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अटल आयुष्मान के फर्जीवाड़े में दो अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़ा कर सरकार को चपत लगाने वाले दो अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया है।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 12 Jul 2019 01:58 PM (IST)
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अटल आयुष्मान के फर्जीवाड़े में दो अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई
देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में फर्जीवाड़ा कर सरकार को चपत लगाने वाले दो अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया है। साथ ही उनकी सूचीबद्धता भी समाप्त कर दी गई है। 

काशीपुर स्थित जनसेवा अस्पताल पर भी योजना से जुड़े फर्जीवाड़े में कार्रवाई की गई है। अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त कर उसके द्वारा अब तक प्रस्तुत 73 क्लेम निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें 58 केस की राशि, 207000 अस्पताल द्वारा प्राप्त की गई थी। जिसे अब उसे वापस करना होगा। इस पर दोगुना दंड 41,4000 भी लगाया गया है। 

वहीं, पांच मामलों में अस्पताल ने अधिक धनराशि क्लेम की। इस पर पांच गुना दंड 45000 रुपये लगाया गया है। अस्पताल को अब कुल 6,66,000 रुपये सात दिन के भीतर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण को चुकाने होंगे। 

जनसेवा अस्पताल काशीपुर की जांच में पता चला कि इस अस्पताल में तैनात एकमात्र चिकित्सक डॉ. विशाल हुसैन 24 घंटे उपलब्ध हैं। जबकि ऐसा असंभव है कि एक डॉक्टर 24 घंटे किसी अस्पताल में उपलब्ध हो। इसके साथ ही इस अस्पताल में 47 मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा से रेफर किए गए, जहां कोई डॉक्टर नहीं है। 

इस तरह यहां यह रेफरल का खेल फार्मासिस्ट अनुराग रावत के साथ मिलकर खेला गया है। अनुराग के खिलाफ पहले ही आस्था अस्पताल के मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है। अभिलेखों की जांच में यह पाया गया कि 31 मरीजों का उपचार केवल दो पैकेज के अंतर्गत किया गया है। कुल 73 मामलों में 18 इमरजेंसी केस हैं, जबकि 55 प्लांड। 14 केस में प्री-ऑथ अप्रूवल ही नहीं लिया गया है। 

सात दिन के भीतर भरने होंगे 167400 रुपये 

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से जुड़े फर्जीवाड़े में रुद्रपुर के कृशन अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त कर दी गई है। साथ ही अस्पताल द्वारा प्रस्तुत 17 क्लेम भी निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें छह क्लेम की राशि 55,800 रुपये का भुगतान किया गया था, जिसे अस्पताल को अब को वापस करना होगा। इस राशि पर दोगुना दंड 111600 रुपये भी लगाया गया है। अस्पताल को अगले सात दिन के भीतर कुल 167400 रुपये राज्य स्वास्थ्य अभिकरण को लौटाने होंगे। 

काशीपुर बाईपास रोड स्थित अस्पताल में सूचीबद्धता की तिथि से कुल 17 मरीजों का इलाज किया गया। सभी मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। जबकि कोई भी रेफरल केस नहीं था। वहीं अस्पताल द्वारा प्रस्तुत समस्त मेडिकल अभिलेखों की जांच के बाद समस्त मरीजों के जांच प्रपत्रों में मरीज के भर्ती का समय और उनके प्रोग्रेस चार्ट में भी कोई समय अंकित नहीं पाया गया। 

डिस्चार्ज कार्ड में समय और तिथि अंकित नहीं की गई थी। अस्पताल की सूचीबद्धता के लिए दिए आवेदन में बताया गया कि डॉ. गौरव अग्रवाल वहां एकमात्र चिकित्सक हैं। जबकि वे जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय रूद्रपुर में संविदा पर तैनात पूर्णकालिक एलोपैथिक चिकित्सक हैं। 

कृशन अस्पताल में उनकी 24 घंटे उपलब्धता दिखाई गई। अभिलेखों के परीक्षण में यह भी पता लगा कि अस्पताल ने बिना प्री-ऑथ अप्रूवल ही उपचार शुरू कर दिया। मेडिकल रिकॉर्ड से पता लगा कि मरीजों की डायग्नोसिस बिना किसी जांच की गई। 

