Uttarakhand Lockdown: जो जहां हैं, वहीं रहें; ठहरने व खाने का इंतजाम प्रशासन ने किया
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने दून में फंसे लोगों से अपील की है कि जो लोग जहां हैं वहीं रहें।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 01 Apr 2020 11:25 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने दून में फंसे लोगों से अपील की है कि जो लोग जहां हैं, वहीं रहें। यदि किसी के पास रहने व खाने का संकट है तो उनकी जिम्मेदारी प्रशासन उठाएगा। ऐसे लोगों के लिए प्रशासन ने अभी तक तीन प्रतिष्ठानों में 84 कमरों का अधिग्रहण कर लिया है। संकट में फंसे लोग हालात सामान्य होने तक यहां रखे जाएंगे। इनके खाने-पीने की व्यवस्था भी प्रशासन करेगा।
दूसरी तरफ कोरोना संदिग्धों को चिकित्सीय निगरानी में क्वारंटाइन करने के लिए छह प्रतिष्ठानों में 634 कमरों का अधिग्रहण अब तक कर लिया गया है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि सामाजिक, धार्मिक संगठन व निजी स्तर पर भी लोग इस काम में सहयोग करें।हॉस्टल के 50 बेड उपलब्ध कराने की पेशकश
सामाजिक भागीदारी के हाथ निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। हर्रावाला निवासी राकेश सुंदरियाल ने डीएम को पत्र भेजकर प्रेमनगर स्थित 50 बेड का हॉस्टल प्रशासन के सुपुर्द करने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम की जिस भी व्यवस्था के लिए जरूरत है, उनके हॉस्टल का प्रयोग किया जा सकता है।
कलक्ट्रैट में थम नहीं रही भीड़, अब सिर्फ आनलाइन बनेंगे पास कुछ लोग दून में वास्तिवक रूप से फंसे हैं, मगर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो लॉकडाउन को छुट्टी मानकर घर जाने पर अड़े हैं। आपात स्थिति में फंसे लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने ऑनलाइन पास जारी करने के अलावा ऑफलाइन पास की व्यवस्था भी बनाई थी। मगर, दून से बाहर निकलने वालों में ऐसे लोग भी थे, जिनके समक्ष कोई आपात हालात नहीं थे। वहीं, कलेक्ट्रेट परिसर में ये लोग बार-बार टोके जाने के बाद भी फिजिकल डिस्टेंस (शारीरिक दूरी) के नियम का भी पालन नहीं कर रहे थे। लिहाजा, ऑफलाइन पास की व्यवस्था को फिलहाल बंद कर दिया गया है।
ऑनलाइन पास जारी करने के नोडल अधिकारी रामजी शरण शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में की गई सख्ती के बाद सिर्फ आपात स्थिति वाले लोगों को ही पास जारी किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों के आवेदन तत्काल निरस्त कर दिए जा रहे हैं, जिनमें अन्यत्र जाने की कोई विशेष वजह नहीं है। आवेदनों का परीक्षण भी बारीकी से किया जा रहा है। पहले आपात स्थिति वाले आवेदन जांचे जा रहे हैं। यही कारण है कि सात दिन में 5106 आवेदनों में से 1153 आवेदन निरस्त किए गए हैं और 1326 आवेदनों को ही स्वीकृति मिल पाई है। हालांकि, जो अधिकतर अनुमति जारी की गई है, उनमें आवश्यक कार्यों में लगे लोगों के पास शामिल हैं।
यहां ठहर सकते हैं देहरादून में फंसे लोग
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- होटल ग्रैंड लीगेसी, पटेलगनगर (20 कमरे)
- होटल पद्मिनी (25 कमरे)
- स्वामी राम साधक ग्राम, ऋषिकेश (40 कमरे)
- कराबी हाउस कंडोली (56 कमरे)
- अरावली कंडोली (84 कमरे)
- एवन स्कॉलरहोम कंडोली (90 कमरे)
- आशीर्वाद होम बिधौली (79 कमरे)
- अग्रसेन विला बिधौली (75 कमरे)
- सीमा डेंटल कॉलेज ऋषिकेश (250)