Move to Jagran APP

AAP Protest March: मजदूरों को आवास दिलाने के लिए सड़क पर उतरी आम आदमी पार्टी

पुरुकुल-मसूरी रोपवे परियोजना के लिए शिफनकोट बस्ती से हटाए गए मजदूरों को आवास दिलाने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को पार्टी के कार्यकत्र्ताओं ने लाइब्रेरी बाजार से मालरोड कुलड़ी बाजार होते हुए नगर पालिका प्रांगण तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 22 Sep 2020 02:25 PM (IST)
Hero Image
मसूरी में लाइब्रेरी बाजार में आप पार्टी कार्यकर्त्‍ताओं को वाहन में बैठाते पुलिसकर्मी।
मसूरी, जेएनएन। पुरुकुल-मसूरी रोपवे परियोजना के लिए शिफनकोट बस्ती से हटाए गए मजदूरों को आवास दिलाने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को पार्टी के कार्यकर्त्‍ताओं ने लाइब्रेरी बाजार से मालरोड, कुलड़ी बाजार होते हुए नगर पालिका प्रांगण तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। प्रशासन, नगर पालिका और मसूरी विधायक के खिलाफ खूब नारेबाजी की गई। इस दौरान कोविड-19 गाइडलाइन की भी खूब धज्जियां उड़ाई गईं। जुलूस और प्रदर्शन में शामिल अधिकांश कार्यकर्त्‍ता शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते नजर नहीं आए।

जुलूस आप के मसूरी विधानसभा प्रभारी नवीन परसाली के नेतृत्व में निकाला गया। इसके बाद कार्यकर्त्‍ताओं ने नगर पालिका प्रांगण पहुंचकर करीब तीन घंटे तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी तब शांत हुए, जब पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता अपने कक्ष से निकलकर प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और उन्हें बताया कि शिफनकोट को नगर पालिका ने नहीं बल्कि प्रशासन ने खाली करवाया है। बताया कि पालिका अब तक शिफनकोट से हटाए गए 35 परिवारों को आवास उपलब्ध करा चुकी है। छह परिवारों को एक-दो दिन में विस्थापित किया जाएगा। 

पालिकाध्यक्ष ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कुछ लोग शिफनकोट के मामले में राजनीति कर रहे हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है। प्रदर्शन करने वालों में आप के मसूरी अध्यक्ष सुनील पंवार, महिला विंग की अध्यक्ष भावना गोस्वामी, सचिव अंकित सैनी, व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, बिल्लू आदि शामिल रहे।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Politics: कांग्रेस और भाजपा ने केवल राज्यवासियों को छला : एसएस कलेर

नहीं ली प्रदर्शन की अनुमति

आप ने जुलूस और प्रदर्शन के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली थी। इसके चलते पुलिस ने नगर पालिका पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारियों को रोककर जीप में बैठा लिया था। जिससे गुस्साई महिला कार्यकर्त्‍ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई। इस बीच पुलिस जीप में बैठाए गए कार्यकर्त्‍ता भी प्रदर्शन में फिर शामिल हो गए। एसएसआइ मनोहर सिंह रावत ने बताया कि पार्टी ने प्रदर्शन के लिए प्रशासन से स्वीकृति नहीं ली थी। इसके लिए आप कार्यकर्त्‍ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand assembly Session: पहली बार सत्र से वर्चुअली जुड़ेंगे विधायक, 15 विधायकों को मंजूरी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।