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Rishikesh Accident: कोई नहर में बहा, तो कोई खाई में गिरा...पांच मिनट के सफर में काल का ग्रास बने चार लोग

Rishikesh Accident ऋषिकेश में दर्दनाक हादसा हुआ है। राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) की चीला रेंज में इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन के दौरान हुए हादसे में वन अधिकारियों सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे से सभी सदमे में हैं। लगातार अधिकारियों की मौत को लेकर सवाल किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये कि वाहन टेस्टिंग में इतने अधिकारी क्यों गए।

By Harish chandra tiwari Edited By: Swati Singh Updated: Tue, 09 Jan 2024 03:32 PM (IST)
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हादसे के बाद चीला मार्ग पर जमा भीड़। जागरण
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) की चीला रेंज में इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन के दौरान हुए हादसे में दो वन अधिकारियों के सहित चार की मौत और एक महिला अधिकारी के लापता होने के खबर से महकमे में हड़कंप मच गया। मृतकों व घायलों को रेस्क्यू कर एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया, जहां इस हादसे की खबर मिलने के बाद भारी भीड़ जुट गई।

देर रात तक एम्स के ट्रामा परिसर का माहौल गमगीन रहा। आरटीआर के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को चीला रेंज में एक गोष्ठी आयोजित की गई थी। जिसमें आरटीआर के सभी अधिकारी मौजूद थे।

वाहन की टेस्टिंग करना पड़ा भारी

गोष्ठी के बाद अधिकारियों ने पार्क की चीला रेंज में वन्य जीवों की सुरक्षा व बचाव कार्य के लिए खरीदे गए इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन की टेस्टिंग लेने का निर्णय लिया। इस दौरान वन्य जीव प्रतिपालक आलोकी, वन क्षेत्राधिकारी शैलेश घिल्डियाल, उप वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद ध्यानी सहित अन्य लोग कंपनी के कर्मचारियों के साथ इस वाहन में सवार हो गए।

700 मीटर आगे ही चले थे कि...

चीला रेंज के गेट से इस इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर से 700 मीटर आगे ही चले थे कि इस वाहन का पिछला टायर फट गया। गौहरी रेंज से ड्यूटी खत्म कर अपने दोपहिया वाहन पर चीला की ओर जा रहे डिप्टी रेंजर रमेश कोठियाल ने बताया कि जब यह दुर्घटना हुई तब वह इस वाहन के सामने मुश्किल से 200 मीटर की दूर पर थे। एक धमाके के साथ वाहन अपनी बायीं ओर एक पेड़ से टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वाहन टक्कर के बाद मार्ग के दूसरी ओर पैराफीट से जा टकराया।

हादसे का नजारा देख दग रह गए लोग

जब वह पास पहुंचे तो कुछ लोग वाहन में जख्मी थे, जबकि कुछ बायीं ओर खाई में और कुछ चीला शक्ति नहर की ओर गिर गए थे। चूंकि वाहन खुला हुआ था, इसलिए इसमें सवार सभी लोग अलग-अलग दिशाओं में टक्कर लगने से बाहर की ओर छिटक गए। उन्होंने बताया कि आसपास के राहगीर भी इस दुर्घटना को देखकर रुक गए। सूचना पाकर तत्काल चीला पुलिस चौकी व चीला रेंज से वनकर्मी मौके पर पहुंच गए।

घायलों को भेजा गया एम्स

आसपास से घायलों को रेस्क्यू कर वाहनों की मदद से एम्स ऋषिकेश भेजा गया। जहां दुर्भाग्यवश चार लोगों की मौत हो गई। पता चला कि वन्य जीव प्रतिपालक आलोकी लापता हैं और पांच लोग घायल हो गए। दुर्घटना की सूचना पाकर चीला स्थित कर्मचारियों की कालोनी में भी हड़कंप मच गया।

स्वजन जैसे तैसे एम्स ऋषिकेश पहुंचे। जहां स्वजन की मृत्यु का समाचार पाकर स्वजन चीखने- चिल्लाने लगे। वनकर्मियों और अधिकारियों ने किसी तरह स्वजनों को शांत कराया। इस भीषण हादसे में चार लोग की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया।

