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CoronaVirus: कोरोना को लेकर सोशल मीडिया में अफवाहों का दौर, इससे निपटने को सक्रिय हुआ प्रशासन

चारों ओर कोरोना की दहशत है। ऐसे में कुछ शरारती तत्व तरह-तरह की अफवाह फैलाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। इससे निपटने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 19 Mar 2020 06:00 PM (IST)
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CoronaVirus: कोरोना को लेकर सोशल मीडिया में अफवाहों का दौर, इससे निपटने को सक्रिय हुआ प्रशासन
देहरादून, जेएनएन। चारों ओर कोरोना की दहशत है। ऐसे में कुछ शरारती तत्व तरह-तरह की अफवाह फैलाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। सोशल मीडिया और बाजारों में इस प्रकार का भ्रम पैदा किया जा रहा है कि कोरोना के कारण शहर की सब्जी मंडियां और राशन की दुकानें बंद होने वाली हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। जिलाधिकारी भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि इन्हें बंद करने की कोई योजना नहीं है। पर्याप्त मात्रा में सभी खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं। यही नहीं अफवाहों से निपटने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है। मंडी समिति और खाद्य आपूर्ति विभाग को छापेमारी और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट व तहसीलदार भी स्वयं धरातल पर स्थिति पर नजर रखेंगे।

बीते रोज दिनभर अफवाहों के दौर के बाद शाम को शहर की तमाम सब्जी मंडियों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने अच्छी-खासी मात्रा में सब्जी खरीदी। विक्रेताओं ने भी इस मौके को हाथों-हाथ भुनाया और सब्जियों के दाम दोगुने से तीन गुने तक वसूले। सूचना मिली तो जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव भी सक्रिय हुए और अफवाहों का खंडन करते हुए अधीनस्थों को कार्रवाई के निर्देश दिए।

उम्मीद थी कि बुधवार को अफवाहों पर लगाम लगेगी और हालात सामान्य होंगे, पर ऐसा नहीं हुआ रात खुलते ही निरंजनपुर स्थित मंडी में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों में सब्जियां खरीदने को मारामारी रही। किसी को पूछो कि क्या बात है तो जवाब मिलता कि मंडी बंद होने वाली है और कब खुलेगी कोई नहीं जानता। ऐसे में घर में पर्याप्त सब्जी भर लो वही ठीक है। हालांकि, प्रशासन ने इस संबंध में सक्रियता दिखाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। छापेमारी के साथ ही कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

बोले जिलाधिकारी

डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि अफवाह फैलाने वालों और ऐसी परिस्थितियों का अनुचित लाभ लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को कहा गया है। सभी उप जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट व तहसीलदार को सक्रिय रूप से निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। जनता को भी समझदारी से काम लेना चाहिए। किसी प्रकार का कोई आपूर्ति संकट नहीं है।

डीएम ने तलब किया कोटे का ब्यौरा

जमाखोरी की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने मंडी समिति के सचिव और जिला पूर्ति अधिकारी से सब्जी और राशन के कोटे का ब्यौरा तलब किया। उन्होंने जमाखोरी की आशंका को देखते हुए अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंडी समिति को सब्जी विक्रेताओं की निगरानी और जमाखोरी पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, पूर्ति अधिकारी को भी छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं।

आलू-प्याज भर लो कई दिन चल जाएंगे

मंडियां बंद होने की अफवाहें क्या उड़ी, शहरभर के लोग आलू-प्याज पर टूट पड़े। सबका यही कहना था कि कई दिन तक सब्जी न मिली तो आलू-प्याज से ही काम चला लेंगे। फिर क्या दो गुने दामों में भी लोगों ने आलू-प्याज हाथों-हाथ खरीदे।

दून में कुछ शरारती तत्वों के सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से भ्रामक प्रचार करने के कारण लोगों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। लोगों ने अफवाहों पर यकीन कर मान लिया कि अब लंबे समय के लिए मंडियां और राशन की दुकानें बंद हो रही हैं। ऐसे में जितना हो सके खाद्य सामग्री घर में रख लो। सुबह के समय लोग मंडी पहुंचे और सब्जियों की खरीदारी करने लगे। अधिकतर लोगों ने जमकर आलू और प्याज ही खरीदा। लोगों का कहना था कि आलू-प्याज खाकर ही काम चला लेंगे। बुधवार को मंडी में करीब 70 फीसद आलू और 60 फीसद प्याज अधिक बिका। हालांकि, मंडी में आलू-प्याज की उपलब्धता पर्याप्त रही। आलू 1826 कुंतल तो प्याज 1173 कुंतल पहुंचा था।

