 92 फीसद की गिरावट आई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 06 Sep 2021 12:34 PM (IST)
आयुष शर्मा, देहरादून। कोरोनाकाल में सीबीएसई, सीआइसीएसई और उत्तराखंड बोर्ड ने 10वीं व 12वीं के छात्रों पर अंकों की जमकर बारिश की। इससे छात्रों के चेहरे तो खिले ही, सफलता प्रतिशत भी एकाएक बढ़ गया। हालांकि, अंकों की इस बारिश ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) में दाखिलों का गणित बिगाड़ दिया है। यहां इस वर्ष स्ट्रीम टू में होने वाले दाखिलों में 92 फीसद की गिरावट आई है। स्ट्रीम वन में भी पिछले साल के मुकाबले 52 फीसद कम दाखिले हुए हैं।
एनआइओएस में हर साल उत्तराखंड से औसतन 35 हजार बच्चे दाखिला लेते हैं। इनमें बड़ी संख्या 10वीं और 12वीं के छात्रों की होती है। इसमें भी ज्यादातर छात्र वो होते हैं, जो बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाते हैं। इसके अलावा तमाम छात्र अंक सुधार के लिए दाखिला लेते हैं। एनआइओएस में बोर्ड परीक्षा के तुरंत बाद होने वाले स्ट्रीम टू के दाखिलों के लिए पिछले वर्ष जुलाई से अगस्त अंत तक 8900 आवेदन आए थे, जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा 92 फीसद की कमी के साथ 700 पर ही सिमटकर रह गया है। इसी तरह पिछले वर्ष स्ट्रीम वन (अप्रैल से अप्रैल तक) में 15550 छात्रों ने दाखिला लिया था। इसमें भी सितंबर के पहले हफ्ते तक हुए दाखिलों की बात करें तो यह संख्या 12600 थी। इस वर्ष यह आंकड़ा अभी 6100 ही पहुंच पाया है। इस लिहाज से तुलना करें तो इस वर्ष स्ट्रीम वन में आधे दाखिले भी नहीं हुए हैं।
हालांकि, संस्थान में स्ट्रीम थ्री यानी आन डिमांड परीक्षा के दाखिलों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल यहां इस स्ट्रीम में 560 छात्रों ने दाखिला लिया था, जबकि इस साल अगस्त अंत तक 1100 से ज्यादा छात्र यह परीक्षा दे चुके हैं। वहीं, पिछले वर्ष स्ट्रीम वन (अक्टूबर से अक्टूबर) में 7400 छात्रों ने दाखिला दिया था। इस वर्ष इस स्ट्रीम के दाखिले शुरू होने बाकी हैं।
तीन स्ट्रीम में होते हैं दाखिले
एनआइओएस में तीन स्ट्रीम में दाखिले होते हैं। स्ट्रीम वन के तहत अप्रैल से अप्रैल और अक्टूबर से अक्टूबर तक दो ब्लाक में दाखिला, परीक्षा व परिणाम जारी करने की प्रक्रिया चलती है। वहीं, स्ट्रीम टू के तहत दाखिला प्रक्रिया बोर्ड कक्षाओं का परिणाम जारी होने के बाद शुरू होती है। इसकी परीक्षा अक्टूबर में होती है, जबकि परिणाम दिसंबर में जारी किया जाता है। वहीं, स्ट्रीम थ्री के तहत पूरे साल आन डिमांड परीक्षा होती है। परीक्षा देने के 45 दिन बाद ही परिणाम जारी हो जाता है।
यह रहा बोर्ड का परिणामसीबीएसई बोर्ड में इस वर्ष दून रीजन में 12वीं में 98.64 और 10वीं में 99.23 फीसद विद्यार्थी सफल हुए। दोनों कक्षा का सफलता प्रतिशत पिछले साल की तुलना में क्रमश: 15.42 फीसद और 9.51 फीसद अधिक रहा। वहीं, उत्तराखंड बोर्ड में इस वर्ष 12वीं में 99.56 और 10वीं में 99.09 फीसद विद्यार्थी सफल हुए। उत्तराखंड बोर्ड में दोनों कक्षा का सफलता प्रतिशत पिछले सत्र की तुलना में क्रमश: 19.3 फीसद और 22.18 फीसद अधिक रहा।
-हरदीप सिंह वडै़च (क्षेत्रीय निदेशक, एनआइओएस) का कहना है कि इस साल बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम अपेक्षाकृत बेहतर रहा। इसी से एनआइओएस के दाखिलों पर भी फर्क पड़ा है। स्ट्रीम वन व थ्री में अभी और दाखिले मिलने की उम्मीद है।यह भी पढ़ें:- ड्रोन और सेटेलाइट बनाना सीखेंगे उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के छात्र
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।