Move to Jagran APP

Dehradun में सालाना खर्च देकर ''पालें'' घड़ियाल-गुलदार, उल्लू के लिए आ रहे बंपर आवेदन

Dehradun Zoo देहरादून चिड़ियाघर में वन्यजीवों को गोद लेने का अनोखा अवसर! मामूली वार्षिक भुगतान करके आप घड़ियाल गुलदार उल्लू और अन्य पक्षियों को गोद ले सकते हैं। लेकिन दीपावली का पर्व नजदीक होने के कारण उल्लू के महत्व को देखते हुए चिड़ियाघर में बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। जानिए कैसे आप भी वन्यजीव संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 18 Oct 2024 06:51 PM (IST)
Hero Image
Dehradun Zoo: वन्यजीवों को वार्षिक भुगतान पर गोद लेने की व्यवस्था. Concept Photo

जागरण संवाददाता, देहरादून। Dehradun Zoo: मामूली सालाना खर्च देकर दून में आप वन्यजीव ''पाल'' सकते हैं। देहरादून चिड़ियाघर के वन्यजीवों को वार्षिक भुगतान पर गोद लेने की व्यवस्था है। जिसके तहत यहां सभी प्रकार के वन्यजीवों को कोई भी गोद लेकर उनका खर्च उठा सकता है। लेकिन, इन दिनों लोग अन्य जीवों की बजाय उल्लू गोद लेने में खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। दीपावली पर उल्लू के महत्व को देखते हुए चिड़ियाघर में बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं।

चिड़ियाघर के निदेशक नीरज कुमार ने बताया कि चिड़ियाघर में मौजूद सभी जीवों को गोद लिया जा सकता है। निर्धारित वार्षिक धनराशि देकर घड़ियाल, गुलदार से लेकर तमाम पक्षी गोद लिए जा सकते हैं। हालांकि, दीपावली से पहले लोग उल्लू को गोद लेकर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। इसी क्रम में यहां पिछले कुछ दिन में डेढ़ दर्जन आवेदन आ चुके हैं।

यह भी पढ़ें- Uttarakhand Weather: पहाड़ों में बढ़ने लगी ठिठुरन, मैदान में गुलाबी ठंड; पढ़ें आने वाले दिनों कैसा रहेगा मौसम

18 आवेदन प्राप्त

चिड़ियाघर में 12 उल्लू हैं और उन्हें गोद लेने के लिए पिछले कुछ दिनों में ही 18 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। एक उल्लू को गोद लेने के लिए सालाना पांच हजार रुपये जमा कराने होते हैं। वहीं, उल्लू के बाड़े के बाहर गोद लेने वाले की नाम पट्टिका लगाई जाती है। साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाता है।

ये है मान्यता

  • हिंदू मान्यताओं के अनुसार, उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन है।
  • भारतीय संस्कृति में उल्लू का विशेष महत्व है।
  • खासकर दिवाली के समय मां लक्ष्मी की पूजा और उल्लू का महत्व और भी बढ़ जाता है।
  • पुराणों में कहा गया है कि नारद मुनि ने मानसरोवरवासी उलूक से संगीत शिक्षा ग्रहण करने के लिए उपदेश लिया था।
  • वाल्मीकि रामायण में भी उल्लू को मूर्ख के स्थान पर अत्यंत चतुर कहा गया।
  • पाश्चात्य संस्कृति में भी उल्लू को विवेकशील माना गया है।
  • उल्लू पर विराजमान लक्ष्मी अप्रत्यक्ष धन कमाने वाले व्यक्तियों के घरों में उल्लू पर सवार होकर जाती हैं।

कस्तूरी संस्था ने लिए मकाऊ लिए गोद

मालसी स्थित चिड़ियाघर में कस्तूरी संस्था ने एक साल के लिए दो जोड़े मकाऊ (विदेशी तोते) गोद लिए। इसके लिए संस्था की ओर से जू को 20 हजार का चेक दिया गया। संस्था की पदाधिकारियों ने आमजन से भी अपील की है कि चिड़ियाघर के विभिन्न जीवों को गोद लेकर उनके संरक्षण व संवर्द्धन में भागीदार बनें।

यह भी पढ़ें- IIT Roorkee के मेस के खाने में मिले जिंदा चूहे, छात्रों ने जमकर किया हंगामा और नारेबाजी; वीडियो देखें

इस दौरान संस्था की सचिव नीलम मोहन, एपीसीसीएफ नीना ग्रेवाल, नीलिमा शाह, सुजान रसैली, स्नेहा सिंह, स्निग्धा पात्रो, शिमना मनोज आदि उपस्थित रहे। चिड़ियाघर के प्रभारी रेंजर विनोद लिंगवाल ने संस्था से चेक प्राप्त किया।

चिड़ियाघर में उपलब्ध प्रमुख वन्य जीव

  • वन्य जीव, वार्षिक भुगतान राशि
  • हिरण, 5000
  • गुलदार, 25000
  • घड़ियाल, 20000
  • मगरमच्छ, 10000
  • गरुड़, 5000
  • उल्लू, 5000
  • आस्ट्रिच, 25000
  • ईमू, 7000
  • मोर, 10000
  • लव बर्ड, 5000
  • कछुआ, 5000
  • यलो मकाऊ, 10000
  • प्लम हेडेड पैराकीट, 5000
  • सांप, 20000
  • फिश एक्वैरियम टैंक, 20000
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।