आइएसबीटी फ्लाइओवर पर किया गया है ये बेतुका प्रयोग, जानिए
राजधानी देहरादून में सड़क सुविधा के नाम पर इंजीनियरिंग का मखौल उड़ाया जा रहा है। यह काम भी उस विभाग के अधिकारी कर रहे हैं जिसे सड़क इंजीनियरिंग का मास्टर माना जाता है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Thu, 23 May 2019 09:23 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। आज के आधुनिक दौर में भी राजधानी देहरादून में सड़क सुविधा के नाम पर इंजीनियरिंग का मखौल उड़ाया जा रहा है। यह काम भी उस विभाग के अधिकारी कर रहे हैं, जिसे सड़क इंजीनियरिंग का मास्टर माना जाता है। यकीन न हो तो एक चक्कर आइएसबीटी फ्लाईओवर का लगा आइए। फोरलेन में तैयार किए गए इस फ्लाईओवर की एक लेन (दून से सहारनपुर की तरफ जाने वाली) का 20 मीटर से भी अधिक हिस्सा सिंगल लेन से भी पतला हो गया है। इस हिस्से पर वाईशेप के फ्लाईओवर को जोड़ा गया है और यहां पर दोनों तरफ के ट्रैफिक को अलग-अलग करने के नाम पर अटपटे ढंग से स्प्रिंग पोस्ट खड़े कर दिए गए हैं।
फ्लाईओवर पर किया गया यह बेतुका प्रयोग बल्लीवाला फ्लाईओवर के प्रयोगों जैसा ही है। बल्लीवाला फ्लाईओवर पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिस तरह इस डबल लेन फ्लाईओवर को भी बीच में डिवाइडर लगाकर दो हिस्सों में बांट दिया गया था, उसी तरह आइएसबीटी फ्लाईओवर की एक लेन को बीचोंबीच दो हिस्सों में बांट दिया गया है।
देखनेभर से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंजीनियरिंग के नाम पर यह किसी मजाक से कम नहीं और यह सुरक्षा के नाम पर किए गए इस प्रयोग से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है।
इसलिए करना पड़ा यह अटपटा प्रयोग
राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून (पूर्व में रुड़की खंड) ने हरिद्वार बाईपास रोड की तरफ से एक डबल लेन फ्लाईओवर का निर्माण किया है। यह फ्लाईओवर आइएसबीटी फ्लाईओवर के समानांतर जाने की जगह उसके बीच के हिस्से पर मिल जाता है। डबल लेन होने के चलते इसका प्रयोग हरिद्वार रोड की तरफ से आने वाले वाहन करेंगे। जो कि आगे चलकर आइएसबीटी फ्लाईओवर की एक लेन में मिलकर आगे बढ़ेंगे।
ऐसे में अधिकारियों को चिंता सता रही थी कि कहीं देहरादून की तरफ से आने वाले वाहन इस वन-वे वाले फ्लाईओवर पर उल्टी दिशा में हरिद्वार रोड की तरफ न बढ़ें। अब इस डबल लेन फ्लाईओवर को टू-वे तो किया नहीं जा सकता, लिहाजा अधिकारियों ने इसके जोड़ वाले हिस्से पर करीब 20 मीटर भाग पर आइएसबीटी फ्लाईओवर की एक लेन को स्प्रिंग पोस्ट लगाकर सिंगल लेन कर दिया है। अब स्थिति यह हो गई है कि जिस हिस्से पर दोनों तरफ के वाहन मिलेंगे, वहां सड़क की चौड़ाई सिंगल लेन से भी पतली है और यदि वाहनों ने एक दूसरे को ओवरटेक करने की जरा भी कोशिश तो वह या तो आपस में यह डिवाइडर या फिर पैराफिट से टकरा सकते हैं।
मुख्यमंत्री करेंगे लोकार्पण आचार संहिता के समाप्त होने के बाद इस वाईशेप वाले फ्लाईओवर का लोकार्पण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को करना है, जबकि इसकी तकनीकी खामी को लेकर अभी से सवाल खड़े हो गए हैं। देखने वाली बात यह होगी कि फ्लाईओवर पर किए गए अटपटे प्रयोग को लेकर मुख्यमंत्री क्या प्रतिक्रिया देते हैं। इतना जरूर है नजर आ रहा है कि इस पर वाहनों का संचालन शुरू होने के बाद दुर्घटना की आशंका बढ़ जाएगी।
यह बेतुके प्रयोग पहले ही मुसीबत बने -बल्लीवाला फ्लाईओवर
हादसे रोकने के लिए पहले डबल लेन फ्लाईओवर को स्प्रिंग पोस्ट लगाकर दो हिस्सों बांटा। इसके बाद भी हादसे नहीं थमे तो पूरे फ्लाईओवर पर रंबल स्ट्रिप्स वाले स्पीड ब्रेकर लगा दिए गए। इसके बाद जाम की समस्या बढ़ी तो अधिकतर स्पीड ब्रेकर उखाड़ भी दिए गए। बाईपास रोड का रेलवे ओवर ब्रिज
रिस्पना पुल की तरफ बायीं लेन वाली एप्रोच रोड के कट को खुला छोड़ दिया गया। जिससे यहां पर चारों तरफ से वाहनों के टकराव का अंदेशा रहता है। जिसके चलते यहां पर खुले कट से गुजर रही कार को बचाने के चक्कर में एक रोडवेज बस पलट चुकी है। कट को बंद करने की जगह एप्रोच रोड पर बड़े-बड़े स्पीड ब्रेकर जरूर बना दिए गए हैं। यह भी पढ़ें: रोड़ी-पत्थर बिछाकर सड़क का निर्माण करना भूला नगर निगम, परेशानी
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