आखिर इतने लोग क्यों हो गए सवार

राजाजी टाइगर रिजर्व में इस वाहन को जिप्सी वाहनों के विकल्प के रूप में लाने की तैयारी थी। फिलहाल इस वाहन को वन्य जीवों के रेस्क्यू और उन्हें इंटरसेप्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाना था। इस इलेक्ट्रिक वाहन की अभी ठीक से टेस्टिंग भी नहीं हुई थी। बताया जा रहा है कि इससे पहले वन मंत्री तथा मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक इसकी टेस्टिंग ले चुके थे।

मगर, सोमवार को जब अधिक भार क्षमता के साथ इस वाहन की टेस्टिंग ली गई तो यह वाहन चार जिंदगियों के लिए काल बन गया। सवाल यह उठता है कि आखिर इस वाहन में 10 लोग क्यों सवार हो गए। बताया जा रहा है कि वाहन को कंपनी का ही चालक चला रहा था, जबकि इस वाहन में तीन-चार चालक राजाजी टाइगर रिजर्व के थे। वन्य जीव प्रतिपालक , वन क्षेत्राधिकारी, उप वन क्षेत्राधिकारी तथा पशु चिकित्सकों को इस वाहन में टेस्टिंग के लिए रहना जरूरी हो सकता था। मगर, पार्क के तीन चालक और कंपनी के दो-तीन कर्मचारी इस वाहन की क्षमता में संभवतया ओवरलोड ही हो गए थे, जिससे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

जिम्मेदारी से बचते रहे अधिकारी

चीला रेंज में चीला जलविद्युत गृह के समीप हुए वाहन हादसे को लेकर आरटीआर के अधिकारी देर रात तक कुछ भी कहने से बचते रहे। घटना की सूचना के बाद प्रमुख वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ समीर सिन्हा व आरटीआर के निदेशक डा. साकेत बडोला एम्स पहुंचे। उन्होंने वनकर्मियों व अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। इस दौरान जब मीडिया ने उनसे घटना के संबंध में जानकारी चाही तो उनका कहना था कि इस माहौल में वह कुछ भी नहीं कह सकते। संबंधित वाहन के संबंध में जानकारी लेने पर अधिकारियों का कहना था कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

विभाग की लचर प्रणाली से पुलिस व प्रशासन भी खफा

चीला पावर हाउस के समीप वाहन दुर्घटना में दो विभागीय अधिकारियों सहित चार की मौत व पांच घायलों की सूचना पर ऋषिकेश व लक्ष्मणझूला थाने की पुलिस एम्स पहुंची। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश योगेश मेहरा भी एम्स में मौजूद थे। पांच बजे की घटना के बाद रात्रि आठ बजे तक मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारियों को मृतकों व घायलों के संबंध में उनके नाम के अलावा उनके माता-पिता के नाम व मूल पते को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। जिससे पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी अपने उच्च अधिकारियों को जानकारी देने में असहज नजर आए।

वाहन में सवारों की संख्या को लेकर असमंजस

दुर्घटनाग्रस्त वाहन में सवाल वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व कंपनी के कर्मचारियों की संख्या को लेकर देर रात तक असमंजस की स्थिति बनी रही। दरअसल इस दुर्घटना में चार लोग की मौत हो गई, जबकि पांच घायलों का एम्स में उपचार चल रहा है। एक महिला अधिकारी लापता बताई जा रही है। मगर, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने नहर में एक महिला व एक पुरुष को गिरते व बहते हुए देखा। ऐसे में वाहन में सवार लोग की संख्या कुल दस थी ग्यारह इसको लेकर देर रात तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।

आज जिप्सी सफारी रहेगी बंद

चीला-ऋषिकेश मार्ग पर हुई दुर्घटना में चार वन कर्मियों की मौत के चलते राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटन रेंजों में मंगलवार को जिप्सी सफारी का संचालन नहीं होगा। टाइगर सफारी वेलफेयर सोसायटी के सचिव शशि राणाकोटी ने बताया कि दुखद घटना को देखते हुए फिलहाल सोसायटी की ओर से पर्यटन गतिविधियां बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

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