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के निदेशक-प्रशासन डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि दोनों अस्पतालों को नियमानुसार अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया गया था। पर उनका उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया। निर्धारित अवधि में भुगतान न होने पर वसूली की जाएगी। 

रुद्रपुर के कृशन अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त, दोगुना जुर्माना

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से जुड़े फर्जीवाड़े में रुद्रपुर के कृशन अस्पताल पर बड़ी कार्रवाई की गई है। अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त कर दी गई है। अस्पताल द्वारा प्रस्तुत 17 क्लेम भी निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें छह क्लेम की राशि 55,800 रुपये का भुगतान किया गया है। जिसे अस्पताल को अब को वापस करना होगा। इस राशि पर दोगुना दंड 111600 रुपये भी अस्पताल पर लगाया गया है। अस्पताल को अगले सात दिन के भीतर कुल 167400 रुपये राज्य स्वास्थ्य अभिकरण को लौटाने होंगे। 

रुद्रपुर के काशीपुर बाईपास रोड स्थित अस्पताल में सूचीबद्धता की तिथि से कुल 17 मरीजों का इलाज किया गया, लेकिन सभी मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। जबकि कोई भी रेफरल केस नहीं था। वहीं अस्पताल के द्वारा प्रस्तुत समस्त मेडिकल अभिलेखों की जांच के बाद समस्त मरीजों के जांच प्रपत्रों में मरीज के भर्ती का समय और उनके प्रोग्रेस चार्ट में भी कोई समय अंकित नहीं पाया गया। 

डिस्चार्ज कार्ड में समय और तिथि अंकित नहीं की गई थी। अस्पताल की सूचीबद्धता के लिए दिए आवेदन में बताया गया था कि डॉ. गौरव अग्रवाल वहां एकमात्र चिकित्सक हैं। जबकि वे जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर में संविदा पर तैनात पूर्णकालिक एलोपैथिक चिकित्सक हैं। कृशन अस्पताल में उनकी 24 घंटे उपलब्धता दिखाई गई। 

अभिलेखों के परीक्षण में यह भी पता लगा कि अस्पताल ने बिना प्री-ऑथ अप्रूवल ही उपचार शुरू कर दिया। मेडिकल रिकॉर्ड से पता लगा कि मरीजों की डायग्नोसिस बिना किसी जांच के की गई। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के निदेशक-प्रशासनडॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि निर्धारित अवधि में उक्त धनराशि वापस न करने पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी। 

आयुष्मान कार्ड धारकों को ओपीडी में मिलेगा सस्ता इलाज

प्रदेश सरकार अब अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के कार्ड धारकों को ओपीडी में सस्ता इलाज देने की तैयारी कर रही है। अभी तक आयुष्मान कार्ड धारकों को ओपीडी में सस्ते इलाज की कोई सुविधा नहीं है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की दो दरें तय की जाएंगी। एक आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए और दूसरी अन्य के लिए। 

प्रदेश के अधिकांश लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। ऐसे में बाहर से इलाज कराने आने वालों के लिए ओपीडी शुल्क कुछ महंगा होगा। प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत अभी तक 32 लाख से अधिक लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। 

इन्हें सरकारी एवं निजी अस्पतालों में पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की गई है। इस योजना का लाभ 53 हजार से अधिक मरीज उठा चुके हैं। योजना के कार्ड धारकों को अभी तक राज्य में ही मुफ्त इलाज की सुविधा है। 

हालांकि इस योजना में अभी ओपीडी की सुविधा कवर नहीं की गई है। अब सरकार आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए ओपीडी में सस्ता इलाज देने की तैयारी कर रही है। सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अभी तक सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी का शुल्क एक समान है। 

प्रदेश के अस्पतालों में अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं। इस कारण प्रदेश सरकार अब ओपीडी के शुल्क में बदलाव की तैयारी कर रही है। योजना ओपीडी में दो तरह का शुल्क रखने की है। इसमें आयुष्मान कार्ड धारकों का शुल्क सस्ता और शेष का शुल्क कुछ महंगा होगा। जल्द ही इसकी दरें तय कर दी जाएंगी।

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