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Uttarakhand: उत्तराखंड परिवहन निगम के सामने मुसीबत, निगम की करीब 400 बसों को दिल्ली में नहीं मिलेगा प्रवेश; जानें वजह

Uttarakhand Transport Corporation त्यौहारी सीजन में उत्तराखंड परिवहन निगम के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। दिल्ली मार्ग परिवहन निगम के लिए सबसे मुनाफे का मार्ग है लेकिन एक नवंबर से उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 400 बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा। दिल्ली सरकार ने एक माह पूर्व ही बीएस-6 बसों की एडवाइजरी जारी कर दी थी। जानिए क्यों नहीं मिलेगा दिल्ली में बसों को एंट्री...

By Ankur AgarwalEdited By: riya.pandeyUpdated: Wed, 18 Oct 2023 07:53 AM (IST)
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Uttarakhand: उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 400 बसों को दिल्ली में नहीं मिलेगा प्रवेश

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Transport Corporation: त्यौहारी सीजन में उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। दिल्ली मार्ग परिवहन निगम के लिए सबसे मुनाफे का मार्ग है, लेकिन एक नवंबर से उत्तराखंड परिवहन निगम की करीब 400 बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा।

दरअसल, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर एक नवंबर से प्रतिबंध लग जाएगा। वर्तमान में उत्तराखंड से दिल्ली के लिए करीब 400 बसों का संचालन हो रहा और यह सभी यूरो-4 यानी बीएस-4 श्रेणी की हैं। वर्तमान में परिवहन निगम के पास केवल 150 अनुबंधित सीएनजी बसें (बीएस-6 श्रेणी) की ही हैं, जो दिल्ली में प्रवेश के लिए मान्य होंगी।

दिल्ली में केवल बीएस-6 श्रेणी की बसों के प्रवेश की अनुमति

दिल्ली सरकार ने एक नवंबर से केवल बीएस-6 श्रेणी की बसों के प्रवेश की अनुमति दी है, जबकि उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) के पास बीएस-6 श्रेणी की अपनी एक भी बस नहीं है। केवल 150 अनुबंधित सीएनजी बसें ही ऐसी हैं, जो बीएस-6 श्रेणी की हैं।

दिल्ली सरकार ने एक माह पूर्व ही बीएस-6 बसों की एडवाइजरी जारी कर दी थी, मगर उत्तराखंड में अधिकारी निश्चिंत बैठे रहे। मंगलवार को हुई नोटिस की कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इस संबंध में परिवहन निगम राज्य सरकार से मामला सुलझाने की गुहार लगाने की तैयारी कर रहा है।

रोजाना लगभग 35 हजार यात्री करते हैं दिल्ली की यात्रा

उत्तराखंड की बसों में रोजाना 30 से 35 हजार यात्री दिल्ली की यात्रा करते हैं। अगर बसों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा तो उत्तराखंड की बसें दिल्ली सीमा तक ही जा सकेंगी। इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होगी, बल्कि परिवहन निगम को भी घाटा उठाना पड़ सकता है। तकरीबन 1300 बस बेड़े वाले परिवहन निगम की गढ़वाल मंडल की 250 व कुमाऊं मंडल की 150 बसें प्रतिदिन दिल्ली जाती हैं। गढ़वाल की ज्यादातर बसें कश्मीरी गेट आइएसबीटी जबकि कुमाऊं की बसें आनंद विहार आइएसबीटी जाती हैं।

दूसरे राज्य जाने वाली बसें भी होंगी प्रभावित

दिल्ली में बीएस-4 डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगता है तो दिल्ली होकर दूसरे राज्यों को जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें भी प्रभावित हो सकती हैं। दिल्ली से होकर बसें गुरुग्राम, फरीदाबाद, आगरा, जयपुर, अजमेर व अलवर, खाटूश्यामजी आदि के लिए संचालित होती हैं।

सुपर डीलक्स वाल्वो भी बीएस-4

परिवहन निगम की सुपर डीलक्स वाल्वो बसें भी बीएस-4 श्रेणी की हैं। ऐसे में इन बसों के दिल्ली में प्रवेश पर भी संकट खड़ा हो गया है। वर्तमान में निगम के पास 53 अनुबंधित वाल्वो बसें हैं, जिनमें 47 बसें दिल्ली के लिए चल रही हैं। इनमें 27 बसें अकेले देहरादून से दिल्ली भेजी जाती हैं और ज्यादातर बसें आनलाइन टिकट में ही फुल रहती हैं। ऐसे में जिन्होंने एक नवंबर के बाद के टिकट बुक किए हुए, उन्हें परेशानी हो सकती है।

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उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार, प्रदूषण को लेकर दिल्ली की ओर से जारी एडवाइजरी की जानकारी मिली है। अब तक अधिकारिक तौर पर बसों के प्रवेश के रोक का पत्र नहीं मिला है। एडवाइजरी में बीएस-6 बसों के संचालन का जिक्र तो किया गया है, लेकिन पुरानी डीजल बसों पर प्रतिबंध लगाने जैसी बात नहीं थी। इस बारे में पूरी जानकारी लेकर शासन को अवगत कराया जाएगा।

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