Uttarakhand में जोखिम भरी हो सकती हैं पहाड़ की सर्पीली सड़कें, लेकिन अगर पहुंच गए हैं तो छह बातों का रखें ध्यान
Advisory for Tourists वर्षाकाल में पहाड़ की सर्पीली सड़कें सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा जोखिमभरी हो गई हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों भारी वर्षा हो रही है। पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से मार्ग निरंतर अवरुद्ध भी हो रहे हैं। इसलिए अगर आप चारधाम यात्रा या भ्रमण के लिए उत्तराखंड आने की योजना बना रहे हैं तो सुरक्षा के दृष्टिगत कुछ दिन रुक जाएं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Advisory for Tourists: वर्षाकाल में पहाड़ की सर्पीली सड़कें सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा जोखिमभरी हो गई हैं। इन दिनों पर्वतीय क्षेत्रों में कब और कहां भूस्खलन हो जाए, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में जानमाल के नुकसान का खतरा बना हुआ है।
कुछ दिन रुक जाएं
पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से मार्ग निरंतर अवरुद्ध भी हो रहे हैं। इसलिए अगर आप चारधाम यात्रा या भ्रमण के लिए उत्तराखंड आने की योजना बना रहे हैं तो सुरक्षा के दृष्टिगत कुछ दिन रुक जाएं। अपरिहार्य कारणों से आना ही पड़ रहा है तो पर्वतीय मार्गों पर सावधानी बरतें। विशेषकर रात्रि में और वर्षा के दौरान सफर करने से बचें।
पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों भारी वर्षा
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों भारी वर्षा हो रही है। इससे मार्गों पर भूस्खलन होने से जगह-जगह पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिर रहे हैं। चारधाम समेत विभिन्न मार्गों पर कई पुराने भूस्खलन क्षेत्र भी सक्रिय हो गए हैं। यही नहीं, कई नए भूस्खलन जोन भी उभर आए हैं। इन क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने पर भी पहाड़ी से पत्थरों की बरसात हो रही है। इससे सफर में जोखिम बना हुआ है।
भूस्खलन के चलते अवरुद्ध हो रहे मार्गों पर फंसने से यात्रियों के साथ पुलिस-प्रशासन को भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मौसम की चुनौती के बीच मार्गों को खोलने में घंटों लग रहे हैं। केदारनाथ धाम में भूस्खलन से पैदल मार्ग ध्वस्त हो चुका है। इसी तरह यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर भी भूस्खलन फिसलन की चुनौतियां बनी हुई हैं। एसे में इन दिनों चारधाम यात्रा करने से बचें।
पर्वतीय मार्गों पर सफर के दौरान वरतें ये सावधानी
- रात में और वर्षा के दौरान सुरक्षा के दृष्टिगत सफर न करें।
- वर्षाकाल में पहाड़ में धुंध-कोहरा दृश्यता कम कर देते हैं, इस समय भी यात्रा से बचें।
- भूस्खलन क्षेत्र में जल्दबाजी न करें।
- साइन बोर्ड पर नजर रखें, खतरनाक स्थानों पर सावधानी पूर्वक चलें।
- राजमार्ग अवरुद्ध होने पर नजदीकी सुरक्षित कस्बों में ठहरें।
- यात्रा के दौरान भोजन और पर्याप्त कपड़े साथ लेकर चलें।