मंडी समिति ने की कार्रवाई

फुटकर विक्रेताओं के मनमाने दाम वसूलने की सूचना पर मंडी समिति की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की और करीब छह दुकानदारों के तराजू जब्त कर उन्हें नोटिस थमाया। मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि कुछ फुटकर विक्रेता 20 रुपये की बजाय 40 रुपये किलो में आलू बेच रहे थे, जबकि प्याज भी 28 रुपये के बजाय 50 रुपये किलो तक बेचा गया। जिस पर उक्त विक्रेताओं पर कार्रवाई की गई।

घबराएं नहीं, निर्बाध जारी  है फल-सब्जी की आपूर्ति

सोशल मीडिया पर सब्जियों के साथ रोजमर्रा की जरूरत के सामान की आपूर्ति बंद होने की अफवाह का असर बुधवार को भी नजर आया। निरंजनपुर सब्जी मंडी में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। हालांकि, कहीं से भी फल और सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित नजर नहीं आई। मंडी समिति का कहना है कि आमजन को तनिक भी घबराने की जरूरत नहीं है। अफवाह फैलाने वालों और मनमाने दाम वसूल रहे सब्जी विक्रेताओं के झांसे में भी न आने की अपील की गई है।

दरअसल, सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैला दी गई कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जिले की सब्जी मंडियों को बंद किया जा रहा है। इसके बाद निरंजनपुर सब्जी मंडी में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस अफवाह का असर बुधवार सुबह भी देखने को मिला। मंडी में बड़ी संख्या में लोग फल व सब्जियां खरीदने पहुंचे और सामान्य से अधिक मात्रा में खरीदारी की। आम दिनों से ज्यादा भीड़ होने का फायदा उठाकर कुछ फुटकर विक्रेताओं ने कई गुना अधिक दाम पर सब्जियां बेचीं। जिसको लेकर मंडी में कई बार हंगामा भी हुआ। हालांकि, मंडी में न तो सब्जी की आवक घटी है और न ही फलों की। इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है।

मंडी समिति के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने भी जनता से अपील की है कि किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। मंडी को बंद करने की कोई योजना नहीं है। यहां फल और सब्जियों की निर्बाध आपूर्ति हो रही है। शहर में फल-सब्जी की किसी प्रकार की कमी नहीं हो रही है।

डीएम ने गठित की दो सदस्यीय समिति

जिलाधिकारी ने आवश्यक खाद्य सामग्री की पूर्ति, गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण पर निगरानी के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की है। जिसमें जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी और जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी जीसी कंडवाल को शामिल किया गया है। वहीं, बुधवार को निरंजनपुर मंडी का निरीक्षण कर फल और सब्जियों का स्टॉक व गुणवत्ता परखी गई।

राशन और रसोई गैस की नहीं है कोई कमी

कोरोना वायरस जितनी तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है, उतनी ही तेजी से इससे जुड़ी अफवाहें भी जन्म ले रही हैं। मंगलवार को शहर में यह अफवाह तेजी से फैल गई कि दून में सब्जी, राशन और घरेलू गैस की आपूर्ति जल्द ठप होने वाली है। अफवाह इतनी तेजी से फैली कि देखते-देखते मंगलवार से ही राशन की दुकानों, मंडी और गैस एजेंसियों पर उपभोक्ताओं की भीड़ लग गई। जबकि दून में न तो राशन की कमी है, न रसोई गैस की। कोरोना को लेकर दहशत फैलाने का काम सोशल मीडिया पर हो रहा है।

सुबह से ही अफवाह फैलने लगी कि मंडी बंद होने जा रही है, राशन और रसोई गैस की आपूर्ति भी ठप होने जा रही है। अफवाह के चलते मंगलवार शाम से ही लोगों ने राशन और अन्य सामान स्टॉक करना शुरू दी। वहीं रसोई गैस भरवाने को लेकर भी मारामारी शुरू हो गई। बुधवार दोपहर तक ये रहा कि जिन दुकानों में महीनों से राशन स्टाक में पड़ा था, उनका माल हाथों-हाथ बिक गया। आढ़त बाजार, हनुमान चौक, चकराता रोड, घंटाघर समेत अन्य बाजारों से लोगों ने भारी मात्रा में राशन उठाया।

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उधर, गैस एजेंसी संचालकों ने बताया कि सोमवार से ही उपभोक्ताओं के फोन आना शुरू हो गए थे। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से लगातार अफवाहों का खंडन होने के बाद स्थिति कुछ सामान्य हुई। एलपीजी एसोसिएशन के अध्यक्ष चमन लाल ने बताया कि  पूर्ति विभाग ओर से लोगों को जागरूक करने के आदेश मिले थे, उनका पूरा पालन हो रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि राशन और रसोई गैस की कोई कमी नहीं है। कंडारी ने लोगों को बिना वजह राशन और रसोई गैस की स्टॉकिंग न करने की अपील की।

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