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केदारनाथ में अगले माह तैयार हो जाएगी शंकराचार्य समाधि स्थली, 12 फीट ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित

Adi Shankaracharya Samadhi site in Kedarnath केदारनाथ में अगले माह तैयार हो जाएगी शंकराचार्य समाधि स्थली। समाधि स्थली में स्थापित होगी आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा। चिनूक हेलीकाप्टर के जरिए गौचर से पहुंचाई जाएगी केदारनाथ वायुसेना से इस बारे में चल रही वार्ता।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 07:20 AM (IST)
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केदारनाथ में अगले माह तैयार हो जाएगी शंकराचार्य समाधि स्थली।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Adi Shankaracharya Samadhi site in Kedarnath द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली अगले माह तैयार हो जाएगी। वहां शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची और 35 टन वजनी प्रतिमा इसी माह चिनूक हेलीकाप्टर के जरिए गौचर से केदारनाथ पहुंचाई जाएगी। शासन की ओर से इस संबंध में वायुसेना से लगातार वार्ता की जा रही है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के मुताबिक प्रतिमा पहुंचाने को जल्द ही तिथि फाइनल कर दी जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली भी तैयार की जा रही है। जून 2013 की जलप्रलय में यह समाधि बह गई थी। प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशों के क्रम में ही समाधि स्थली का विशेष डिजाइन तैयार किया गया। केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे छह मीटर जमीन की खुदाई कर समाधि तैयार की गई है। इसके मध्य में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होनी है। मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी व उनके पुत्र अरुण ने कृष्णशिला पत्थर से प्रतिमा तैयार की है।

इसी साल जून आखिर में शंकराचार्य की प्रतिमा गौचर लाई गई। अब इसे स्थापित करने के लिए केदारनाथ ले जाने की तैयारी है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य लगभग पूरे होने को हैं। आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली का कार्य भी अंतिम चरण में है।

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उन्होंने बताया कि शंकराचार्य की प्रतिमा को वायुसेना के चिनूक हेलीकाप्टर से केदारनाथ पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। इस बारे में वायुसेना से वार्ता चल रही है। 15 से 20 सितंबर के बीच की कोई तारीख तय कर प्रतिमा को गौचर से केदारनाथ ले जाया जाएगा। जावलकर के मुताबिक प्रतिमा स्थापित होने के बाद अक्टूबर तक समाधि स्थली का कार्य पूर्ण हो जाएगा।

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