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International Youth Day 2020: इन दो युवाओं के आविष्कार ने किया कोरोना पर वार, समाज को दी नई दिशा

International Youth Day 2020 दून के दो युवाओं केछोटे-छोटे प्रयासों ने समाज को नई दिशा देने का काम किया है। साथ ही ये युवा सभी के लिए प्रेरणास्रोत भी बने हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 12 Aug 2020 09:41 PM (IST)
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International Youth Day 2020: इन दो युवाओं के आविष्कार ने किया कोरोना पर वार, समाज को दी नई दिशा
देहरादून, जेएनएन। International Youth Day 2020 युवा ऊर्जा का स्रोत होते हैं। वह समाज की दशा और दिशा दोनों बदलने का दमखम रखते हैं। दून के कुछ युवाओं ने इसे चरितार्थ करते हुए कोरोनाकाल में आपदा को भी अवसर बना लिया और ऐसे नवाचार कर डाले जो समाज को न सिर्फ इस महामारी से सुरक्षित रखने में सहयोग कर रहे हैं, बल्कि उज्ज्वल भविष्य का संबल भी प्रदान कर रहे हैं। आज अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर दैनिक जागरण आपको दून के ऐसे ही दो युवाओं से परिचित कराने जा रहा है, जिनके छोटे-छोटे प्रयासों ने समाज को नई दिशा देने का काम किया है। साथ ही ये युवा उनके लिए प्रेरणास्रोत भी हैं। वो अपनी रचनात्मकता और नवीन सोच से छोटी उम्र में कुछ बड़ा करने की चाहत रखते हैं।

अभिलाष ने बनाई कोविड सेफ्टी जैकेट

देहरादून के सरस्वती विहार में रहने वाले अभिलाष सेमवाल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड सेफ्टी जैकेट तैयार की है। इस जैकेट की खूबी यह है कि अगर कोई व्यक्ति शारीरिक दूरी के मानक तोड़कर इसे पहनने वाले के करीब पहुंचता है, तो अलार्म बजने लगता है। यह अलार्म सिस्टम जैकेट में लगे सेंसर की मदद से काम करता है। अभिलाष ने बताया कि फिलहाल उन्होंने पुलिस प्रशासन को कुछ जैकेट बनाकर भेंट की हैं। इसमें पांच मीटर की रेंज का सेंसर लगाया गया है यानी जैकेट में दिए गए विकल्प का इस्तेमाल कर सार्वजनिक जगहों पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए पांच मीटर तक का मानक तय किया जा सकता है। 

इस परिधि में किसी व्यक्ति के प्रवेश करते ही जैकेट आपको अलर्ट कर देगी, जिससे आप उस शख्स से उचित शारीरिक दूरी बना सकें। आभिलाष ने कोरोनाकाल में आम लोगों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन भी तैयार की है। कोविड-19 स्मार्ट एप नाम की इस एप्लीकेशन में सभी थानों, क्षेत्रवार राशन और सब्जी की होम डिलीवरी करने वाले स्टोर, डॉक्टर और अन्य जरूरी सुविधाओं के मोबाइल नंबर मौजूद हैं। अभिलाष ने वस्तुओं को सैनिटाइज करने के लिए वाशिंग मशीन के आकार की एक डिवाइस भी बनाई है। यूवी तकनीक की मदद से दो से तीन मिनट के अंदर डिवाइस में रखी वस्तुएं सैनिटाइज हो जाती हैं। अभिलाष मूल रूप से चमोली जिले के कर्णप्रयाग के रहने वाले हैं। एमटेक करने के बाद अब वह आइआइटी खड़कपुर में एक रिसर्च प्रोग्राम के तहत शोध कर रहे हैं।

रजत जैन ने तैयार किया ऑटोमेटेड वेंटिलेटर और अटूट फेस शील्ड

दुनिया में सबसे छोटी ईसीजी मशीन बनाकर रिकॉर्ड कायम करने वाले रजत जैन और उनकी टीम ने कुछ अस्पतालों के साथ मिलकर कोरोनाकाल में पोर्टेबल वेंटीलेटर तैयार किया है। यह वेंटिलेटर पूरी तरह ऑटोमेटिक है और आवाज से नियंत्रित होता है। बीटेक कर चुके रजत जैन और उनकी टीम ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्लास्टिक की फेस शील्ड भी बनाई है।

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रजत ने इसके निर्माण में पॉलीकाबरेनेट का इस्तेमाल किया, जिससे यह शील्ड अटूट तो है ही, इसे सैनिटाइजर की मदद से पूरी तरह स्टेरेलाइज्ड भी किया जा सकता है। वर्तमान में यह शील्ड देहरादून, पौड़ी, श्रीनगर समेत कई दूसरे अस्पतालों में इस्तेमाल की जा रही है। रजत ने कुछ समय पहले स्पंदन नाम का मोबाइल एप भी तैयार किया था, जिससे कुछ ही पलों में ईसीजी चेक किया जा सकता है। अब उन्होंने इस एप में कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग का विकल्प भी जोड़ दिया है।

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