Move to Jagran APP

हल्द्वानी समेत 5 शहरों में बेहतर होंगी नागरिक सुविधाएं, समझौते पर ADB और केंद्र सरकार ने किए हस्ताक्षर; होंगे ये काम

उत्तराखंड के 5 शहरों में नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए ADB और केंद्र सरकार ने 200 मिलियन डालर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना के तहत इन शहरों में जलापूर्ति स्वच्छता शहरी गतिशीलता समेत अन्य सेवाओं में सुधार किया जाएगा। एडीबी के बोर्ड ने 200 मिलियन डालर के इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। बुधवार को इस संबंध में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

By kedar dutt Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 06 Nov 2024 08:53 PM (IST)
Hero Image
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। जागरण
राज्य ब्यूरो, देहरादून। हल्द्वानी समेत उत्तराखंड के पांच शहरों में जलापूर्ति, स्वच्छता, शहरी गतिशीलता समेत अन्य सेवाएं अब बेहतर होंगी। इसके लिए उत्तराखंड जीवन यापन सुधार परियोजना के तहत एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) 200 मिलियन डालर (लगभग 2447 करोड़ रुपये) की राशि ऋण के रूप में उपलब्ध करा रहा है।

बुधवार को दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी की तरफ से भारत में इंडिया रेजिडेंट मिशन की निदेशक मियो ओका ने इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। उत्तराखंड शासन में सचिव और उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के कार्यक्रम निदेशक चंद्रेश कुमार के हस्ताक्षर भी इसमें हैं।

शहरी क्षेत्रों में नागरिक सुविधाएं बेहतर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार बाह्य सहायतित योजनाओं पर भी जोर दे रही है। इसी क्रम में एडीबी से वित्त पोषण के दृष्टिगत पांच शहरों के लिए उत्तराखंड जीवन यापन सुधार परियोजना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था।

हाल में ही एडीबी के बोर्ड ने 200 मिलियन डालर के इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। बुधवार को इस संबंध में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर केंद्रीय संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी ने कहा कि यह परियोजना केंद्र सरकार के शहरी विकास एजेंडे के साथ-साथ शहरी सेवाओं में विस्तार के लिए उत्तराखंड सरकार की पहल के अनुरूप है।

एडीबी की इंडिया रेजिडेंट मिशन की निदेशक मियो ओका ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य ऐसे शहरी ढांचे का निर्माण करना है, जो बाढ़ व जलवायु और पर्यावरणीय परिवर्तन के कारण भूस्खलन जैसे जोखिमों से निबटने में सक्षम हो। साथ ही उत्तराखंड की आबादी की सुरक्षा व स्वास्थ्य दोनों संरक्षित हो।

परियोजना में शामिल शहरों के लिए तय धनराशि

गढ़वाल मंडल

शहर राशि (करोड़ रुपये में)
कोटद्वार 373
विकासनगर 510

कुमाऊं मंडल

शहर राशि (करोड़ रुपये में)
हल्द्वानी 668
किच्छा 463
चंपावत 240

शहरों में ये होंगे कार्य

हल्द्वानी: राज्य की आर्थिक गतिविधियों के केंद्र हल्द्वानी में नमो भवन (सभी राजकीय कार्यालयों के लिए बहुद्देश्यीय प्रशासनिक भवन), बस टर्मिनल, शहरी गतिशीलता के लिए 16 किमी लंबी जलवायु अनुकूल सड़क, आधुनिक यातायात प्रबंधन प्रणाली, सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, बाढ़ प्रबंधन में सुधार को 36 किलोमीटर लंबी वर्षा जल निकासी व सड़क किनारे नालियां और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली।

चंपावत: 160 किमी पेयजल नेटवर्क, 4000 घरेलू पेयजल संयोजन, 2900 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशयों का निर्माण और 3.5 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) क्षमता के पेयजल शोधन संयंत्र की स्थापना।

किच्छा: 402 किमी पेयजल नेटवर्क, 20000 घरेलू पेयजल संयोजन, 6800 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशय व नलकूपों का निर्माण।

कोटद्वार: 330 किमी पेयजल नेटवर्क, 22196 घरेलू पेयजल संयोजन, 4000 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशय व नलकूपों का निर्माण।

विकासनगर : 131 किमी पेयजल नेटवर्क, 9400 घरेलू पेयजल संयोजन, 3650 किलोलीटर क्षमता के चार जलाशय व नलकूपों का निर्माण और 58 किलोमीटर सीवेज नेटवर्क,10098 सीवेेज संयोजन और 7.5 एमएलडी क्षमता का सीवेज शोधन संयंत्र।

तीन साल में पूरे होंगे काम

उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के कार्यक्रम निदेशक चंद्रेश कुमार ने बताया कि एडीबी के वित्त पोषण वाली इस परियोजना में शामिल शहरों में प्रस्तावित कार्य पूर्ण करने के लिए तीन साल की अवधि निर्धारित की गई है। कुछ शहरों में यह कार्य प्रारंभ भी कर दिए गए हैं। अब एडीबी से धनराशि मिलने पर इनमें तेजी आएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि ऋण की यह राशि 80: 20 के अनुपात में मिली है। इसमें 80 प्रतिशत राशि ऋण है, जिस पर केंद्र सरकार 90 प्रतिशत ग्रांट देगी, जबकि 10 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। शेष 20 प्रतिशत राज्यांश होगा।

18 साल तक संचालन व रखरखाव

हल्द्वानी को छोड़ शेष चार शहरों में प्रस्तावित पेयजल व सीवेज से संबंधित योजनाओं के पूर्ण होने के बाद 18 साल तक इनके संचालन और रखरखाव का जिम्मा उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के पास रहेगा। परियोजना में पांचों शहरों में निर्माण कार्यों पर 2254 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि शेष राशि रखरखाव, संचालन समेत अन्य कार्यों पर व्यय होगी।

यूआइबी से भी होगा एमओयू

राज्य के चार अन्य शहरों पिथौरागढ़, रुद्रपुर, काशीपुर व सितारगंज में भी अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (यूआइबी) भी 2766 करोड़ रुपये की योजनाओं के प्रस्तावों को स्वीकृति दे चुका है। इस संबंध में भी जल्द एमओयू होगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।